कल से विधानमंडल सत्र: भगदड़, आंतरिक आरक्षण का मुद्दा सदन में गूंजेगा
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| आगामी सोमवार से शुरू हो रहे राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों के मानसून सत्र में आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान हुई भगदड़, अत्यधिक वर्षा, सूखा, बाढ़, उर्वरकों की कमी, आंतरिक आरक्षण और मतदान में धांधली के आरोपों सहित कई मुद्दे गूंजेंगे|
इन मुद्दों पर मुख्य रूप से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वाकयुद्ध देखने को मिलेगा| सदन के बाहर इन मुद्दों पर कई आरोप-प्रत्यारोप लगे हैं और ये सदन में भी गूंजेंगे| यह सत्र ११ से २२ अगस्त तक ९ दिनों का होगा| सोमवार को सदन की बैठक सुबह ११ बजे होगी और हाल ही में दिवंगत हुए गणमान्य व्यक्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी| बजट सत्र के दौरान, भाजपा के १८ विधायकों को सदन से ६ महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था|
यह प्रस्ताव २५ मई से वापस ले लिया गया था| इस संबंध में स्थिरीकरण प्रस्ताव पहले दिन पेश किया जाएगा और विधानसभा को इसे मंजूरी देनी होगी| अन्यथा, प्रश्नोत्तर नोटिस, पत्रों की प्रस्तुति आदि सहित आधिकारिक सरकारी गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी| कर्नाटक सिविल सेवा (सामान्य भर्ती) (संशोधन) नियम विधेयक, २०२५, ग्रेटर बेंगलूरु प्रशासन (संशोधन विधेयक), कर्नाटक आवश्यक सेवा प्रबंधन (संशोधन विधेयक) सहित १८ से अधिक महत्वपूर्ण विधेयक दोनों सदनों में प्रस्तुत किए जाएँगे| राज्य में मानसून के मौसम में किसानों के लिए उर्वरक की कमी हो गई है, जिसके कारण राज्य और केंद्र सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है|
विपक्षी दल भाजपा और जेडीएस पहले ही इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं और इसे सदन में भी प्रमुखता से उठाएँगे| इससे प्रशासन और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने की संभावना है| राज्य के कई हिस्सों में मानसून की बारिश सामान्य से अधिक और भारी रही है| आरोप लगे हैं कि राज्य सरकार ने नदियों में बाढ़ और फसल क्षति के लिए अब तक कोई मुआवजा नहीं दिया है| कुछ जगहों पर सामान्य से कम बारिश हुई है, जिससे मानसून की बुवाई में देरी हुई है| यह मुद्दा चर्चा का प्रमुख विषय होगा|
आईपीएल विजेता आरसीबी के विजय समारोह के दौरान शहर में मची भगदड़ में ११ लोगों की मौत का मुद्दा दोनों सदनों में गूंज सकता है और इस पर तीखी बहस का मौका मिल सकता है| न्यायमूर्ति नागमोहन दास की अध्यक्षता वाले एकल सदस्यीय आयोग द्वारा सरकार को सौंपी गई आंतरिक आरक्षण पर रिपोर्ट भी चर्चा का विषय होगी| कांग्रेस द्वारा हाल ही में विरोध प्रदर्शनों के दौरान डाले गए वोट इस आरोप पर गंभीर चर्चा का कारण बनेंगे| पिछले दो वर्षों से सरकार राज्य में विकास कार्यों के लिए धन उपलब्ध नहीं करा रही है| विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों को भी धन उपलब्ध नहीं करा रही है| कांग्रेस विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों के बजाय उनके निर्वाचन क्षेत्रों को धन दिए जाने के भेदभावपूर्ण आरोप भी सदन में उठ सकते हैं|
गृहलक्ष्मी सहित गारंटी योजना के लाभार्थियों को समय पर धन जारी न करने का आरोप भी सदन में गूंजेगा| साथ ही, राज्य की जनता के सामने महंगाई सहित कई ज्वलंत मुद्दे भी उठाए जाएँगे, और भाजपा और जेडीएस सरकार को आड़े हाथों लेने के लिए तैयार हैं| इसी तरह, कांग्रेस भी सरकार के प्रशासन का बचाव करने की तैयारी में है|