कांग्रेस पार्टी के पास आरएसएस पर दोबारा प्रतिबंध लगाने की शक्ति नहीं: विजयेन्द्र
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक बी.वाई. विजयेंद्र ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि एक जिम्मेदार पद पर आसीन प्रियांक खड़गे ने आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में मुख्यमंत्री को इतनी गैरजिम्मेदारी से पत्र लिखा है, जो उनकी मूर्खता का प्रदर्शन है| भाजपा प्रदेश कार्यालय जगन्नाथ भवन में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रियांक खड़गे के पत्र के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दिया|
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि और गतिविधियों की जानकारी नहीं है और जो सिर्फ अपने प्रचार के लिए बोलते हैं, वे ही इस तरह के बयान दे सकते हैं| कांग्रेस पार्टी ने पहले भी दो-तीन बार आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था| उन्होंने बताया कि देश के सामने एक ऐसा उदाहरण है जहाँ उसी कांग्रेस पार्टी ने प्रतिबंध वापस ले लिया था| उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास एक बार फिर आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की शक्ति नहीं है| उन्होंने कहा कि वह प्रियांक खड़गे को याद दिलाना चाहेंगे कि कांग्रेस पार्टी ने भारत-चीन युद्ध के दौरान आरएसएस की गतिविधियों को देखा और सराहा था और उस दिन गणतंत्र दिवस परेड में आरएसएस को भाग लेने की अनुमति दी थी|
प्रियांक खड़गे की नजर मुख्यमंत्री पद पर है| उन्होंने विश्लेषण किया कि ऐसा लगता है जैसे उन्होंने गांधी परिवार को खुश करने के लिए यह पत्र लिखा है| आरएसएस के १०० वर्ष पूरे होने के इस पावन अवसर पर देश भर में गतिविधियाँ और रोड शो हो रहे हैं| ऐसे अवसर पर प्रियांक खड़गे ने एक पत्र के माध्यम से अपनी राय व्यक्त की है| उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि समय इन सबका उत्तर देगा| प्रियांक खड़गे, आपका जिला शैक्षणिक रूप से पिछड़ा हुआ है, वहाँ गुंडागर्दी चल रही है, आपके जिले में एक ठेकेदार ने आत्महत्या कर ली है, डराने-धमकाने के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं|
जिस तरह से रेत माफिया चल रहा है, अगर आप एक मंत्री के रूप में इन सब पर ध्यान दें, तो यह आपके जिले के लिए अधिक फायदेमंद होगा| यह राज्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है| गुलबर्गा जिला शिक्षा में बहुत पिछड़ा हुआ है| आपके पिता मल्लिकार्जुन खड़गे ने खुलेआम कहा है कि कल्याण कर्नाटक में ३०-३५ हजार शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है| उन्होंने आग्रह किया कि इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए| उन्होंने कहा कि एक मंत्री के तौर पर जिन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है, उन पर ध्यान दिए बिना इस तरह अहंकार से बोलना उचित नहीं है|