लद्दाख को काठमांडू बनाना चाहती थी कांग्रेस

 वांगचुक को मिल रही विदेशी फंडिंग सीबीआई जांच के दायरे में

लद्दाख को काठमांडू बनाना चाहती थी कांग्रेस

हिंसा में शामिल कांग्रेस पार्षद की वीडियो फुटेज वायरल

कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी थी हिंसा की खुली धमकी

लेह, 25 सितंबर (एजेंसियां)। लद्दाख के हिंसक प्रदर्शन के अगुआ नेता सोनम वांगचुक की संस्था के खिलाफ विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) उल्लंघन को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 10 दिन पहले ही जांच शुरू कर दी थी। विदेशी फंडिंग को लेकर हो रही इस जांच में कई सफेदपोश लोगों के शिकंजे में आने की आशंका है। इस डर ने लद्दाख को हिंसा की आग में झोंकने का काम किया। इसमें कांग्रेसियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्हें लगा कि लद्दाख को काठमांडू बनाने का उन्हें मौका मिल गया। हिंसा में कांग्रेस पार्षद की सक्रिय भूमिका के प्रमाण सामने आ चुके हैं।

सोनम वांगचुक ने यह स्वीकार किया कि करीब 10 दिन पहले सीबीआई की टीम उनके संस्थान हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव लद्दाख (एचआईएएलपहुंची थी। सीबीआई ने बताया कि यह जांच गृह मंत्रालय की शिकायत पर की जा रही है। आरोप है कि संस्थान बिना एफसीआरए की अनुमति लिए विदेशी फंड प्राप्त कर रहा है। मामले में जांच जारी हैहालांकि अभी कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। वांगचुक ने कहातीन ऐसे मामलों को विदेशी योगदान समझ लिया गयाजबकि वे सेवा समझौते थे जिन पर सरकार को टैक्स भी चुकाया गया था। ये समझौते संयुक्त राष्ट्रएक स्विस विश्वविद्यालय और एक इटालियन संगठन से जुड़े थे। इटालियन संगठन से वांगचुक को हो रही फंडिंग खास तौर पर रेखांकित करने वाली जानकारी है। सीबीआई टीम ने एचआईएएल और स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख से 2022 से 2024 तक की फंडिंग से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं। वांगचुक का कहना है कि सीबीआई अधिकारी 2021 और 2020 के खातों के साथ-साथ संस्थान से जुड़े स्कूलों के कागजात भी मांग रहे हैं।

लब्बोलुबाव यह है कि लद्दाख में कल हुई हिंसा की तैयारियां काफी पहले से चल रही थीं और इसे लेकर कांग्रेस पूरी तरह कटघरे में है। कांग्रेस पार्षद स्मानला दोरजे नोरबू की प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो फुटेज सुर्खियों में है जिसमें वह प्रशासन को खुली चुनौती दे रहा है और कह रहा है कि सुरक्षाबलों की तैनाती भी भाजपा कार्यालय तक पहुंचने से नहीं रोक पाएगी। कांग्रेस नेता ने जैसी धमकी दी वैसा ही किया। कांग्रेस के उपद्रवियों ने लद्दाख का भाजपा कार्यालय और हिल काउंसिल का दफ्तर फूंक दिया और सीआरपीएफ का वाहन भी जला डाला। उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पार्षद ने अपने समर्थकों से 24 सितंबर को लेह में जमा होने का आह्वान किया था। भाजपा नेता अमित मालवीय ने लद्दाख हिंसा के लिए सीधे तौर पर कांग्रेसियों को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा ने कहा है कि काठमांडू हिंसा की तर्ज पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी जेन-जी का हवाला देकर लोगों को भड़काने और उकसाने का काम कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि लद्दाख को राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हुई बुधवार 24 सितंबर को लेह में हुए प्रदर्शन को उपद्रवियों ने हिंसा में बदल डाला जिसमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और करीब सौ लोग घायल हैं। इस हिंसा में 40 पुलिसकर्मी और सीआरपीएफ के जवान भी घायल हुए हैं। हिंसा के बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। जिले में पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के एक साथ जमा होने पर रोक लगा दी गई है। जिला मजिस्ट्रेट के एक आदेश में कहा गया है कि लेह में बिना पूर्व लिखित अनुमति के कोई भी जुलूसरैली या मार्च नहीं निकाला जाएगा।

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लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग पर अनशन पर बैठे सोनम वांगचुक ने हिंसा के मद्देनजर 15 दिनों से चल रही भूख हड़ताल खत्म करने की घोषणा की है। वांगचुक हिंसा पर दुख जताते हैं, लेकिन वे भी इसे युवाओं का गुस्सा और जेनजी की क्रांति की शब्दावली का रट्टा लगाते हैं। सोनम वांगचुक पर हिंसा के लिए लोगों को भड़काने के आरोप लगे हैं। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा, लद्दाख के लोग सियासी चालबाजियों और सोनम वांगचुक की महत्वाकांक्षाओं की कीमत चुका रहे हैं। उन्होंने सवाल किया है कि जब अक्टूबर को केंद्र ने करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) और एबीएल को बातचीत के लिए बुला रख था तो हिंसा क्यों भड़काई गई? भाजपा सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि लद्दाख के विरोध प्रदर्शन के पीछे जेन-जी का हाथ होने का दिखावा किया जा रहा है। हिंसा भड़काने के पीछे कांग्रेस है। उन्होंने कहा कि अपर लेह से कांग्रेस काउंसलर स्टैनजिंग त्सेपांग मुख्य साजिशकर्ता हैं। कई तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें कांग्रेस काउंसलर और उनके समर्थक हिंसा भड़काते दिख रहे हैं।

