सदन के सदस्यों की सहमति से अपात्र बीपीएल लाभार्थियों को एपीएल में शामिल किया जाएगा: मुनियप्पा
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के.एच. मुनियप्पा ने विधान परिषद में कहा कि यदि सदन के सदस्य सर्वसम्मति से बीपीएल राशन कार्ड पर अपात्र लाभार्थियों को औसत गरीबी रेखा (एपीएल) में शामिल करने पर सहमत हो जाते हैं, तो यह कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा| सदस्य एन. नागराज के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, उन्होंने खेद व्यक्त किया कि जब विभाग ने पहले बीपीएल कार्ड पर मौजूद लाभार्थियों को एपीएल में स्थानांतरित करने का कदम उठाया था, तो एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था|
यदि सदन के सभी सदस्य सहमत हो जाते हैं, तो अपात्र लाभार्थियों को एपीएल से बीपीएल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा| एनएएमए विभाग द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, ऐसे १५ लाख लाभार्थियों को बीपीएल में शामिल किया गया है| उन्होंने कहा कि अनुमानतः ५० से ६० लाख लाभार्थी लाभान्वित हो रहे हैं| अपात्र लाभार्थियों को राशन का अनाज मिल रहा है, जिससे सरकार के खजाने पर भी बोझ पड़ रहा है| ऐसा करते समय कुछ समस्याएँ आती हैं|
कुछ लोग यह झूठा प्रचार करते हैं कि वे पात्र लाभार्थियों को हटा देंगे| सदस्यों को ऐसा नहीं होने देना चाहिए| उन्होंने घोषणा की कि अगर आप सहमत हैं, तो सरकार अपात्र लोगों को हटाने के लिए तैयार है| दक्षिण भारत के राज्यों में, कर्नाटक में बीपीएल लाभार्थियों की संख्या सबसे ज्यादा है| तमिलनाडु में ५० प्रतिशत, केरल में ४५ प्रतिशत, तेलंगाना में ५० प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में ५० प्रतिशत और अकेले हमारे यहाँ ७० से ७५ प्रतिशत बीपीएल लाभार्थी हैं| केंद्र सरकार ने बीपीएल लाभार्थी की पहचान के लिए ११ मानदंड और राज्य सरकार ने ५ मानदंड निर्धारित किए हैं| उन्होंने कहा कि अगर हम इन मानदंडों का पालन करते हैं, तो बीपीएल लाभार्थियों की संख्या घटकर ३५ रह जाएगी| विभाग ने राज्य में राशन का अनाज बेचने वालों के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं|
२०२३-२४ में ४०४ मामलों में २० करोड़ रुपये का जुर्माना, २०२४-२५ में ५०५ मामलों में १० करोड़ रुपये का जुर्माना और चालू वर्ष में २८७ मामलों में ४ करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है| राज्य में राशन का अनाज न बेचने के सख्त निर्देश दिए गए हैं| जानकारी मिलते ही हमारे अधिकारियों ने भी तुरंत छापेमारी की और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की| बीपीएल राशन कार्ड के लिए आवेदन करने हेतु सॉफ्टवेयर की कमी थी| मंत्री मुनियप्पा ने स्पष्ट नहीं किया कि अब कोई समस्या नहीं है|