किश्तवाड़ में 70 शव निकाले गए, 75 लापता
बादल फटने के बाद आई आपदा से चिशोती गांव बेहाल
मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख की आर्थिक मदद
जम्मू, 16 अगस्त (ब्यूरो)। किश्तवाड़ जिले में मचेल माता यात्रा के दौरान चिशोती गांव में बादल फटने के बाद आई बाढ़ और मलबे में दबने से अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे में अभी भी कई लोगों के शव मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। जम्मू कश्मीर सरकार ने आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने और घायलों के इलाज का खर्च वहन करने की घोषणा की है।
किश्तवाड़ में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ-साथ बसें, टेंट, लंगर और कई दुकानें थीं, लेकिन बाढ़ में सब कुछ बह गया। प्रशासन लगातार पीड़ितों के मदद में जुटा हुआ है और राहत बचाव कार्य जारी है। एसडीआरएफ, राष्ट्रीय राइफल के जवान, व्हाइट नाइट कोर की मेडिकल टीम, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआईएसएफ और अन्य एजेंसियां ऑपरेशन में जुटी हैं। इस हादसे में 150 से ज्यादा लोग घायल हैं, जबकि 200 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। करीब 75 के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी है जिनमें हरियाणा व मध्यप्रदेश के चार-चार लोग भी शामिल हैं। जबकि हिमाचल प्रदेश का भी एक श्रद्धालु लापता है।
इस बीच जम्मू संभाग के किश्तवाड़ में आई बाढ़ के बाद अब भी जम्मू में बारिश का येलो अलर्ट है। मौसम विभाग की ओर से अगले चार दिन जम्मू के लिए आरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान तेज बारिश के साथ आंधी-तूफान और बिजली गिरने की संभावना है। 17 और 18 अगस्त के लिए आरेंज और 19-20 अगस्त के लिए जम्मू में येलो अलर्ट है। कल मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला किश्तवाड़ पहुंचे थे। वे स्थानीय लोगों से मिले और हालात का जायजा लिया। आज वे चशोती गांव भी गए। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि करीब 60 शव बरामद हुए हैं। लापता लोगों की संख्या का आकलन किया जा रहा है।
जिस चशोती गांव में यह त्रासदी आई है, उस गांव की आबादी करीब 300 के आस पास है। गांव में 40 से ज्यादा घर हैं तो वहीं इस गांव में 10 से ज्यादा होमस्टे भी हैं। यह गांव किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किमी दूर है। यह जगह पाड्डर घाटी में है। सीएम उमर अब्दुल्ला ने बताया कि किश्तवाड़ के चिशोती इलाके में भीषण आपदा में अब तक 60 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। 70-80 लोग अभी भी लापता हैं। सीएम अब्दुल्ला ने ये भी कहा कि हर संभव मदद का प्रयास कर रहे हैं लेकिन किसी जान की आप कीमत लगा नहीं सकते हैं। मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने शनिवार को इस त्रासदी से प्रभावित इलाकों का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि, 70 से 80 लोग अभी भी लापता हैं। ये नंबर बदलता रहेगा। जब मैं वहां से वापस आ रहा था तो खबर आई कि डैम साइट पर एक लाश मिली है। ये बादल फटने के बाद सैलाब में बह गए थे। हालात अभी काफी मुश्किल हैं। वे कहते थे कि हमारी कोशिश है कि जितना हो सके रेस्क्यू का काम हम करेंगे। हम ये भी कोशिश करेंगे कि जितने लोग लापता हैं, उनकी रिकवरी हो। उसके बाद राहत एवं पुनर्वास का काम हो।्र
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