छोटे व्यापारियों के लिए टैक्स नोटिस मामले में विरोध प्रदर्शन शुरू
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा छोटे और रेहड़ी-पटरी वालों को नोटिस जारी करने के बाद, मुख्यमंत्री सिद्धरामैया एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे, जिससे ज्यादातर छोटे व्यापारियों को फायदा होने की संभावना है| वाणिज्यिक कर विभाग पिछले २० दिनों से छोटे व्यापारियों को नोटिस जारी कर रहा है, जिसमें उन्हें केंद्र सरकार के वस्तु एवं सेवा अधिनियम की धारा २२ के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है|
इस नोटिस में पिछले ४ वर्षों के लेन-देन का जिक्र है| नोटिस में यूपीआई और बैंक लेनदेन के आधार पर औसत व्यापार के आधार पर कर चुकाने का जिक्र होने से व्यापारी चिंतित हैं| इसी सिलसिले में, छोटे और रेहड़ी-पटरी वालों ने आज से दो दिनों के लिए दूध, दही, चाय और कॉफी नहीं बेचकर सहकारी हड़ताल शुरू कर दी है| गुरुवार तक काली पट्टी बाँधकर प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है| २५ जुलाई को फ्रीडम पार्क में एक विशाल विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक कर रहे हैं, जिसका हड़तालियों ने बहिष्कार किया है| कर चुकाने वाले वाणिज्यिक संस्थानों को बैठक में आमंत्रित किया गया है|
जाहिर है, वहाँ किस तरह की चर्चाएँ होंगी और छोटे व्यापारियों पर कर चुकाने का दबाव भी है| इसी संदर्भ में, छोटे व्यापारियों के संगठनों के एक धड़े ने बैठकों का बहिष्कार करने की बात कहते हुए उनका बहिष्कार किया है| लेकिन कुछ व्यापारी अभी भी बैठक में भाग ले रहे हैं| छोटे व्यापारी असंगठित क्षेत्र हैं और नोटिस के बाद संगठनात्मक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों और छोटे व्यापारियों के साथ चर्चा करेंगे और संभव है कि वे पहले से जारी नोटिसों को रद्द करके आने वाले दिनों में उन्हें नियमों के अनुसार जीएस पंजीकरण कराने का निर्देश दें| पिछले चार वर्षों के कारोबार के औसत अनुमान के दौरान सटीक जानकारी प्राप्त करना मुश्किल है|
व्यवसाय से संबंधित लेन-देन या व्यक्तिगत वित्तीय गतिविधियों को अलग करना आसान नहीं है, इसलिए चर्चाएँ हैं कि सभी को कर के दायरे में लाना संभव नहीं है| यूपीआई और बैंक लेनदेन के आधार पर तथा उद्यमियों की क्रय गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए, सेवा क्षेत्र के २० लाख व्यापारियों और उत्पाद एवं वस्तु क्षेत्र के ४० लाख व्यापारियों पर न्यूनतम कर लगाना संभव है|
यदि नोटिसों पर उचित विचार किया जाए, तो व्यापारियों को कर दंड से छूट मिलना संभव है| हालाँकि, केंद्र सरकार ने जीएसटी कानून के तहत अधिसूचित वस्तुओं और सेवाओं का कारोबार करने वाले सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़े व्यापारियों के लिए जीएसटी पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है| कानून का पालन अनिवार्य है|
राज्य सरकार यह संदेश देने के लिए आगे आई है कि इससे भविष्य में बिना किसी समस्या के व्यापार सुगम होगा| जीएसटी पंजीकरण से लघु उद्यमियों के लिए कर वापसी, बैंकिंग ऋण और अन्य सुविधाओं का लाभ बढ़ा है| राज्य सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह लोगों को अभी जारी किए गए नोटिसों से घबराने की सलाह न दे और आने वाले दिनों में सुचारू और सुगम व्यापार पर ध्यान केंद्रित करे|