लोकसभा में जन विश्वास विधेयक पेश

प्रवर समिति के विचारार्थ भेजा गया

लोकसभा में जन विश्वास विधेयक पेश


नई दिल्ली, 18 अगस्त (एजेंसियां)। जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2025 सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया। 350 से अधिक संशोधन प्रस्ताव आने पर इसे प्रवर समिति को भेज दिया गया। विधेयक जीवन और व्यापार को सुगम बनाने के लिए कुछ छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का प्रावधान करता है। विधेयक पेश करते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह विधेयक व्यापार को सुगम बनाने के लिए विश्वास-आधारित शासन को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। इसके बाद विधेयक को लोकसभा की प्रवर समिति को भेज दिया गया। समिति को संसद के अगले सत्र के पहले दिन तक सदन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का कार्य सौंपा गया है।

यह विधेयक हंगामे के बीच पेश किया गयाक्योंकि विपक्षी दल बिहार में मतदाता सूची संशोधन और अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। विरोध प्रदर्शन जारी रहने के कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस विधेयक के माध्यम से 350 से अधिक प्रावधानों में संशोधन प्रस्तावित है। विधेयक देश के कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।

इससे पहले 2023 में जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम पारित किया गया थाजिसके तहत 19 मंत्रालयों और विभागों की ओर से प्रशासित 42 केंद्रीय अधिनियमों के 183 प्रावधानों को अपराधमुक्त कर दिया गया था। इस अधिनियम के माध्यम से सरकार ने कुछ प्रावधानों में कारावास या जुर्माने को हटा दिया। कुछ नियमों में कारावास को हटा दिया गया और जुर्माने को बरकरार रखा गयाजबकि कुछ मामलों में कारावास और जुर्माने को दंड में बदल दिया गया।

विधेयक में 350 से अधिक प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। यह देश के कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है। विधेयक का उद्देश्य कुछ छोटे-मोटे अपराधों को अपराध-मुक्त बनाकर भरोसा आधारित शासन को बढ़ाना देना और जीवन व कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कहा थाहमारे देश में ऐसे कानून हैंजो सुनने में भले ही आश्चर्यजनक लगेंलेकिन मामूली बातों पर कारावास का प्रावधान करते हैंऔर किसी ने कभी उन पर ध्यान नहीं दिया। पीएम मोदी ने यह भी कहा थामैंने यह सुनिश्चित करने का बीड़ा उठाया है कि भारतीय नागरिकों को बेवजह सलाखों के पीछे डालने वाले अनावश्यक कानून समाप्त किए जाएं। हमने पहले संसद में एक विधेयक पेश किया थाहम इसे इस बार फिर से लाए हैं। एक अधिकारी के मुताबिकयह नया विधेयक देश में अधिक अनुकूल कारोबारी और नागरिक-केंद्रित वातावरण बनाने में मदद करेगा। इससे पहले 2023 में जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम पारित किया गया थाजिसके तहत 19 मंत्रालयों और विभागों द्वारा प्रशासित 42 केंद्रीय अधिनियमों के 183 प्रावधानों को अपराध-मुक्त कर दिया गया था।

Read More अफसरों को बंधक बना कर फिरौती में हसीना को वापस मांगते

जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम, 2023 के माध्यम से सरकार ने कुछ प्रावधानों में कारावास और/या जुर्माने को हटा दिया था। कुछ नियमों में कारावास को हटा दिया गया और जुर्माने को बरकरार रखा गयाजबकि कुछ मामलों में कारावास और जुर्माने को मात्र जुर्माने में बदल दिया गया था। सरकार पूर्व में 40,000 से ज्यादा अनावश्यक प्रावधानों को खत्म कर चुकी है। इसने 1,500 से ज्यादा पुराने पड़ चुके कानूनों को समाप्त किया है।

Read More संभल में हिंदू समुदाय हमेशा पीड़ित रहा

#जन_विश्वास_विधेयक, #लोकसभा, #भारतीय_राजनीति, #विधेयक, #संसद_समाचार, #जनविश्वास, #कानून_सुधार, #IndiaNews

Read More 10 माह में 13 लाख निर्धन परिवार शून्य-गरीबी से जुड़े