जनगणना के मुद्दे पर भ्रम बढ़ा
किसानों की समस्याओं पर तुरंत ध्यान दे सरकार: विजयेन्द्र
मैसूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक बी.वाई. विजयेंद्र ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि राज्य सरकार आर्थिक-सामाजिक-शैक्षणिक सर्वेक्षण के नाम पर जाति जनगणना करा रही है और इससे भ्रम दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है|
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह बात डीसीएम डी.के. शिवकुमार के जवाब को देखकर ही स्पष्ट हो जाती है| आम आदमी के सामने ६० सवाल रखे गए हैं| सभी समाजों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है| उन्होंने कहा कि सतही तौर पर यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार ने बिना किसी पूर्व तैयारी के यह फैसला जल्दबाजी में लिया है| इसमें दिव्यांगों को भी शामिल किया गया है| इसकी काफी आलोचना हुई है| उन्होंने पूछा कि राज्य सरकार या मुख्यमंत्री इतनी जल्दी में क्यों हैं| कांग्रेस पार्टी में नवंबर क्रांति-अक्टूबर क्रांति को लेकर चर्चा चल रही है|
उन्होंने विश्लेषण किया कि राज्य में इस बात पर चर्चा चल रही है कि क्या राज्य की राजनीति में क्रांति और इस जाति जनगणना के बीच कोई संबंध है| सरकार आर्थिक-सामाजिक-शैक्षणिक न्याय प्रदान करे| समाज के सबसे कमजोर तबके को न्याय दिलाने को लेकर भाजपा में कोई भ्रम नहीं है| देश के गौरवशाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक फैसले की घोषणा की है| यह एक ऐसा फैसला है जो आजादी के बाद से किसी प्रधानमंत्री ने नहीं लिया| उन्होंने घोषणा की है कि पूरे देश में जाति जनगणना शुरू की जाएगी| उन्होंने कहा कि कर्नाटक में इस तरह का भ्रम पैदा करने की कोई जरूरत नहीं थी| एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए, विजयेंद्र ने कहा कि सिद्धरामैया जल्दबाजी में हैं| दो महीने पहले उन्होंने मैसूरु में शक्ति प्रदर्शन किया था| सिद्धरामैया रैंप वॉक कर रहे थे| उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे और डी.के. शिवकुमार के पास कोई पता नहीं है| उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री नवंबर क्रांति-अक्टूबर क्रांति के बारे में सार्वजनिक बयान दे रहे हैं|
एआईसीसी के राष्ट्रीय महासचिव वेणुगोपाल कहते हैं कि नेतृत्व परिवर्तन पर चर्चा न करें| यहाँ तक कि कांग्रेस नेताओं ने भी यह नहीं कहा है कि नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा| उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव के बाद राज्य में कई राजनीतिक बदलाव होंगे| यह स्पष्ट है कि राज्य में उथल-पुथल मचेगी| उत्तरी कर्नाटक, खासकर कल्याण कर्नाटक में भारी बारिश के कारण किसान सड़कों पर उतर आए हैं| तोगड़ी, सोयाबीन और दालें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं| किसान परेशान हैं| गरीबों के घर बर्बाद हो गए हैं| उन्होंने कृषि मंत्री, राजस्व मंत्री और प्रभारी मंत्री की इस ओर ध्यान न देने के लिए आलोचना की| उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार केवल बयानों तक सीमित न रहे, बल्कि किसानों की दुर्दशा पर भी ध्यान दे|