अब फूलों का कारोबार भा गया स्नातकोत्तर दंपति को
जम्मू, 09 जून (ब्यूरो)। सरकारी नौकरी पाने के लिए कई साल तक संघर्ष करने के बाद दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा का एक दंपति आजीविका के लिए फूलों के कारोबार में लग गया। पहलगाम नरसंहार के कारण उनके व्यापार को धक्का लगा पर वे घबराए नहीं हैं। इश्फाक अहमद और उनकी पत्नी साबिया मुश्ताक, दोनों स्नातकोत्तर हैं, उन्होंने पुलवामा शहर में जमीन का एक टुकड़ा किराए पर लिया है, जहां वे कई तरह के फूल बेचते हैं।
साबिया ने बताया कि कैसे उन्हें और उनके पति को सरकारी नौकरी पाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। आखिरकार, उन्होंने एक ऐसा व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया जो पर्यावरण के अनुकूल और आर्थिक रूप से टिकाऊ हो। साबिया कहती हैं, पिछले साल हमने छोटे पैमाने पर फूलों का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया। शुरू में मेरा परिवार सहायक नहीं था, लेकिन संभावना को देखने के बाद उन्होंने भी हमें प्रोत्साहित किया। दंपति ने पुलवामा में जमीन किराए पर ली, जहां वे अब लगभग 200 किस्मों के फूल बेचते हैं और आय का एक स्थिर स्रोत स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि फूलों के कारोबार में उतरने का उनका फैसला प्रकृति के प्रति उनके जुनून से प्रेरित था। हम हमेशा कुछ ऐसा शुरू करना चाहते थे जिससे पर्यावरण को लाभ हो। स्वच्छ हवा और शुद्ध ऑक्सीजन के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाना आवश्यक है।
दंपति अपने फूलों का स्टॉक पुणे और चेन्नई से मंगवाते हैं और अपने कारोबार को और आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। इश्फाक और सबिया दोनों का मानना है कि युवाओं को केवल सरकारी नौकरियों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी दर बहुत अधिक है। युवाओं को केवल सरकारी नौकरियों का इंतजार नहीं करना चाहिए, बल्कि जिस क्षेत्र में वे रुचि रखते हैं, उसमें पहल करनी चाहिए। ऐसा करके वे न केवल अपने लिए बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार पैदा करेंगे