देश में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा

देश में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए

संविधान के 75 साल बाद यूसीसी लाना जरूरी

नई दिल्ली, 04 अगस्त (एजेंसियां)। सुप्रीम कोर्ट के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान के 75 साल बाद अब समय आ गया है कि समान नागरिक कानून के लक्ष्य को हासिल किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि देश की सभी जातियोंसमुदायों और वर्गों को विश्वास में यूसीसी लागू करने का निर्णय लिया जाना चाहिए। पूर्व मुख्य न्यायाधीश एक देशएक चुनाव के विचार का भी समर्थन कर चुके हैं।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की नई किताब आवर लिविंग कांस्टीट्यूशन के विमोचन कार्यक्रम में कहा कि भारतीय संविधान देश को स्थिरता प्रदान करने वाली सबसे बड़ी ताकत है। भारत का संविधान विभिन्न समुदायोंधर्मोंक्षेत्रों और संस्कृतियों को एक सूत्र में जोड़कर भारत को एक राष्ट्र के रूप में गढ़ता है। उन्होंने कहा कि संविधान संविधान हमेशा के लिए है। पिछले 75 वर्षों में शासनमहामारी और आंतरिक व बाहरी चुनौतियों के कई दौर आएलेकिन संविधान ने देश को स्थिरता देने का काम किया।

चंद्रचूड़ ने देश में समान नागरिक संहिता यानि यूनिफार्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने की वकालत करते हुए कहा कि संविधान में भी समान नागरिक संहिता की इच्छा व्यक्त की गई है। संविधान के 75 साल बाद अब समय है कि इस लक्ष्य को हासिल किया जाए। डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यूसीसी को लेकर चर्चा युवा पीढ़ी के लिए बेहद अहम हैक्योंकि वही देश का भविष्य है। संविधान सिर्फ दस्तावेज नहींबल्कि नागरिक के जीवन में बदलाव लाने वाली जीवंत ताकत है।

जस्टिस चंद्रचूड़ एक देशएक चुनाव का भी समर्थन कर चुके हैं। उन्होंने इस पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति के सामने 11 जुलाई को कहा था कि लोकसभा और विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराना संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं है। हालांकिउन्होंने प्रस्तावित बिल में चुनाव आयोग को दी जाने वाली शक्तियों पर चिंता भी जताई थी। उन्होंने कहा था कि इससे चुनाव आयोग को विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाने या घटाने की शक्ति मिल सकती है। उन परिस्थितियों को परिभाषित किया जाना चाहिए जिनमें चुनाव आयोग इस शक्ति का इस्तेमाल कर सकता है। चंद्रचूड़ ने चंद्रचूड़ ने एक देश-एक चुनाव पर बनी संसदीय समिति को अपनी लिखित राय सौंपी थी। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 17 दिसंबर 2024 को लोकसभा में एक देश-एक चुनाव संविधान संशोधन बिल पेश किया था।

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