अगले साल से बीदर जिले के भालकी में वचना विश्वविद्यालय होगा शुरू: सीएम
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने अगले साल से बीदर जिले के भालकी में वचना विश्वविद्यालय शुरू करने का वादा किया है| विश्वगुरु बसवन्ना को कर्नाटक सांस्कृतिक नेता घोषित किए जाने की वर्षगांठ के अवसर पर शहर के पैलेस ग्राउंड परिसर में लिंगायत मठाधिपति संघ और सभी बसवपारा संगठनों द्वारा आयोजित एक महीने तक चलने वाले कन्नड़ बसव संस्कृति अभियान के समापन समारोह में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि अगर बसवन्ना के संबंध में कोई भी समस्या है, तो हमारी सरकार तुरंत जवाब देगी|
उन्होंने कहा कि बसव कल्याण में अनुभव मंडप का निर्माण धीमी गति से चल रहा है और यह अगले साल तक पूरा हो जाएगा| बेंगलूरु मेट्रो का नाम बसवन्ना के नाम पर रखने की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र सरकार की एक संयुक्त परियोजना है| हमारा हिस्सा ८७ प्रतिशत है, जबकि केंद्र सरकार का हिस्सा १३ प्रतिशत है| भले ही हमारा हिस्सा अधिक हो, लेकिन कोई भी निर्णय लेने के लिए केंद्र सरकार की पूर्व स्वीकृति आवश्यक है| अगर यह हमारा अपना पूर्ण पैमाने का प्रोजेक्ट होता, तो मैं अभी इसकी घोषणा कर देता| मैं अभी केंद्र को प्रस्ताव प्रस्तुत करूँगा| जाति के कारण कोई बुद्धिमान नहीं बनता| मैंने ऐसी जाति में जन्म लेने के लिए आवेदन नहीं किया था| जाति व्यवस्था थी, इसलिए मैं कुरुबा समुदाय में पैदा हुआ| यहाँ तक कि पट्टाभद्रों ने भी जाति के कारण शूद्रों को शिक्षा से दूर रखा| जाति के कारण कोई महान नहीं बनता| इस तरह देखें तो, वाल्मीकि ने रामायण लिखी, मछुआरों ने महाभारत लिखी और दलित समुदाय से डॉ. अंबेडकर ने संविधान लिखा| उन्होंने कहा कि प्रतिभा किसी के पिता की जागीर नहीं होती| अगर अवसर मिले, तो सभी सफल होंगे| समाज में सहिष्णुता और सह-अस्तित्व होना चाहिए| इन्हें व्यक्तिगत जीवन में लागू किया जाना चाहिए| समाज में अनेक धर्म हैं| कोई भी ऐसे धर्म में जन्म लेने के बारे में नहीं सोचता| उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर समाज को गुमराह नहीं किया जाना चाहिए|
बसव तत्व के अनुयायियों को एक समतामूलक समाज के निर्माण का प्रयास करना चाहिए| उन्होंने कहा कि जब मैं पहले कार्यकाल में मुख्यमंत्री था, तो मैंने भाग्य श्रृंखला योजनाएँ लागू करके समानता लाने की कोशिश की और जब मैं दूसरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री बना, तो मैंने गारंटी लागू करने की कोशिश की| उन्होंने कहा अगड़ी जातियों के लिए जाति सम्मेलन आयोजित करना अनावश्यक है| लेकिन पिछड़े समुदायों के लिए जाति सम्मेलन आयोजित करना और संगठित होना जरूरी है| उन्होंने कहा हमारी जाति व्यवस्था जड़ता से भरी है| जाति को गतिशीलता दी जानी चाहिए| इसके लिए आर्थिक शक्ति दी जानी चाहिए| हम सभी शूद्र हैं| चाहे कोई भी जाति हो, सभी शूद्र एक समान हैं| बसवन्ना ने गतिहीन जाति व्यवस्था का विरोध करके एक नए धर्म की स्थापना की| मैं बसवन्ना का प्रशंसक हूँ| बसव तत्व में मेरी आस्था और निष्ठा है| मेरा मानना है कि बसव तत्व शाश्वत और प्रासंगिक है, न केवल तब न आज बल्कि भविष्य में भी| बसवन्ना ने जीवन भर सह अस्तित्व और सहिष्णुता का उपदेश दिया| उन्होंने कहा मैं भी इसका पालन करूँगा| मैंने बसव जयंती के दिन मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और उसी दिन सभी को समान अवसर प्रदान करने की बसवन्ना की इच्छा को पूरा करने का निर्णय लिया| मैंने अनेक आशीर्वादों और गारंटियों के माध्यम से सभी जातियों और धर्मों के गरीबों को अवसर प्रदान किए हैं| उन्होंने कहा कि यही कारण है कि सभी सरकारी कार्यालयों में बसवन्ना का चित्र रखना अनिवार्य कर दिया गया है| मैं कानून का छात्र होने के समय से ही बसवन्ना का अनुयायी रहा हूँ| अंबेडकर ने भी अपने संविधान में बसवन्ना की इच्छाओं को व्यक्त किया था| इसलिए, संविधान और समर्पण की संस्कृति एक हैं| उन्होंने कहा कि हमारी सरकार संविधान की प्रस्तावना पढ़ने का अभियान चला रही है| हमारी कई जातियां और कई धर्म हैं| हम सभी शूद्र हैं| जो चतुर्वर्ण व्यवस्था में चौथे स्थान पर हैं| शूद्रों को यह समझना चाहिए कि उनकी जाति चाहे जो भी हो, हम सब एक हैं|