सुहास शेट्टी हत्या मामले की जांच एनआईए को सौंपना अपरिहार्य है: परमेश्वर
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने कहा कि मेंगलूरु में सुहास शेट्टी हत्याकांड की जांच एनआईए को सौंपना अपरिहार्य है| पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री के सर्कल को इसका अधिकार दिया गया है| उसी आधार पर उन्होंने एनआईए से जांच करने को कहा है| उन्होंने कहा कि इसे हमें सौंपना अपरिहार्य है|
उन्होंने इस बारे में स्पष्ट स्पष्टीकरण नहीं दिया कि एनआईए को जांच क्यों करनी चाहिए| लेकिन उन्होंने कुछ धाराओं का उल्लेख किया और जांच के लिए कहा| पत्र में इस बात का कोई उल्लेख नहीं है कि इस पत्र के पीछे भाजपा का हाथ है| उन्होंने कहा कि वे हमें दिए गए अधिकार का उपयोग करके जांच की मांग कर रहे हैं| इसलिए उन्होंने कहा कि हमारे पास ज्यादा जानकारी नहीं है|
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को आलाकमान ने दिल्ली बुलाया है| मुझे नहीं पता कि वहां किस तरह की चर्चा हुई| मुझे नहीं बुलाया गया| अगर बुलाया जाएगा तो मैं दिल्ली जाऊंगा| चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई होगी| उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा पूछे गए सवालों पर सरकार की ओर से महाधिवक्ता जवाब तैयार करेंगे और प्रमाण पत्र जारी करेंगे| तथ्यों को कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा| मामले की जांच रिपोर्ट अभी सरकार को नहीं मिली है| उन्होंने कहा कि हम इस स्तर पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते|
ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कार्यकर्ता और कथित उपद्रवी सुहास शेट्टी की सनसनीखेज हत्या की जांच आधिकारिक तौर पर अपने हाथ में ले ली है| सुहास शेट्टी की १ मई को मेंगलूरु शहर पुलिस के अधिकार क्षेत्र में बाजपे के पास किन्नीपदावु में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी| राजनीतिक और सार्वजनिक हलकों से बढ़ती मांगों के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने केंद्रीय एजेंसी को जांच सौंपने का आदेश जारी किया|
एनआईए अब गिरफ्तार आरोपियों को हिरासत में लेगी और उनसे गहन पूछताछ शुरू करने की उम्मीद है| सुहास शेट्टी, जो कथित तौर पर बजरंग दल से जुड़े थे, घटना की रात पांच सहयोगियों के साथ यात्रा कर रहे थे, जब हमलावरों के एक समूह ने रात करीब ८:३० बजे किन्नीपदावु क्रॉस के पास उनके वाहन को रोक लिया| हमलावर, जो मारुति स्विफ्ट कार और पिकअप ट्रक में यात्रा कर रहे थे, ने घातक हथियारों से हमला किया, जिससे शेट्टी गंभीर रूप से घायल हो गए|
कुछ ही देर बाद उनकी मौत हो गई| इस घटना ने व्यापक आक्रोश पैदा किया, खासकर कई संगठनों और राजनीतिक दलों में| भाजपा ने पिछले महीने राज्यपाल थावरचंद गहलोत को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें इस मामले को एनआईए को सौंपने का आग्रह किया गया था, जिसमें सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर ऐसे संवेदनशील मामलों को संभालने में नरमी बरतने का आरोप लगाया गया था| भाजपा ने कहा कि केवल एक केंद्रीय एजेंसी ही निष्पक्ष और गहन जांच सुनिश्चित कर सकती है|
दबाव को बढ़ाते हुए, सुहास शेट्टी की माँ, सुलोचना शेट्टी ने सार्वजनिक रूप से राज्य सरकार के दृष्टिकोण की आलोचना की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अपराध की गंभीरता को कम करने का प्रयास किया जा रहा है| मेरे बेटे को ५० से अधिक लोगों के एक समूह ने प्रताड़ित किया और मार डाला| मंत्री जी परमेश्वर और दिनेश गुंडू राव ने गलत तरीके से उसे उपद्रवी करार दिया| वह बजरंग दल का कार्यकर्ता था, अपराधी नहीं| केवल एनआईए ही न्याय कर सकती है| शुरुआत में, जांच मेंगलूरु सीसीबी (केंद्रीय अपराध शाखा) द्वारा की जा रही थी, जिसने हत्या के सिलसिले में १२ संदिग्धों को गिरफ्तार किया था| हालांकि, गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद, जांच अब औपचारिक रूप से एनआईए को सौंप दी गई है, जो व्यापक साजिश, संगठित अपराध से संभावित संबंधों और इसमें शामिल किसी भी सांप्रदायिक पहलू की जांच करेगी|