फर्जी कंपनियों ने फ्रॉड से पास कराए 61545 करोड़ के आईटीसी

 25,009 फर्जी फर्म उजागर, 168 जालसाज गिरफ्तार

फर्जी कंपनियों ने फ्रॉड से पास कराए 61545 करोड़ के आईटीसी

नई दिल्ली, 22 अप्रैल (एजेंसियां)। केंद्रीय-राज्य जीएसटी अधिकारियों ने वित्त वर्ष 2024-25 में 61,545 करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को धोखाधड़ी से पास करने में शामिल 25,009 फर्जी फर्मों का पता लगाया है। इस अवधि में आईटीसी को रोक कर कुल 1,924 करोड़ वसूले गए और 168 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

केंद्रीय एवं राज्य जीएसटी अधिकारियों ने आईटीसी धोखाधड़ी के जो मामले पकड़ेउनमें दो वित्त वर्षों 2023-24 और 2024-25 के दौरान 42,140 फर्जी कंपनियों का पता चला।इन कंपनियों ने 1.01 लाख करोड़ रुपए से अधिक की आईटीसी धोखाधड़ी की। इन दो वित्त वर्षों में आईटीसी को रोक कर कुल 3,107 करोड़ रुपए की वसूली की गई और 316 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। एक अधिकारी ने बतायाकेंद्र और राज्य सरकारों व जीएसटीएन (माल एवं सेवा कर नेटवर्क) ने फर्जी आईटीसी दावे रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं।इसमें खुफिया जानकारी मुहैया करानाफर्जी पंजीकरण का पता लगाना और संदिग्ध ई-वे बिल गतिविधियों को रोकना शामिल है। जीएसटी के तहत आईटीसी का मतलब आपूर्तिकर्ताओं से खरीद पर व्यवसायों की ओर से चुकाए गए करों से है। इसका दावा अंतिम रूप से टैक्स का भुगतान करते समय क्रेडिट या कटौती के रूप में किया जा सकता है।

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने सोमवार को कहावह जेनसोल इंजीनियरिंग घोटाला मामले में कंपनी के खिलाफ सेबी के आदेश की समीक्षा करने के बाद आवश्यक कार्रवाई करेगा। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पिछले सप्ताह कंपनी के प्रवर्तक बंधुओं अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को विभिन्न मामलों के उल्लंघन के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था। यह आदेश सूचीबद्ध कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग से कर्ज राशि को निजी उपयोग के लिए निकालने के आरोपों के बीच आया है। इसमें कॉरपोरेट प्रशासन व वित्तीय गड़बडि़यों पर चिंताएं जताई गई थी। मंत्रालय ने कहावह कंपनी अधिनियम-2013 के प्रावधानों को देखते हुए बाजार नियामक सेबी के आदेश की समीक्षा कर रहा है।इसके बाद आवश्यक कार्रवाईकी जाएगी।जेनसोल इंजीनियरिंग ने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए इरेडा व पीएफसी जैसी संस्थाओं से 975 करोड़ का कर्ज लिया था। हालांकिइसका सिर्फ एक हिस्सा ही इस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया गया। बाकी पैसे प्रवर्तकों ने व्यक्तिगत इस्तेमाल पर खर्च किएजिसमें लग्जरी अपार्टमेंट खरीदना भी शामिल है।

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