गृह मंत्री परमेश्वर सड़कों पर नमाज अदा करने की अनुमति न दिए जाने की समीक्षा करेंगे
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| राज्य के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने कहा कि सड़क पर नमाज पढ़ने की अनुमति न देने के मुद्दे की समीक्षा की जाएगी| निजी संगठनों ने तय किया है कि सरकारी जमीन पर उनकी गतिविधियाँ नहीं होनी चाहिए| स्वाभाविक रूप से, मुसलमानों से पूछा जा रहा है कि क्या उन्हें सड़क पर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी जा रही है|
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार एक नियम के लिए दूसरा नियम नहीं बना सकती| सड़क पर गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए समीक्षा की जाएगी| आरएसएस कोई नया संगठन नहीं है| इसका 100 साल पुराना इतिहास है| तब से देश में भ्रम की स्थिति रही है| इस पर बार-बार चर्चा होती रही है|
उन्होंने कहा कि सरकारों ने समय-समय पर कदम उठाए हैं| 2023 में जब जगदीश शेट्टर मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने अपनी ही पार्टी के सहयोगी संगठन, आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था| अगर कांग्रेस सरकार ने कोई आदेश जारी किया होता, तो वे हंगामा मचा देते| जगदीश शेट्टर उस आदेश की अनदेखी कर देते| उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि कोई अनावश्यक उकसावे की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए| उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के बारे में फिलहाल कोई चर्चा नहीं चल रही है|
आरएसएस के जुलूस में शामिल पीडीओ का निलंबन उचित है| उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी निजी संगठनों की गतिविधियों में भाग नहीं ले सकते, सदस्यता प्राप्त नहीं कर सकते और भ्रम की स्थिति में भी उनका जुलूस में शामिल होना उचित नहीं है| हमने पिछली कैबिनेट में निर्णय लिया था कि सरकारी संपत्तियों पर निजी संगठनों की गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं है|
इस संबंध में शनिवार शाम एक आधिकारिक आदेश जारी किया गया| इसी के मद्देनजर कलबुर्गी जिले के चित्तपुर तालुका में आरएसएस के जुलूस को अनुमति नहीं दी गई| उन्होंने कहा कि यह नियम सभी संगठनों पर लागू होगा और चाहे वह भीम आर्मी हो या कोई भी संगठन, नियमों का पालन करते हुए अनुमति दी जाएगी| व्यापारी किरण मजूमदार शाह का यह बयान कि हमने खुद बेंगलूरु में गड्ढों को बंद किया है, आपत्तिजनक है| वह काफी प्रभावशाली हैं| अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी पहचान है| उन्होंने कहा कि उन्हें अपने बयानों के परिणामों पर ध्यान देना चाहिए| अगर कोई समस्या है, तो उन्हें मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए और उसका समाधान करना चाहिए| इसे छोड़कर, मीडिया से बात करना उचित नहीं है|