मेंगलूरु पुलिस ने छापेमारी में ८.५ लाख रुपये से अधिक मूल्य का नकली खेल सामान जब्त किया

मेंगलूरु पुलिस ने छापेमारी में ८.५ लाख रुपये से अधिक मूल्य का नकली खेल सामान जब्त किया

मेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| ब्रांड प्रोटेक्टर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, मेंगलूरु शहर पुलिस ने प्रतिष्ठित ब्रांड कॉस्को, निविया और योनेक्स के नाम से नकली खेल के सामान की बिक्री पर कार्रवाई की है| ब्रांड प्रोटेक्टर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के दक्षिण भारत क्षेत्रीय प्रमुख स्टीफन राज द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर, कॉपीराइट अधिनियम, १९५७ के तहत मामले दर्ज किए गए| उल्लाल पुलिस ने धारा ५१(१)(बी), ६३ के तहत मामला संख्या १४०/२०२५ दर्ज किया, जबकि मेंगलूरु उत्तर (बंदर) पुलिस ने उन्हीं प्रावधानों के तहत मामला संख्या ९५/२०२५ दर्ज किया|

मामला दर्ज होने के बाद, १८ अगस्त को उल्लाल थाना क्षेत्र में और १९ अगस्त को बंदर थाना क्षेत्र में छापेमारी की गई| छापेमारी के दौरान, पुलिस ने लगभग ३०० नकली फुटबॉल, वॉलीबॉल और बैडमिंटन रैकेट जब्त किए| प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, उल्लाल पुलिस थाने में लगभग ३.५ लाख रुपये मूल्य के उत्पाद जब्त किए गए, जबकि बंदर पुलिस थाने में लगभग ५ लाख रुपये मूल्य का सामान जब्त किया गया| जब्त किए गए नकली सामानों की कुल कीमत ८.५ लाख रुपये से ज्यादा है| पुलिस ने बताया कि नकली सामान उल्लाल स्थित स्पोर्ट्स विनर शॉप और बंदर स्थित महादेव स्पोर्ट्स सेंटर में बेचा जा रहा था| शुरुआती जाँच से पता चलता है कि ये उत्पाद जालंधर से मँगवाए गए होंगे|

डीसीपी (कानून व्यवस्था) मिथुन ने कहा कि छापेमारी अभी जारी है और आगे की जाँच जारी है| उन्होंने कहा ग्राहकों को खेल का सामान खरीदते समय सावधान रहना चाहिए| नकली और असली खेल के सामान में बहुत ही मामूली अंतर होता है, यहाँ तक कि कीमत भी लगभग एक जैसी होती है| ग्राहक अक्सर फॉन्ट, रंग-रूप आदि जैसी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं देते, इसलिए वे असली समझकर नकली खेल का सामान खरीद लेते हैं| इस मौके पर डीसीपी (अपराध एवं यातायात) रविशंकर, एसीपी प्रताप सिंह थोराट और एसीपी विजया क्रांति भी मौजूद थे|

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