आतंकियों के लिए अब कोई भी ठिकाना सुरक्षित नहीं
ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में सैन्य आत्मनिर्भरता पर बोले पीएम मोदी
भारत सरकार ने 2000 करोड़ की रक्षा खरीद मंजूर की
नई दिल्ली, 24 जून (एजेंसियां)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि रक्षा आवश्यकताओं के लिए भारत की विदेशों पर निर्भरता लगातार कम हो रही है। हम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहे हैं। हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी इसका प्रभाव देखा है। हमारी सेनाओं ने मेड इन इंडिया हथियारों की मदद से 22 मिनट में दुश्मनों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में मेड इन इंडिया हथियार दुनिया भर में जाने जाएंगे। पीएम मोदी ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की कठोर नीति को दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है। हमने दिखा दिया है कि भारतीयों का खून बहाने वालों के लिए कोई भी ठिकाना सुरक्षित नहीं है। देशहित में जो सही होता है आज का भारत उसके हिसाब से कदम उठाता है।
आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने की नीति के तहत भारत सरकार ने 2000 करोड़ की रक्षा खरीद को मंजूरी दी है। सेना के आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए रिमोटली पायलेटेड एरियल व्हीकल, कई तरह के ड्रोन्स, बैलिस्टिक हेलमेट, भारी और मध्यम रेंज के क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल और राइफलों के लिए नाइट विजन वगैरह खरीदे जाएंगे। यह रक्षा खरीद आपात अधिग्रहण व्यवस्था के तहत की जा रही है। इस रक्षा खरीद के तहत 13 कॉन्ट्रैक्ट को मंजूरी दी गई है। जिसमें सुरक्षाबलों के लिए आधुनिक हथियार और उपकरण खरीदे जाएंगे, जो आतंकवाद के खिलाफ हमारे सुरक्षाबलों की क्षमताओं में उल्लेखनीय इजाफा करेंगे।
इस रक्षा खरीद की कुल लागत 1981.90 करोड़ होगी। जिसमें भारतीय सेना के लिए इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम की खरीद की जाएगी। साथ ही लो लेवल लाइट वेट रडार, बहुत कम रेंज वाला एयर डिफेंस सिस्टम जैसे लॉन्चर्स और मिसाइल आदि की खरीद की जाएगी। रक्षा मंत्रालय सेना के आतंकवाद रोधी अभियानों के लिए रिमोटली पायलेटेड एरियल व्हीकल, कई तरह के ड्रोन्स, बैलिस्टिक हेलमेट, भारी और मध्यम रेंज के क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल और राइफलों के लिए नाइट विजन जैसे उपकरण खरीदेगा।
श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी के बीच की ऐतिहासिक बातचीत के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज यह देश इतिहास की एक अभूतपूर्व घटना को याद करने का साक्षी बन रहा है। एक ऐसी ऐतिहासिक घटना, जिसने न सिर्फ हमारे स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी, बल्कि स्वतंत्रता के उद्देश्य को नए मायने दिए। सौ साल पहले श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी की वो मुलाकात आज भी उतनी की प्रेरक है, उतनी ही प्रासंगिक है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 100 साल पहले वह मुलाकात, सामाजिक समरसता के लिए, विकसित भारत के सामूहिक लक्ष्यों के लिए आज भी ऊर्जा के स्रोत की तरह है। इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं श्री नारायण गुरु को नमन करता हूं और महात्मा गांधी जी को भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, श्री नारायण गुरु के आदर्श पूरी मानवता के लिए बहुत बड़ी पूंजी हैं। जो लोग देश और समाज की सेवा के संकल्प पर काम करते हैं श्री नारायण गुरु उनके लिए प्रकाश स्तंभ की तरह हैं। आप सभी जानते हैं कि समाज के शोषित, पीड़ित, वंचित वर्ग से मेरा क्या नाता है और इसलिए आज भी जब मैं समाज के शोषित, पीड़ित, वंचित वर्ग के लिए निर्णय लेता हूं तो मैं गुरु देव को जरूर याद करता हूं। पीएम मोदी ने कहा, भारत की विशेषता है कि हमारा देश जब भी मुश्किलों के भंवर में फंसता है, तो कोई न कोई महान विभूति देश के किसी कोने में जन्म लेकर समाज को नई दिशा दिखाता है। कोई समाज के आध्यात्मिक उत्थान के लिए काम करता है, तो कोई सामाजिक क्षेत्र में समाज सुधारों को गति देता है। श्री नारायण गुरु ऐसे ही महान संत थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, अभी हाल ही में हमने विश्व योग दिवस मनाया। इस बार योग दिवस की थीम थी, वन अर्थ, वन हेल्थ यानी एक धरती एक स्वास्थ्य। इससे पहले भी भारत ने विश्व कल्याण के लिए वन वर्ल्ड, वन हेल्थ जैसी पहल की है। आज भारत सस्टेनेबल डेवलपमेंट की दिशा में वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड जैसे ग्लोबल मूवमेंट को लीड कर रहा है। 2023 में जब भारत ने जी-20 समिट को लीड किया था, तब थीम रखा था वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर। हमारे इन प्रयासों में वसुधैव कुटुंबकम की धारणा जुड़ी हुई है।
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