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लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने जैसी मांगों के समर्थन में सोनम वांगचुक की अगुवाई में सितंबर की शुरुआत से आंदोलन चल रहा था। लेकिन हिंसा के बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 की धारा 163 लागू करनी पड़ी है। इसके तहत चार से अधिक लोगों के इकट्ठा होनेरैलियां निकालने और लाउडस्पीकरों के अनाधिकृत इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। संबित पात्रा ने कहालद्दाख में यह दिखाने की कोशिश की गई कि यह प्रदर्शन जेन-जी ने किया है। लेकिन जांच में पता चला कि कांग्रेस के अपर लेह वार्ड के पार्षद स्टैनजिंग त्सेपांग इस प्रदर्शन को भड़काने में मुख्य साजिशकर्ता हैं। भाजपा ने इसके साथ ही स्टैनजिंग की कई वीडियो और तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर की हैं जिसमें वह हाथ में हथियार लिए हुए नजर आ रहे हैं। भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने स्टैनजिंग की फोटो-वीडियो शेयर करते हुए लिखालद्दाख में दंगा कर रहा यह शख्स त्सेपांग है। मालवीय ने लिखात्सेपांग भीड़ को उकसाता हुआ साफ दिख रहा है। उसे भाजपा कार्यालय और हिल काउंसिल पर हुई हिंसा में भाग लेते हुए भी देखा जा सकता है। क्या राहुल गांधी इसी तरह की अशांति की कल्पना कर रहे थे?

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लद्दाख में हुई घटनाओं को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की हैजिसमें बड़ी बातें कही हैं। सरकार ने कहा है कि वह एपेक्स बॉडी लेह (एबीएल) और करगिल डेमोक्रेटिक एलाएंस (केडीए) के साथ मिलकर लगातार बात कर रही है। उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसीऔर उसकी उप-समितियों के जरिए औपचारिक बैठकें हुईं। सरकार ने कहा है कि इसके सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण 45 प्रतिशत से चढ़कर 84 प्रतिशत करनेपरिषदों में महिलाओं को एक-तिहाई सीटेंभोटी और पुर्गी भाषाओं को आधिकारिक मान्यताऊपर से 1800 नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू करने पर अभूतपूर्व प्रगति हुई है।

सरकार ने अगले कदम भी तय कर लिए हैं। 25 और 26 सितंबर को लद्दाख के नेताओं से बैठकें होंगीऔर 6 अक्टूबर को एचपीसी की बड़ी मीटिंग होगी। वांगचुक की सारी मांगें छठी अनुसूची से लेकर राज्य का दर्जा इन्हीं चर्चाओं का हिस्सा हैं। सरकार ने कहा कि हिंसा से समाधान का रास्ता नहीं निकलता, सब मिलकर शांतिपूर्ण तरीके से रास्ता निकाल सकते हैं। वांगचुक के भाषणों में अरब स्प्रिंग और नेपाल के जेन-जी आंदोलनों का जिक्र था, जो लोगों को गुमराह करने जैसा है। सरकार ने साफ-साफ कहा है कि लद्दाख के लोगों की आकांक्षाओं से वह पीछे नहीं हटेगी। पर्याप्त सुरक्षा और संवैधानिक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही केंद्र ने लोगों से भड़काऊ वीडियो या सोशल मीडिया पर अफवाहें न फैलाने की अपील की है।

लेह को नेपाल और बांग्लादेश बनाने की साजिश थी : उपराज्यपाल

लद्दाख के उपराज्यपाल कवींद्र गुप्ता ने लेह में हो रहे प्रदर्शन को साजिश का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन में लोगों को भड़काने की कोशिश की जा रही थी और इसे बांग्लादेश और नेपाल में हुए प्रदर्शन की तरह बनाने की कोशिश की गई। उपराज्यपाल कवींद्र गुप्ता ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रदर्शन का अधिकार हैलेकिन इसे शांतिपूर्ण ढंग से ही करना चाहिए। पिछले दो दिनों में लोगों को भड़काने की कोशिशें की गई हैंजो इस प्रदर्शन को संदिग्ध बनाती हैं। उपराज्यपाल ने कहा, यदि अधिकारियों ने समय पर कार्रवाई नहीं की होती तो प्रदर्शनकारियों ने पूरे लेह शहर को नुकसान पहुंचा दिया होता। उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि प्रदर्शन में बाहर के लोगों की भागीदारी की जांच की जाएगी।

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