लोकसभा चुनाव में आपकी अपनी कांग्रेस सरकार सत्ता में थी

राहुल गांधी किस आधार पर भाजपा, प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं? आर. अशोक

लोकसभा चुनाव में आपकी अपनी कांग्रेस सरकार सत्ता में थी

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर ५ सवाल दागे हैं जिसने आरोप लगाया है कि राजधानी बेंगलूरु मध्य के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में मतदान में धांधली हुई है| राहुल गांधी को झूठा और युद्ध अपराधी बताकर फटकार लगाने वाले अशोक ने कहा कि उनके ये ५ सवाल उनके लिए हैं|

उन्होंने पूछा जब लोकसभा चुनाव हुए थे, तब राज्य में आपकी अपनी कांग्रेस सरकार सत्ता में थी| यहाँ तक कि चुनाव आयोग ने भी अपना काम करने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों को नियुक्त किया था| ऐसे में आप किस आधार पर भाजपा, प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं? सभी दलों की तरह, कांग्रेस पार्टी ने भी राज्य में हुए लोकसभा चुनाव में प्रत्येक बूथ के लिए बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) नियुक्त किए थे| इनकी नियुक्ति खुद केपीसीसी अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने की थी| क्या राहुल गांधी को जरा भी अंदाजा नहीं है कि चुनाव से पहले सभी दलों के बीएलए को मतदाता सूची की एक प्रति दी जाती है? कांग्रेस पार्टी के एजेंट क्या कर रहे थे? किसी भी चुनाव से ३-४ महीने पहले संशोधित मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित की जाती है|

यह सभी दलों को दी जाती है| इसके आधार पर, राजनीतिक दलों के बूथ स्तर के कार्यकर्ता घर-घर जाकर मतदाताओं को मतपत्र भी देते हैं| अगर ऐसा है, तो चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने क्या किया? चुनाव परिणाम आने के बाद, अदालत में आपत्ति दर्ज कराने के लिए ४५ दिनों का समय होता है| लेकिन जिन कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों को संदेह है, उन्होंने चुनाव के एक साल बाद तक क्या किया? क्या वे बिहार चुनाव में हार के लिए अग्रिम जमानत पाने के लिए सही समय का इंतजार कर रहे थे? उनकी अपनी राज्य कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल ने आंतरिक आरक्षण और पिछड़े वर्गों से संबंधित सर्वेक्षण के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध मतदाता सूची का उपयोग करके सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया और उनके मंत्रिमंडल को मतदाता सूची पर भरोसा है| लेकिन अकेले राहुल गांधी को नहीं, है ना? जब वो १३५ सीटें जीतते हैं, तो जश्न मनाते हैं| जब हारते हैं और पराजित होते हैं, तो निराशा में चुनाव आयोग और विपक्षी दलों की आलोचना करते हैं, चुनाव प्रक्रिया पर संदेह जताते हैं और गलत सूचना फैलाते हैं|

कन्नड़ लोग इतने मूर्ख नहीं हैं कि इस नाटक पर विश्वास कर लें| अशोक ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि उन्हें कम से कम जनादेश स्वीकार करना चाहिए और एक जिम्मेदार विपक्षी नेता के रूप में काम करना चाहिए|

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