बिहार की वोटर लिस्ट में मिले असंख्य घुसपैठिये
बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के लोग थे बिहार के वोटर
अंतिम सूची से हटा दिए जाएंगे घुसपैठियों के नाम
इसी तर्ज पर पूरे देश में होगी वोटर लिस्ट की जांच
नई दिल्ली/पटना, 13 जुलाई (एजेंसियां)। चुनाव आयोग के अधिकारियों द्वारा बिहार में घर-घर जाकर की गई जांच में बड़ी संख्या में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के लोगों (रोहिंग्या) के नाम मतदाता सूची में पाए गए है। बिहार में बड़ी तादाद में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को मतदाता बनवाया गया और उनके नाम वोटर लिस्ट में डाले गए। राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने इसकी आधिकारिक पुष्टि कर दी है। चुनाव आयोग ने आधिकारिक तौर पर कहा कि चुनाव आयोग के क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं ने बिहार में चल रही मतदाता सूची की गहन समीक्षा के दौरान पाया कि इसमें नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के लोगों बड़ी संख्या में शामिल हैं। चुनाव आयोग ने स्पष्ट कहा कि अवैध प्रवासियों के नाम अंतिम निर्वाचन सूची में शामिल नहीं किए जाएंगे। अंतिम सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद राष्ट्रीय चुनाव आयोग पूरे देश में अवैध प्रवासियों को वोटर लिस्ट से हटाने के लिए मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा करेगा, जिसमें उनके जन्म स्थान की सूक्ष्मता से जांच की जाएगी। बिहार में इस वर्ष चुनाव होना है। असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे पांच अन्य राज्यों में 2026 में विधानसभा चुनाव निर्धारित हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के 38 जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ), निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) और 963 सहायक ईआरओ (एईआरओ) सहित क्षेत्र स्तरीय टीमों की निर्वाचन अधिकारी की ओर से बारीकी से निगरानी की जा रही है। चुनाव आयोग के इन प्रयासों के साथ ही सभी राजनीतिक दलों की ओर से नियुक्त 1.5 लाख बीएलए भी घर-घर जाकर हर मौजूदा मतदाता को शामिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अब तक 80.11% मतदाता जमा कर चुके हैं गणना प्रपत्र पाया गया है।
100 फीसदी मुद्रण पूरा होने और अपने पते पर पाए गए सभी मतदाताओं को मतदाता सूची वितरण का काम लगभग पूरा होने के बाद, आज शाम 6 बजे तक संग्रह 6,32,59,497 या 80.11 फी
चुनाव आयोग ने कितने बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में पाए हैं, उसका खुलासा नहीं किया है। बिहार में कुल करीब 7.89 करोड़ वोटर हैं। चुनाव आयोग ने स्पष्ट कहा कि अवैध प्रवासियों के नाम अंतिम निर्वाचन सूची में नहीं शामिल किए जाएंगे। यह 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी, इसके लिए ऐसे लोगों की उचित जांच एक अगस्त के बाद की जाएगी। चुनाव आयोग अंततः भारत भर में विदेशी अवैध प्रवासियों को हटाने के लिए मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा करेगा, जिसमें उनके जन्म स्थान की विस्तार से जांच की जाएगी। चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के 38 जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ), निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) और 963 सहायक ईआरओ (एईआरओ) सहित क्षेत्र स्तरीय टीमों की निर्वाचन अधिकारी की ओर से बारीकी से निगरानी की जा रही है। चुनाव आयोग के इन प्रयासों के साथ ही सभी राजनीतिक दलों की ओर से नियुक्त 1.5 लाख बीएलए भी घर-घर जाकर हर मौजूदा मतदाता को शामिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं,
100 फीसदी मुद्रण पूरा होने और अपने पते पर पाए गए सभी मतदाताओं को मतदाता सूची वितरण का काम लगभग पूरा होने के बाद, आज शाम 6 बजे तक संग्रह 6,32,59,497 या 80.11 फी
#बिहारवोटरकांड, #फर्जीवोटर, #वोटरलिस्टजांच, #घुसपैठियेवोटर, #बिहारचुनाव, #बांग्लादेशीघुसपैठ, #नेपालीवोटर, #म्यांमारवोटर, #चुनावआयोग