कर्नाटक में राइड-हेलिंग पर जीएसटी लगाने का प्रस्ताव

वाहन चालकों ने की आलोचना

कर्नाटक में राइड-हेलिंग पर जीएसटी लगाने का प्रस्ताव

बेंगलुरु, 21 दिसंबर। उर्मई कुरल ड्राइवर्स एसोसिएशन ने शनिवार को कर्नाटक सरकार के राइड-हेलिंग सब्सक्रिप्शन मॉडल पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के प्रस्ताव पर चिंता जताई और कहा कि इससे चालकों की कमाई को नुकसान पहुंचेगा और गिग इकॉनमी के विकास में बाधा आएगी।

दैनिक यात्रियों के लिए राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म महत्वपूर्ण हो गए हैं, लेकिन इन सेवाओं की सफलता काफी हद तक चालक-भागीदारों की आय पर निर्भर करती है। उरीमाई कुरल ड्राइवर्स ट्रेड यूनियन के महासचिव जहीर हुसैन ने कहा कि सब्सक्रिप्शन मॉडल ने चालकों की आय में क्रांतिकारी बदलाव किया है। पारंपरिक कमीशन-आधारित प्रणाली के विपरीत, (जहां चालकों को भारी कटौती का सामना करना पड़ता था) सब्सक्रिप्शन मॉडल चालकों को एकमुश्त शुल्क का भुगतान करने और पूरा किराया रखने की अनुमति देता है, जिससे पारदर्शिता के साथ उनकी कमाई बढ़ती है तथा कोई छिपा हुआ शुल्क नहीं लगता है। श्री हुसैन ने कहा, "हम पहले से ही सब्सक्रिप्शन शुल्क पर जीएसटी का भुगतान करते हैं, इसलिए प्रत्येक सवारी पर कर लगाना अनुचित है।"

उन्होंने कहा कि वित्तीय स्वतंत्रता और अधिक बचत के लिए कई चालक सब्सक्रिप्शन मॉडल में चले गए हैं। इस बदलाव के कारण राइड-हेलिंग प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ने वाले चालकों की संख्या में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे गिग इकॉनमी को लाभ हुआ है। सब्सक्रिप्शन मॉडल लेन-देन को सरल बनाता है, जिससे चालक अपनी सुविधानुसार राइड चुन सकते हैं और प्लेटफ़ॉर्म की भागीदारी के बिना सीधे यात्रियों के साथ किराया तय कर सकते हैं।

कई प्लेटफ़ॉर्म पर काम कर चुके ऑटो चालक एन अरविंदन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कमीशन मॉडल में अक्सर अनिश्चित प्रोत्साहन के साथ 40 प्रतिशत तक की कटौती होती है। इसके विपरीत, सब्सक्रिप्शन मॉडल लचीलापन प्रदान करता है, जिससे चालक अपने किराए पर पूरा नियंत्रण रखते हुए जितनी चाहें उतनी राइड ले सकते हैं। उन्होंने कहा, "अगर हर राइड पर जीएसटी लगाया जाता है, तो यह हमें गंभीर रूप से प्रभावित करेगा।" एक अन्य ऑटो चालक रमेश ने कहा कि सब्सक्रिप्शन मॉडल संचालन पर बेहतर नियंत्रण प्रदान करता है, जिसमें रद्दीकरण या भुगतान में देरी के लिए कोई दंड नहीं है। उन्होंने अधिकारियों से जीएसटी प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया, इस बात पर जोर देते हुए कि सब्सक्रिप्शन मॉडल ने चालक समुदाय को बहुत लाभ पहुँचाया है।

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हुसैन ने जीएसटी परिषद से प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने का आह्वान करते हुए कहा कि चालकों की कमाई पर अतिरिक्त कर लगाए बिना सदस्यता-आधारित सेवाओं को जारी रखने की अनुमति दी जाए।

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