कर्नाटक में अनुसूचित जातियों के लिए आंतरिक कोटा
नागमोहन दास आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए १६ अगस्त को विशेष कैबिनेट बैठक
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक मंत्रिमंडल को गुरुवार को राज्य में १०१ अनुसूचित जातियों के लिए आंतरिक आरक्षण पर एच.एन. नागमोहन दास आयोग की रिपोर्ट प्राप्त हुई और १६ अगस्त को एक विशेष कैबिनेट बैठक में इस रिपोर्ट पर चर्चा करने का निर्णय लिया गया| कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल ने कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि १६ अगस्त को विशेष कैबिनेट बैठक में विस्तृत चर्चा से पहले मंत्रियों को अध्ययन के लिए रिपोर्ट की प्रतियां दी गईं|
१,७६६ पृष्ठों की इस रिपोर्ट में छह सिफारिशें की गई हैं| आयोग ने सार्वजनिक शिक्षा और रोजगार में अनुसूचित जातियों के लिए १७ प्रतिशत आरक्षण के भीतर कोटा के लिए एक मैट्रिक्स तैयार करने से पहले, सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन के साथ-साथ सार्वजनिक रोजगार में पर्याप्त प्रतिनिधित्व पर भी विचार किया| माना जा रहा है कि रिपोर्ट में दलित वामपंथियों के लिए ६ प्रतिशत, दलित दक्षिणपंथियों के लिए ५ प्रतिशत, सूक्ष्म समुदायों के रूप में वर्गीकृत ४० से अधिक खानाबदोश जनजातियों के लिए १ प्रतिशत और आदि कर्नाटक (एके), आदि द्रविड़ (एडी) और आदि आंध्र (एए) समुदायों के लिए १ प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की गई है|
सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में लम्बानी, कोरमा, कोराचा और भोवी (स्पृश्य समुदाय) के लिए ४ प्रतिशत कोटा की सिफारिश की गई है| इससे पहले मंत्रिमंडल ने कित्तूर और मोलाकलूर में १००-१०० बिस्तरों वाले अस्पतालों को २०० बिस्तरों वाले अस्पतालों में उन्नत करने को मंजूरी दी है| बीदर आयुर्विज्ञान संस्थान में ३६ करोड़ रुपये की लागत से १०० बिस्तरों वाला कैंसर अस्पताल स्थापित करने की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है| तलकाड ग्राम पंचायत को नगर पंचायत, भटकल और नगर पालिकाओं को नगर पालिकाओं और मस्तेनाहल्ली ग्राम पंचायत को नगर पंचायत में उन्नत करने का निर्णय लिया गया है|
कैबिनेट ने वृहत बेंगलूरु प्रशासन (संशोधन) विधेयक, २०२५ समेत १८ विभिन्न विधेयकों को मंजूरी दे दी है| उन्होंने बताया कि वृहत बेंगलूरु प्रशासन विधेयक राज्य चुनाव आयोग को चुनाव कराने के लिए मतदाता सूची तैयार करने की अनुमति देगा| उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने कर्नाटक देवदासी प्रथा (रोकथाम, निषेध, निवारण और पुनर्वास) विधेयक २०२५ को मंजूरी दे दी है, जो देवदासी के पुत्र या पुत्री को पिता का नाम बताने से छूट देता है| एच.के. पाटिल ने कहा कि जेएसटी परिषद में की गई सिफारिशें चिंताजनक हैं और इस संबंध में मुख्यमंत्री को अधिकार दिए गए हैं|