जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा : मुत्तकी
अफगानिस्तान के स्टैंड से बौखलाया पाकिस्तान
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (एजेंसियां)। भारत और अफगानिस्तान के रिश्तों में बड़ा बदलाव देखने को मिला जब तालिबान सरकार ने खुले तौर पर भारत की संप्रभुता का समर्थन किया और जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा माना। नई दिल्ली में अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों देशों ने एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की बात कही।
इस बयान में पहलगाम आतंकी हमले को भारत के जम्मू और कश्मीर में हुआ बताया गया था, जिसे पाकिस्तान ने तुरंत विरोध का मुद्दा बना लिया। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के राजदूत को तलब करके औपचारिक विरोध दर्ज कराया। पाकिस्तान ने कहा कि यह बयान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के खिलाफ है और कश्मीर की कानूनी स्थिति को नजरअंदाज करता है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने तालिबान पर आरोप लगाया कि वह कश्मीरी लोगों से मुंह मोड़ रहे हैं और मुस्लिम उम्माह के साथ अन्याय कर रहे हैं। जरदारी ने कहा, पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर पर किसी भी विवादित या भ्रामक रुख को कभी स्वीकार नहीं करेगा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मौजूदा अंतरिम अफगान प्रशासन ने भारत के अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के पीड़ित लोगों के न्याय के लिए किए जा रहे संघर्ष से मुंह मोड़ लिया है, जिससे इतिहास और मुस्लिम उम्माह, दोनों के साथ अन्याय हो रहा है।
वहीं, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुत्तकी ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संघर्ष पर भी खुलकर अपनी बात रखी। मुत्तकी ने कहा कि अफगानिस्तान ने पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी का जवाब दिया और अपनी सीमाओं की रक्षा की। उन्होंने बताया कि हालिया संघर्ष में दर्जनों लोग मारे गए हैं, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है। मुत्तकी ने कहा कि अगर पाकिस्तान शांति नहीं चाहता, तो अफगानिस्तान के पास अन्य विकल्प भी हैं। उन्होंने साफ किया कि अफगानिस्तान अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगा और अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी के खिलाफ नहीं होने देगा।
वहीं, पाकिस्तान की तरफ से लगातार यह आरोप लगाया जा रहा है कि अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादी छिपे हैं, लेकिन मुत्तकी ने इसे सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा 2400 किलोमीटर लंबी है, जिसे इतिहास में न चंगेज खान नियंत्रित कर सका, न अंग्रेज। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर पाकिस्तान के पास इतनी बड़ी सेना और खुफिया एजेंसियां हैं, तो वह अपने देश में आतंक को क्यों नहीं रोक पा रहा?
भारत ने इस पूरे घटनाक्रम को अपने लिए सकारात्मक बताया है। भारत का कहना है कि यह बयान दिखाता है कि भारत और अफगानिस्तान दोनों पड़ोसी हैं और साझा सीमाएं रखते हैं, क्योंकि पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (पीओके) की सीमा अफगानिस्तान से लगती है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत अफगानिस्तान की शांति, स्थिरता और विकास का शुभचिंतक है। इस तरह तालिबान की यह नई स्थिति न सिर्फ पाकिस्तान के लिए कूटनीतिक झटका है, बल्कि दक्षिण एशिया की राजनीति में एक बड़ा संकेत भी है कि तालिबान अब भारत के साथ नजदीकियां बढ़ा रहा है और पाकिस्तान से उसका रिश्ता पहले से कहीं ज्यादा तनावपूर्ण होता जा रहा है।
Afghanistan India relations, Taliban India relations, Jammu Kashmir issue, Pakistan Afghanistan conflict, Amir Khan Muttaqi statement, S Jaishankar Afghanistan meeting, Taliban support India, Pakistan reaction Taliban, Jammu Kashmir part of India, Afghanistan Pakistan border firing, Taliban diplomatic shift, South Asia politics, Afghanistan news, India Afghanistan ties, Taliban statement