कांग्रेस के खिलाफ बयान देने वाले सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना ने दिया इस्तीफा!
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| मतदान में धांधली के मामले में कांग्रेस के खिलाफ बयान देने वाले सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना ने इस्तीफा दे दिया है| लोकसभा चुनाव में जहाँ पूरी कांग्रेस पार्टी मतदान में धांधली के खिलाफ लड़ रही थी, वहीं मंत्री के.एन. राजन्ना ने विरोधाभासी बयान देते हुए सवाल किया कि क्या कांग्रेसी मतदाता सूची संशोधन की राज्य सरकार की जिम्मेदारी की मसौदा सूची जारी होने पर गधे का इंतजार कर रहे थे? जब ८ अगस्त को बेंगलूरु के फ्रीडम पार्क में राहुल गांधी ने विरोध प्रदर्शन किया, तो मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समेत कैबिनेट के सभी मंत्री शामिल हुए|
लेकिन राजन्ना इस विरोध प्रदर्शन से दूर रहे| राजन्ना का बयान भाजपा के लिए एक हथियार बन गया था| कुछ प्रमुख कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने राजन्ना को कैबिनेट और पार्टी से निष्कासित करने की मांग करते हुए आलाकमान से शिकायत की थी| राजन्ना इससे पहले केपीसीसी अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार समेत कई लोगों के खिलाफ सार्वजनिक बयान दे चुके हैं| उपमुख्यमंत्री पद के सृजन के दौरान भी राजन्ना के नेतृत्व ने पार्टी को शर्मिंदा किया था| सिद्धरामैया के नेतृत्व के संबंध में आलाकमान के निर्देशों की अवहेलना करते हुए बयान देकर राजन्ना ने पार्टी अनुशासन का उल्लंघन किया| राजन्ना ने राहुल गांधी के भाषण के संबंध में विरोधाभासी बयान देकर कांग्रेस पार्टी को भी काफी शर्मिंदा किया था|
कहा जा रहा है कि इस मामले में उन्हें दंडित किया जाएगा| राजन्ना विधानसभा सत्र की शुरुआत में उपस्थित नहीं हुए| राजन्ना आमतौर पर मुख्यमंत्री सिद्धरामैया से विधानसभा कार्यालय में मिलते हैं| लेकिन मुख्यमंत्री के विधानसभा कार्यालय में होने के बावजूद, राजन्ना उनसे मिले बिना ही सदन से बाहर रहे| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया के करीबी मित्र राजन्ना को कई मौकों पर राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था| लेकिन इस बार ऐसा होने की संभावना कम ही लग रही है| दोपहर में सत्र में उपस्थित होने से पहले, राजन्ना ने स्पष्ट किया कि वह मुख्यमंत्री सिद्धरामैया से चर्चा करने के बाद अपने बयान पर स्पष्टीकरण देंगे| सूत्रों के अनुसार, आलाकमान ने राजन्ना को इस्तीफा देने का निर्देश दिया है|
इसके बाद, राजन्ना ने दोपहर में मुख्यमंत्री सिद्धरामैया से मुलाकात की और अपना त्यागपत्र सौंप दिया| इससे पहले, बेल्लारी जिले के बी. नागेंद्र महर्षि वाल्मीकि विकास निगम घोटाले के प्रमुख थे, तो इस्तीफा दिया था| मतदाता सूची में अनियमितताओं का बचाव करने के कारण राजन्ना को अपना पद गंवाना पड़ सकता है| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने के. एन. राजन्ना का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है| सहकारिता मंत्री के. एन. राजन्ना के मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात विधानसभा में भी गूंजी, जिसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया| भोजनावकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई, तो विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि राजन्ना ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है| इस बारे में जोरदार अफवाहें थीं और उन्होंने सरकार से स्पष्टीकरण देने की माँग की|
सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहस के बावजूद चुपचाप सुन रहे राजन्ना ने विपक्षी विधायकों की जोरदार माँगों के आगे घुटने टेक दिए और अपनी बात रखी, लेकिन मंत्री पद से इस्तीफा देने की पुष्टि या खंडन नहीं किया| विपक्षी नेताओं ने पूछा कि आप कैसे बैठे हैं? तो उन्होंने कहा अध्यक्ष ने सदन में सीटें निर्धारित की हैं| मैं बैठा हूँ| कानून मंत्री पहले ही यह कह चुके हैं| मुख्यमंत्री सदन में इस बारे में बोलेंगे| उन्होंने कहा कि मैं इसके लिए प्रतिबद्ध हूँ|
फिर अशोक बोले कि जो मंत्री नहीं हैं उन्हें वहाँ नहीं बैठना चाहिए| अगर मंत्री नहीं बोलेंगे, तो क्या यह लोकतंत्र है? शुरुआत में बोलते हुए, अशोक ने कहा कि राजन्ना ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और ऐसी अफवाहें हैं कि उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया है| क्या उन पर भ्रष्टाचार के कोई आरोप हैं? मंत्री अभी भी यहाँ हैं| उन्होंने कहा कि वह हर दिन मुख्यमंत्री सिद्धरामैया का पक्ष लेते हैं| भाजपा विधायक सुरेश कुमार ने बात की और मांग की कि सरकार इस संबंध में बयान दे|