गाय के गोबर से बन रहा वैकल्पिक ईंधन, होगी भारी बचत

एक गाय के गोबर से 5500 किमी प्रदूषण मुक्त चलेगी कार

 गाय के गोबर से बन रहा वैकल्पिक ईंधन, होगी भारी बचत

लखनऊ11 अगस्त (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था नई रफ्तार पकड़ने जा रही है। प्रदेश में पहली बार गाय के गोबर से इतने बड़े पैमाने पर मीथेन गैस तैयार की जाएगीजो वाहनों को लंबी दूरी तक चलाने के साथ-साथ ग्रामीण रोजगार और हरित अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी। विशेषज्ञों का कहना है कि एक गाय के गोबर से सालाना 225 लीटर पेट्रोल के बराबर मीथेन गैस तैयार होगी। इसे शुद्ध कर सीबीजी में बदला जाएगाजिससे एक कार 5500 किलोमीटर से भी अधिक दूरी तय कर सकेगी।

UP Gobar se Mithen Gas Production - 2

उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में निराश्रित गोवंश से रोजाना औसतन 54 लाख किलोग्राम गोबर प्राप्त होता है। इस गोबर को सीबीजी संयंत्रों में प्रोसेस किया जा सकेगाजिसका इस्तेमाल मीथेन बनाने से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में घरों में खाना पकानेलघु उद्योगों में हीटिंग ईंधन और प्राकृतिक खेती में जैविक घोल के रूप में किया जाएगा। इससे लाखों रुपए तक की सालाना कमाई संभव होगी।

गो सेवा आयोग के ओएसडी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि यह मीथेन फार्मिंग आने वाले समय में जीवाश्म ईंधनों का विकल्प बन सकती है। यह योजना कचरे से कंचन की अवधारणा को बढ़ावा दे रही हैजो परिवहन और हरित अर्थव्यवस्था के लिए प्रभावी ईंधन उपलब्ध कराएगी। डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि एक गोवंश के गोबर से तैयार मीथेन प्राकृतिक गैस का ही एक रूप हैजो पर्यावरण अनुकूल और किफायती भी है।

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