पाकिस्तान ने बेवजह मामले को लटकाया
- आदर्श प्रकाश सिंह
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के आका भारत से दुश्मनी बनाए रखना चाहते हैं। यही वजह है कि एशिया कप में जीत के बाद भी वे भारत को ट्रॉफी देने में आनाकानी कर रहे हैं। जब भारत ने पहले ही कह दिया था कि वह पीसीबी के चेयरमैन मोहसिन नकवी के हाथ से ट्रॉफी नहीं लेगा, तो नकवी को खुद मंच से हट जाना चाहिए था। ऐसा करने से दोनों देशों का सम्मान बचा रहता। मगर नकवी ने ऐसा नहीं किया। वह किसी दूसरे अधिकारी से भी ट्रॉफी और मेडल दिला सकते थे। मंच पर संयुक्त अरब अमीरात के एक अधिकारी भी मौजूद थे। उनके हाथ से भारत के कप्तान सूर्यकुमार यादव को एशिया कप विजेता की ट्रॉफी दिलाई जा सकती थी। किसी समस्या का समाधान इसी तरह निकाला जाता है।
जब काफी इंतज़ार के बाद भी सूर्यकुमार यादव ट्रॉफी लेने नहीं आए, तो नकवी, जो एशियाई क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष भी हैं, ट्रॉफी लेकर वहाँ से चले गए। भारत के खिलाड़ियों को बिना मेडल के ही स्वदेश वापस आना पड़ा। तो विवाद खत्म नहीं हुआ। अब बड़ा सवाल यह है कि भारत को एशिया कप विजेता की ट्रॉफी कब मिल पाएगी?
पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्ते सुधरने वाले नहीं हैं। कड़वाहट काफी बढ़ गई है। आईसीसी को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। भारत ने उससे शिकायत की है। पाकिस्तान ने बेवजह मामले को उलझा दिया है। वास्तव में पाकिस्तान बौखला गया है। भारतीय टीम ने उसे फाइनल सहित लगातार तीन बार पराजित किया। पाक टीम के सदस्यों ने मैदान में अजीबोगरीब हरकतें भी कीं। पूरी दुनिया ने इसे देखा है। हमारे कप्तान ने पाक कप्तान से हाथ नहीं मिलाया। इसका मलाल भी उनकी टीम को है।
आखिर जो देश आतंकवाद को बढ़ावा देता हो और निर्दोष लोगों की हत्या करवाता हो, उसके साथ हाथ कैसे मिलाया जा सकता है? ट्रॉफी जल्द से जल्द भारत आनी चाहिए। इस पर हमारे खिलाड़ियों का अधिकार है। पाकिस्तान को सबक मिल गया है—वह भारत से कभी जीत नहीं सकता।