दोनों देशों को जोड़ने वाली दो रेल परियोजनाओं का ऐलान
भारत-भूटान के बीच हुआ ऐतिहासिक करार, रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे
4033 करोड़ के खर्च से बनेंगे येलो और ब्लू रेल कॉरिडोर
नई दिल्ली, 29 सितंबर (एजेंसियां)। भारत ने सोमवार को भूटान के साथ दो नई रेल परियोजनाओं का ऐलान किया। भूटान के शहरों समत्से और गेलेफू के लिए 4,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से दो सीमा पार रेल संपर्क स्थापित किए जाएंगे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इन रेल परियोजनाओं की जानकारी दी। बताया गया कि भारत और भूटान सरकार बानरहाट (पश्चिम बंगाल) को समत्से से और कोकराझार (असम) को गेलेफू से जोड़ने के लिए दो सीमापार रेल संपर्क स्थापित करने पर सहमत हो गई है।
रेल मंत्री और विदेश सचिव ने कहा, भारत और भूटान के बीच असाधारण विश्वास, पारस्परिक सम्मान और समझ का रिश्ता है। रेल संपर्क स्थापित करने के लिए समझौते पर पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूटान यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। रेल मंत्री ने बताया कि ये परियोजनाएं भारतीय रेलवे के नेटवर्क से शुरू होंगी। इस पर लगभग 4,033 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है। इस पहल के तहत 89 किलोमीटर लंबा रेलवे नेटवर्क बनाया जाएगा।
रेलवे की इन नई परियोजनाओं से दोनों देशों के बीच संपर्क, व्यापार और पर्यटन बढ़ेगा। इनमें सबसे अहम बात यह है कि आम लोग भी ट्रेन के जरिए सीधे भूटान की यात्रा करेंगे। अभी ट्रेन पश्चिम बंगाल में हासीमारा तक ट्रेन थी, अब यह सीधे भूटान के गेलेफू तक चलाई जाएगी। इसमें पहला प्रोजेक्ट असम के कोकराझार से भूटान के गेलेफू तक रेल लाइन बिछाने का है। इस 69 किलोमीटर लंबी लाइन पर 3,456 करोड़ रुपए खर्च होंगे। दूसरा प्रोजेक्ट पश्चिम बंगाल के बानरहाट से भूटान के समत्से को जोड़ने का है। इसकी लंबाई 20 किलोमीटर होगी और इस पर 577 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
भारत और भूटान के रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं। दोनों देश एक दुसरे बड़े व्यापारिक साझेदार है। भूटान के समत्से और गेलेफू बड़े एक्सपोर्ट-इंपोर्ट हब हैं, जो भारत-भूटान की करीब 700 किलोमीटर लंबी सीमा को जोड़ते हैं। यह भूटान में बनने वाला पहला रेल प्रोजेक्ट है, जो भारत से सीधा जोड़ेगा। इससे लोगों और सामान की आवाजाही पहले से कहीं आसान हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट से इलाके के लोगों के लिए रोजगार और आर्थिक अवसर बढ़ेंगे। गेलेफू को एक माइंडफुलनेस सिटी (शांतिपूर्ण और आधुनिक शहर) के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे पर्यटन और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
भारत सरकार इन दोनों रेल प्रोजेक्ट्स में पूरी मदद करेगी। भारत की तरफ की रेलवे लाइन का खर्च रेल मंत्रालय उठाएगा। भूटान की तरफ का हिस्सा भारत सरकार की मदद से भूटान की 5-वर्षीय योजना के तहत बनेगा। इस समझौते के तहत भारतीय रेल भूटान के लिए दो कॉरिडोर (गलियारे) बना रहा है। इनमें येलो लाइन आर्थिक गलियारा, व्यापार के लिए है। जबकि ब्लू लाइन वैकल्पिक गलियारा, उत्तरी सीमा से जुड़ा है। ये दोनों परियोजनाएं भूटान को दुनिया के बाजारों से और बेहतर ढंग से जोड़ेंगी। भारत और भूटान की यह ऐतिहासिक रेल परियोजना सिर्फ एक ट्रैक नहीं, बल्कि दोस्ती की नई दिशा है। आने वाले वर्षों में जब ट्रेन इन पटरियों पर दौड़ेंगी, तो सिर्फ दूरी ही नहीं घटेगी, दिल और रिश्ते भी और करीब आएंगे।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, दोनों देशों के बीच आपसी संबंध बहुत ही पुराने है। कई भारतीय निजी कंपनियां भूटान में पावर प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। दोनों देशों के बीच रोड कनेक्टिविटी पर काफी काम हुआ है। इसलिए हम इसे और आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार और लोगों की आवाजाही और आसान हो सके।
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