संभल दंगे में शामिल 50 अभियुक्तों पर आरोप तय

अब शुरू होगा ट्रायल, 80 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार

 संभल दंगे में शामिल 50 अभियुक्तों पर आरोप तय

चंदौसी (संभल), 17 मई (एजेंसियां)। संभल हिंसा मामले में 50 आरोपियों पर न्यायालय ने आरोप तय कर दिए हैं। अब ट्रायल शुरू होगा। आरोपियों की ओर से दाखिल डिस्चार्ज प्रार्थना पत्रों को न्यायालय ने खारिज कर दिया है। 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस अब तक 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में आरोपियों की ओर से चार-पांच अधिवक्ताओं ने न्यायालय में डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया और डिस्चार्ज किए जाने के लिए बहस की। जिस पर अभियोजन ने अपने तर्क देकर विरोध किया।

न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुन कर डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। 24 नवंबर 2024 की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे को लेकर मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हो गई थी। इस मामले में पुलिस की ओर से कई मुकदमे दर्ज किए गए। पुलिस अब तक 80 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। जिनकी जमानत अर्जी के लिए न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिए जा रहे हैं। अब तक लगाई गई सभी जमानत अर्जियां खारिज हो चुकी हैं। बृहस्पतिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/एससी एसटी एक्ट रागिनी सिंह के न्यायालय में विवेचक द्वारा लगाए गए आरोप पत्रों पर आरोप तय किए गए।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता हरिओम प्रकाश उर्फ हरीश सैनी ने बताया कि कुछ आरोपियों के पक्ष में चार-पांच अधिवक्ताओं द्वारा अपने-अपने मुल्जिमानों के पक्ष में डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए। जिनमें उनके द्वारा तर्क दिया गया कि उनके अभियुक्त नामजद नहीं हैं। जो हिंसा की घटना में शामिल नहीं थे। पुलिस ने घर से उठा कर बिना तथ्यों के आधार पर जेल भेज दिया। जिसका विरोध करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा न्यायालय को बताया कि सभी के नाम विवेचना में सामने आए हैं। जिसकी वीडियो फुटेज है। पुलिस पर पत्रावली पर साक्ष्य हैं।

सभी 50 आरोपियों के विरुद्ध पुख्ता सबूत हैं। ऐसे में इनका प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाना आवश्यक है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों को सुन कर डिस्चार्ज प्रार्थना खारिज कर दिए गए। सभी 50 आरोपियों के विरुद्ध लगाए गए आरोपों के अनुसार लगाई गई धाराओं के अनुसार आरोप तय किए हैं। अब अभियोजन के द्वारा न्यायालय में साक्ष्यों की गवाही व जुटाए गए साक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे। जिसके आधार पर न्यायालय अंतिम निर्णय लेगा। अब लग रहा है कि जल्दी ही संभल हिंसा मामले पर निर्णय सुनवाई पूरी होने पर जल्दी हो सकता है।

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