वैदिक गणित और स्वास्थ्य की पढ़ाई भी करेंगे इंजीनियर

संगीत और संस्कृत की भी शिक्षा ले सकेंगे

वैदिक गणित और स्वास्थ्य की पढ़ाई भी करेंगे इंजीनियर

लखनऊ, 20 अगस्त (एजेंसियां)। यूपी के 750 से अधिक सरकारी व निजी इंजीनियरिंगप्रबंधन व फार्मेसी संस्थानों के सिलेबस में बदलाव किया जा रहा है। अब उनकी रुचियां भी इसमें शामिल होंगी। प्रदेश के 750 से अधिक सरकारी व निजी इंजीनियरिंगप्रबंधन व फार्मेसी संस्थानों में बीटेकमैनेजमेंट व फार्मेसी के छात्र अब वैदिक गणितभारतीय ज्ञान प्रणालीवसुधैव कुटुंबकमखगोल विज्ञानज्योतिषभारतीय संगीत व महिला स्वास्थ्य से जुड़ी विषयों की पढ़ाई करेंगे। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत माइनर व इलेक्टिव कोर्स के रूप में इनकी शुरुआत इसी सत्र से करने जा रहा है।

विश्वविद्यालय की हाल ही में हुई विद्या परिषद की बैठक में भारतीय ज्ञान प्रणाली पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शुरू करने को हरी झंडी दी गई है। इसके तहत इंजीनियरिंगमैनेजमेंट व फार्मेसी के छात्रों को मुख्य विषय की पढ़ाई के साथ ही बहुमुखी विकास के लिए अन्य क्षेत्र की जानकारी भी कराई जाएगी। इसमें वे वैदिक गणितसंगीतसंस्कृतविज्ञान, टाउन प्लानिंग एंड आर्किटेक्चरवेलनेस एंड साइकोलॉजी आदि विषयों की पढ़ाई कर सकेंगे।

इसके लिए विश्वविद्यालय के घटक संस्थानों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शुरू किए जाएंगे। इसकी शुरुआत फैकल्टी ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग (एफओएपी) से होगी। इसके लिए 50 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। इस सेंटर से अन्य संस्थानों के छात्र ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे। इसी तरह राजभवन की पहल पर महिला स्वास्थ्य से जुड़ी पढ़ाई भी माइनर कोर्स के रूप में की जा सकेगी। इसके लिए विश्वविद्यालय ने तैयारी पूरी कर ली है।

विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक एफओएपी के बाद अन्य घटक संस्थानों में भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने की तैयारी है। इसी क्रम में कई प्रमुख औद्योगिक संस्थानों के साथ मिलकर दर्जन भर माइनर कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। इससे युवा उद्योगों की जरूरत के अनुसार तैयार व समायोजित भी होंगे। कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने बताया कि ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने वैल्यू एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए कुछ मॉडल करिकुलम तैयार किए हैं। इसी क्रम में अंतरिक्ष विज्ञान में माइनर कोर्स शुरू किया जाएगा। इसकी तैयारी चल रही है। ऐसे कोर्स करने के बाद छात्रों के लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। एकेटीयू के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने कहा, भारतीय ज्ञान प्रणालीसमृद्ध सांस्कृतिक और दार्शनिक परंपराओं का संग्रह है। इसमें दर्शनविज्ञानकलाचिकित्सा और गणित जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इसको एनईपी में शामिल किया गया है ताकि छात्रों को अपनी जड़ों से जोड़ा जा सके। इसी क्रम में विश्वविद्यालय में यह कोर्स शुरू किया जा रहा है।

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