तीन साल में 208 करोड़ का ड्रग्स बरामद
उत्तराखंड में फार्मा कंपनियों पर सख्ती
एमडीएमए की तस्करी पर निगरानी, 4440 गिरफ्तार
देहरादून, 07 अक्टूबर (एजेंसियां)। मध्य प्रदेश में कफ सीरप से हुई बच्चों की मौत के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी दवा निर्माताओं पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। शासन ने पुलिस और ड्रग कंट्रोलर विभाग को आपसी तालमेल के जरिए ऐसी फार्मा कंपनियों पर नियमित नजर रखने को कहा है।
उत्तराखंड दवा उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र माना जाता है। यहां कई कंपनियां हर्बल प्रोडक्ट्स उत्पादन की आड़ में नशे के कारोबार से जुड़ी हुई हैं, जिनके खिलाफ पुलिस प्रशासन ने सख्ती की है। कुछ फार्मा कंपनियां, कैप्सूल, खांसी के सीरप के जरिए भी नशे के कारोबार में लिप्त पाई गई हैं। उत्तराखंड पुलिस ने नशे के कारोबार पर कड़ी कार्रवाई करते हुए पिछले तीन वर्षों में मादक पदार्थों की तस्करी पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया है। एनडीपीएस एक्ट के अन्तर्गत हुई कार्रवाइयों में हजारों अभियुक्त गिरफ्तार किए गए और करोड़ों रुपए मूल्य का नशा बरामद किया गया।
राज्य में अगस्त 2025 तक एनडीपीएस एक्ट के तहत की गई कार्रवाई में उल्लेखनीय सफलता मिली है। पिछले 3 वर्षों में 3431 अभियोगों में कुल 4440 अभियुक्त गिरफ्तार किए गए हैं। बरामद ड्रग्स में चरस 681.09 किलो, डोडा 649.79 किलो, अफीम 61.22 किलो, कोकीन 0.39 ग्राम, हेरोइन 58.98 किलो, गांजा 4954.34 किलो, कैप्सूल 7,18,201, इंजेक्शन 38,919, गोलियां 720278 शामिल हैं। इन नशीली सामग्रियों की अनुमानित कीमत 208 करोड़ 4 लाख 31 हजार 296 रुपए बताई गई है। इसके अलावा हेरोइन बनाने वाली सामग्रियों में हाइड्रोक्लोरिक एसिड 47.5 लीटर, मेथेमेलामाइन सॉल्यूशन 500 मिलीलीटर, सोडियम हाइड्रोक्साइड 28 किलो बरामद की गई है। एनडीपीएस अपराधों में एमडीएमए एवं अन्य सिंथेटिक ड्रग्स के बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए पुलिस ने निगरानी और भी सख्त कर दी है। इनकी जब्ती में वृद्धि देखी जा रही है, जबकि पारंपरिक मादक पदार्थों की मात्रा में कमी आई है।
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