11 साल बाद झेलम के पानी में फिर डूबा कश्मीर
जम्मू, 04 सितंबर (ब्यूरो)। पंपोर के जैनपोरा में तड़के ढाई बजे झेलम नदी का तेज पानी घुस आया। ठीक 11 साल पहले भी झेलम ने इसी तरह से कश्मीरियों के घरों में घुसपैठ की थी। पर इन 11 वर्षों में किसी ने कोई सबक नहीं सीखा, और न बाढ़ से बचने के कोई उपाय किए। स्थानीय लोगों ने बताया कि पानी अचानक उनके घरों और गलियों में घुसने से पहले उन्होंने पहले तीन तेज धमाके सुने, शायद वे बांध टूटने के धमाके थे। अपना डूबा हुआ निहारती स्थानीय महिला ने कहा, कुछ ही मिनटों में, हर जगह पानी फैल गया। लोग डर के मारे बच्चों और जो भी जरूरी सामान वे उठा सकते थे, उसे लेकर बाहर भागे, समझ नहीं आ रहा था कि कहां जाएं।
स्थानीय लोगों ने पूरी रात अफरा-तफरी और डर में बिताई। लोग अंधेरे में अपने घरों से भाग रहे थे और पानी का स्तर बढ़ने पर एक-दूसरे को चेतावनी दे रहे थे। कई लोगों ने ऊंची जगहों पर शरण ली, जबकि कुछ ने बाकी रात बाहर बिताई, अपने घरों को वापस नहीं लौट पाए। इस मुश्किल घड़ी के बावजूद, समुदाय एकजुट रहा, बुज़ुर्ग निवासियों को बाहर निकलने में मदद की और कीमती सामान सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया। एक निवासी ने कहा कि हमारे पास सोचने का समय नहीं था, लेकिन सभी ने एक-दूसरे की मदद की।
इस बीच, अधिकारी और बचाव दल आगे की क्षति को रोकने और लोगों को निकालने में मदद करने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे। 55 राष्ट्रीय राइफल्स की क्यूआरटी ने पुलिस, एसडीआरएफ और अन्य टीमों के साथ मिलकर बचाव कार्य करते हुए प्रभावित निवासियों के बीच भोजन और जरूरी सामान बांटा।
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने गुरुवार को लसजन, सोइतेग, नौगाम, व्येथपोरा
अधिकारियों ने बताया कि बडगाम के जूनीपोरा गांव के पास झेलम के बांध में गुरुवार तड़के एक बड़ी दरार आ गई, जिसके परिणामस्वरूप आसपास के कई इलाके जलमग्न हो गए। इस दरार के कारण शालिना, राख शालिना और बाघी शाकिरशाह गांवों में बाढ़ आ गई। इन इलाकों के निवासियों को रातोंरात सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और निर्दिष्ट बचाव केंद्रों और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। सीरबाग और समरबाग गांवों में अभी भी बाढ़ की आशंका बनी हुई है। बचाव दल इन संवेदनशील इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं, जबकि निवासियों को जल स्तर कम होने तक ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
विस्थापित परिवारों के लिए, जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में छह बचाव केंद्र सक्रिय किए हैं। इनमें सरकारी हाई स्कूल वगूरा, सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खंडाह, शेख-उल-आलम हाई स्कूल वगूरा, सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बीके पोरा, इस्लामिक पब्लिक हाई स्कूल क्रालपोरा और दार-उल-फतह डेंजरपोरा शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि पूरी प्रशासनिक मशीनरी मौके पर मौजूद है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें चौबीसों घंटे राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
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