फिर एक महीने चलेगा लोकतंत्र का प्रहसन
संसद के मानसून सत्र को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक
विपक्ष करेगा हंगामा, सरकार पास करेगी विधेयक
नई दिल्ली, 20 जुलाई (एजेंसियां)। बिहार में मतदाता सूची के संशोधन का मसला संसद के मानसून सत्र में विपक्ष का केंद्रीय मुद्दा रहेगा। विपक्ष इस मसले पर सदन में हंगामा करेगा, लेकिन तथ्यों और आंकड़ों के आगे मुंह के बल गिरेगा। संसद सत्र शुरू होने के पहले होने वाली सर्वदलीय बैठक की औपचारिकता आज पूरी की गई। उस बैठक में विपक्ष के तीन एजेंडे खुल कर सामने आ गए, जो संसद के मानसून सत्र में रखे जाएंगे। विपक्ष पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ किए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सवाल उठाएगा। साथ ही युद्ध विराम को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विरोधाभासी बयानबाजियों पर भी विपक्ष केंद्र सरकार से जवाब मांगेगा। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का एजेंडा ही है कि युद्ध विराम के मसले पर भारत सरकार को नीचा दिखाया जाए। राहुल गांधी के इशारे पर सदन में पाकिस्तान परस्त भी शोर-शराबा होने की आशंका है। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा। इसमें कुल 21 बैठकें होंगी। 12 अगस्त से 18 अगस्त के बीच सदन की कोई बैठक निर्धारित नहीं की गई है।
संसद के मानसून सत्र से पहले आज सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक सुबह 11 बजे संसद भवन एनेक्सी के मुख्य समिति कक्ष में शुरू हुई। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में सरकार ने सभी राजनीतिक दलों से संसद के दोनों सदनों के सुचारू संचालन को लेकर बात की। इस सत्र में केंद्र सरकार 8 महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने जा रही है। आज की सर्वदलीय बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भाग लिया। बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और अर्जुन राम मेघवाल ने किया। कांग्रेस के गौरव गोगोई और जयराम रमेश, राकांपा-शरद पवार की सुप्रिया सुले, द्रमुक के टीआर बालू और आरपीआई (ए) नेता एवं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले भी बैठक में शामिल हुए।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मामलों और लंबित विधेयकों पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। संसद में जो भी मुद्दा आएगा, हम उसे सुनेंगे। कल खड़गे जी और राहुल जी के साथ मेरी बहुत अच्छी बैठक हुई। मैं अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ नियमित बैठकें करता रहता हूं। एक संसदीय मंत्री होने के नाते, सभी के साथ समन्वय बनाए रखना मेरी जिम्मेदारी है।
सर्वदलीय बैठक में शामिल कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, इस बार हमें पहले से अधिक उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के माध्यम से देश को संबोधित करेंगे। कई अहम मुद्दे हैं जिन पर सरकार को अपनी बात रखनी चाहिए। पहला मुद्दा पहलगाम का है और उस पर उपराज्यपाल द्वारा दिए गए बयान भी गंभीर हैं। काफी समय बीत चुका है और अब सरकार को इस पर स्पष्ट रूप से अपनी स्थिति संसद में रखनी चाहिए। दूसरा मुद्दा अमेरिकी राष्ट्रपति के हालिया बयान से जुड़ा है, जो भारत की गरिमा और हमारी सेना की वीरता पर सवाल उठाने का है। इसका जवाब सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री ही दे सकते हैं। तीसरा अहम मुद्दा मतदान के अधिकार और चुनाव प्रक्रिया से जुड़ा है। आज जब चुनाव आयोग विभिन्न राजनीतिक दलों से संवाद से बच रहा है, स्पष्टता नहीं दे रहा है, तो आगामी राज्य चुनावों और लोकतांत्रिक ढांचे पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे संसद में आकर सरकार का पक्ष रखें।
गोगोई ने कहा कि हमारे वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा उठाया है। चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ हमारी सीमा पर जो दो-मोर्चे की धुरी बन गई है, वह बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम रक्षा और विदेश नीति पर बात करें। प्रधानमंत्री मोदी को सदन में इन तीनों विषयों पर अपना विचार रखना जरूरी हैय़ उन्होंने कहा कि, सरकार मणिपुर से संबंधित कई विधेयक ला रही है, लेकिन प्रधानमंत्री ने पहले कहा था कि कुछ महीनों में मणिपुर में शांति लौटेगी। अब लगभग ढाई साल बीत चुके हैं, लेकिन वहां अभी भी अशांति का माहौल बना हुआ है। प्रधानमंत्री छोटे-छोटे देशों की यात्रा तो करते हैं, लेकिन अपने ही देश के एक छोटे राज्य में, जहां अब भी हालात गंभीर हैं, वहां जाने से परहेज कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि आगामी संसद सत्र में इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर सकारात्मक और गंभीर चर्चा होगी, और प्रधानमंत्री इन पर सदन में अपना पक्ष स्पष्ट करेंगे।
सर्वदलीय बैठक में शामिल होने वाले आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा, मैंने अपनी पार्टी की ओर से जो मुद्दा उठाया है, वह यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बार-बार कह रहे हैं कि उन्होंने ट्रेड डील के नाम पर सीजफायर करवाया, सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। दिल्ली में झुग्गियां तोड़ी गईं और मैंने यह मुद्दा उठाया है और सरकार को इसे रोकना चाहिए। बिहार में एसआईआर की यह कवायद बंद होनी चाहिए। अगर सरकार जवाब नहीं देती है, तो हम सदन के अंदर और बाहर सवाल उठाएंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन केवल लोकसभा चुनावों के लिए है। आम आदमी पार्टी इंडी गठबंधन से अलग अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ रही है।
केंद्र सरकार ने मानसून सत्र में कुल आठ नए विधेयकों को पेश करने की योजना बनाई है, जिनमें भू-विरासत स्थलों और भू-अवशेषों के संरक्षण और सुरक्षा से संबंधित एक विधेयक भी शामिल है। मानसून सत्र के लिए प्रस्तावित विधेयकों में राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) विधेयक, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक शामिल है।
शनिवार को इंडी गठबंधन ने अपने 24 घटक दलों के साथ एक वर्चुअल बैठक की, जिसमें आठ प्रमुख मुद्दों पर आम सहमति बनी, जिन्हें वे मानसून सत्र के दौरान उठाने की योजना बना रहे हैं। विपक्षी दलों की बैठक में पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा युद्धविराम की घोषणा, भारत की विदेश नीति और बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची पुनरीक्षण शामिल हैं। अनुमान था कि इन मुद्दों पर संसद में टकराव होगा, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर सरकार बातचीत के लिए तैयारी होती है, तो फिर यह विपक्ष और सरकार के बीच सहमति का अनुमान माना जा रहा है। विपक्षी दलों की वर्चुअल बैठक में कांग्रेस से सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, टीएमसी के अभिषेक बनर्जी, शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे और संजय राउत, एनसीपी (एसपी) के शरद पवार और जयंत पाटिल, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, जेएमएम के हेमंत सोरेन, आरजेडी के तेजस्वी यादव और डीएमके के तिरुचि एन शिवा शामिल थे।
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