विदेशों में रखे काले धन का 35105 करोड़ टैक्स बाकी

 केंद्र सरकार ने लोकसभा में दी आधिकारिक जानकारी

 विदेशों में रखे काले धन का 35105 करोड़ टैक्स बाकी

10 वर्ष में सरकार ने वसूले 338 करोड़

साइबर अपराध के मामले 12 लाख बढ़े

नई दिल्ली, 23 जुलाई (एजेंसियां)। केंद्र सरकार ने लोकसभा में यह स्वीकार किया है कि विदेशों में रखे भारत के काले धन का 35105 करोड़ टैक्स लंबित है। केंद्र सरकार पिछले 10 साल में 338 करोड़ रुपए वसूल पाई है। दूसरी तरफ देश में साइबर अपराध बेतहाशा बढ़ा है। केंद्र सरकार ने विदेशी कालाधन कानून के तहत 31 मार्च तक 35,105 करोड़ रुपए से अधिक के टैक्स की मांग की है। इसके अलावा ऐसे मामलों में 163 शिकायतें दी गई हैं। काला धन (अघोषित विदेशी आय और सम्पत्ति) और कर अधिरोपण कानून2015 के तहत सरकार ने एक जुलाई 2015 से 31 मार्च 2025 के बीच करजुर्माना और ब्याज के रूप में 338 करोड़ रुपए वसूल किए हैं।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में यह जानकारी देते हुए कहा कि इस कानून के तहत 31 मार्च 2025 तक दर्ज 1,021 मामलों का आकलन पूरा किया गया। कानून के मुताबिकआयकर रिटर्न भरते समय विदेशी सम्पत्ति और आय का खुलासा करना अनिवार्य है। खुलासा न करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है। भारत को 100 से अधिक विदेशी कर क्षेत्राधिकारों से विदेशी सम्पत्ति और आय की जानकारी मिलती है। सरकार ने विदेशी काला धन कानून के तहत 31 मार्च तक करीब 35,105 करोड़ रुपये का कर और जुर्माना मांगा है और 163 अभियोजन शिकायतें दर्ज की हैं। उन्होंने बताया कि काला धन (अघोषित विदेशी आय और सम्पत्ति) एवं कर अधिरोपण अधिनियम2015 के तहत सरकार ने एक जुलाई 2015 से 31 मार्च 2025 के बीच कर/जुर्माना/ब्याज के रूप में 338 करोड़ रुपए की वसूली की है। 31 मार्च2025 तककाला धन (अघोषित विदेशी आय और सम्पत्ति) एवं कर अधिरोपण अधिनियम2015 के तहत 1,021 आकलन पूरे हो चुके हैं। इनके जरिए लगभग 35,105 करोड़ रुपए से अधिक के कर और जुर्माने की मांग की गई है। कुल 163 अभियोजन शिकायतें दर्ज की गई हैं।

उन्होंने कहा कि कर की मांग तब निर्णायक रूप से स्पष्ट हो जाती है जब आयकर आयुक्त (अपील)आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी)उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अपीलोंयदि कोई होंका निर्णय हो जाता है। काला धन अधिनियम2015 के तहतकरदाताओं के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करते समय निर्दिष्ट अनुसूचियों में सभी विदेशी सम्पत्तियों और आय का खुलासा करना अनिवार्य है। खुलासा नहीं करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है। चौधरी ने बताया कि भारत को 100 से ज़्यादा विदेशी कर क्षेत्राधिकारों से विदेशी सम्पत्तियों और आय के बारे में सूचना मिलती है।

दूसरी तरफ, सरकार ने साइबर अपराध को लेकर जो सूचनाएं सदन में दी हैं, वह काफी गंभीर और खतरनाक हैं। आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि साइबर अपराधी हमारी जेब से रोजाना 63 करोड़ रुपए उड़ा रहे हैं। साइबर अपराधियों ने पिछले साल लोगों को अपने जाल में उलझाकर 22,845.73 करोड़ रुपए लूट लिए। यह वर्ष 2023 की तुलना में 206 प्रतिशत अधिक है। यानीसाइबर अपराधियों के हाथों नागरिकों ने हर महीने 190 करोड़ रुपए और रोजाना 63 करोड़ रुपए गंवा दिए। गृह राज्यमंत्री बी. संजय कुमार ने लोकसभा में बताया कि 2023 में साइबर अपराधियों ने 7,465.18 करोड़ ठगे थे। अब तक केंद्र सरकार की ओर से 9.42 लाख से अधिक सिम कार्ड और 2.63 लाख आईएमईआई ब्लॉक किए गए हैं।

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केंद्रीय मंत्री ने बताया कि साइबर अपराध के मामले में सालभर में ही करीब 12 लाख बढ़ गए। वर्ष 2024 में इसके 36,37,288 मामले सामने आए। वहीं2023 में साइबर अपराध की 24,42,978 घटनाएं दर्ज हुईं। वर्ष 2022 में साइबर अपराध के 10,29,026 मामले सामने आएजो 2023 की तुलना में 55.15 प्रतिशत कम थे। वित्तीय धोखाधड़ी और साइबर अपराध रोकने के लिए शुरू नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग व प्रबंधन प्रणाली पर 17.82 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं। इससे 5,489 करोड़ रुपए से अधिक की राशि बचाई गई है।

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