आरएसएस-भाजपा नेताओं को अपने बच्चों को लाठी-बंदूक चलाने की ट्रेनिंग देनी चाहिए: एमएलसी
मेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| विधान परिषद सदस्य मंजूनाथ भंडारी ने सवाल किया कि भाजपा नेताओं को सिर्फ दो बातें पता हैं - पाकिस्तान और मुसलमान| इसके अलावा उन्हें कुछ नहीं पता| अपने दस साल के शासन की वे क्या उपलब्धियाँ बता सकते हैं? अगर मंत्री प्रियांक खड़गे आरएसएस के बारे में कोई बयान देते हैं, तो वे उन्हें देशद्रोही करार दे देते हैं| प्रियांक खड़गे ने जो कहा, उसमें क्या गलत है?
पिछड़े समुदायों के बच्चों को डंडे और बंदूकें देकर आरएसएस किस तरह का प्रशिक्षण दे रहा है? यहाँ आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि आरएसएस और अन्य निजी संगठनों को सरकारी मैदानों, स्कूलों या सड़कों पर गतिविधियाँ आयोजित करने से पहले अनुमति लेनी होगी| अनुमति लेने में क्या समस्या है? आरएसएस सौ साल पुराना होने का दावा करता है और देश भर में परेड आयोजित करता है, लेकिन अभी तक इसे आधिकारिक संगठन के रूप में पंजीकृत क्यों नहीं किया गया है? अपंजीकृत संगठन को अपना धन कहाँ से मिलता है? उनके खातों में कितना पैसा है? संविधान के तहत इन मामलों पर सवाल क्यों नहीं उठाया जा सकता?
उन्होंने कहा आरएसएस कानूनी तौर पर एक संगठन भी नहीं है| अगर होता, तो उसे कुछ मानकों का पालन करना पड़ता - मुख्यतः पंजीकरण| चूँकि पंजीकरण नहीं है, इसलिए ऐसे निजी समूहों के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने का सरकार का फैसला सही है| मंत्री प्रियांक खड़गे और मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने सही फैसला लिया है और हम, जिले के सभी कांग्रेसी नेताओं सहित, इसका पूरा समर्थन करते हैं| भंडारी ने कहा अपने छात्र जीवन से ही, मैं आरएसएस और भाजपा के खिलाफ लड़ता रहा हूँ| मैंने येदियुरप्पा से भी सीधे तौर पर बात की| तटीय क्षेत्र का हर कांग्रेसी नेता खड़गे के साथ खड़ा है| जो लोग यह चिल्ला रहे हैं कि आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, वे जनता को गुमराह कर रहे हैं| यह नियम केवल आरएसएस पर ही नहीं, बल्कि सभी निजी संगठनों पर लागू होता है, उन्हें सार्वजनिक स्थानों का उपयोग करने की अनुमति लेनी होगी|
हम सभी ने देखा कि मदिकेरी में बच्चों को बंदूक चलाने की ट्रेनिंग कैसे दी जाती थी| क्या यह उचित है कि भाजपा और आरएसएस के नेता अपने बच्चों को शिक्षा और नौकरी के लिए विदेश भेजते हैं, जबकि यहाँ गरीब और पिछड़े समुदाय के बच्चों को हथियारों के लिए उकसाते हैं? हाल के आरोपों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा जैसा कि दिनेश अमीन मट्टू ने दावा किया है, हमारे कॉलेज में कभी भी आरएसएस का कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ| सृष्टि नामक एक प्रोजेक्ट कार्यक्रम, राज्य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों के संयुक्त विज्ञान मॉडल कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था, जिसमें एबीवीपी ने भी भाग लिया था|
मैं उस कार्यक्रम में इसलिए गया था क्योंकि तत्कालीन मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा ने भी इसमें भाग लिया था| जो लोग आरोप लगाते हैं कि वहाँ एबीवीपी की बैठकें आयोजित की गई थीं, उन्हें सबूत दिखाने चाहिए| ऐसे लोगों ने किस नैतिक आधार पर कांग्रेस एमएलसी का टिकट माँगा? उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बारे में लिखा, लेकिन कांग्रेस के सिद्धांतों को समझे बिना, अब वे टिकट मांग रहे हैं| अगर ऐसे निराधार आरोप लगते रहे, तो मैं मानहानि का मुकदमा दायर करूँगा|