खूंखार अपराधी शहाबुद्दीन के अपराधी बेटे को बनाया प्रत्याशी

लालू यादव बिहार में आबाद रखना चाहते हैं जंगलराज की विरासत

 खूंखार अपराधी शहाबुद्दीन के अपराधी बेटे को बनाया प्रत्याशी

बाप की तरह बेटे ओसामा पर भी हैं दर्जनों आपराधिक मुकदमे

पटना, 16 अक्टूबर (एजेंसियां)। देश के लोग बिहार के कुख्यात अपराधी सरगना मोहम्मद शहाबुद्दीन का नाम अब तक भूले नहीं होंगे। नृशंस हत्यारा, डकैत, आतंकवादी और आईएसआई का एजेंट रहा शहाबुद्दीन जो बीच सड़क पर अपने विरोधियों की हत्याएं करता था। तेजाब डाल कर विरोधियों को मार डालता था। जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और बाद में मुख्यमंत्री बनी उनकी पत्नी राबड़ी देवी खुला संरक्षण देती थी उसी माफिया के बेटे ओसामा शहाब को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने रघुनाथपुर सीट से विधानसभा चुनाव का उम्मीदवार बनाया है। ओसामा शहाब भी अपने पिता की तरह खूंखार अपराधी है और उस पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं।

शहाबुद्दीन सीवान का सांसद था। 90 के दशक में वह आतंक का पर्यायवाची बन गया था। उसी शहाबुद्दीन का बेटा ओसामा अब अपने अब्बा के गुंडाराज को रघुनाथपुर में फैलाने के लिए वापस आया है। राजद ने ओसामा को टिकट देकर उसकी और अपनी भी भूमिका तय कर ली है। शहाबुद्दीन के आपराधिक जीवन का साया उसके बेटे ओसामा शहाब पर भी पड़ा। पिछले साल 2024 में ही ओसामा जेल से बाहर निकला था। ओसामा कई आपराधिक मामलों में कुछ महीनों तक जेल में बंद रहा। आखिर में उसे हाईकोर्ट से जमानत मिली। इस वक्त तक ओसामा को शहाबुद्दीन की गुंडाराज और डर की राजनीति का विरासत कहा जाने लगा था।

सबसे पहला मामला हुसैनगंज थाना क्षेत्र के छपिया बुजुर्ग स्थित 42 कट्ठा जमीन में दर्ज हुआ था। उसके बाद मोतिहारी में उसके बहनोई से आपसी जमीन विवाद में फायरिंग करने पर भी ओसामा पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इसी बीच साल 2023 में ओसामा को राजस्थान के कोटा में ट्रैफिक पुलिस ने हिरासत में ले लिया। तभी हुसैनगंज पुलिस ने कोटा पहुंचकर ओसामा को गिरफ्तार कर लिया और वापस ले आई। अब उसपर दर्ज फायरिंग और जमीन विवाद मामले में कोर्ट में पेशी हुई। कोर्ट ने ओसामा को मंडल कारा भेज दिया। कुछ दिन बाद ओसामा को हुसैनगंज मामले में जमानत मिल गई। लेकिन मोतिहारी में दर्ज एफआईआर में वह जेल में बंद रहा। इस मामले में मोतिहारी व्यवहार कोर्ट में उसकी जमानत याचिका खारिज की गईजिसके बाद पटना हाईकोर्ट से उसे जमानत मिली। आखिर में ओसामा साल 2024 में जेल से रिहा हो गया।

इस बीच शहाबुद्दीन के समर्थकों ने ओसामा के भीतर अपने अब्बा की विरासत को आगे बढ़ाने की ललक देखी क्योंकि शहाबुद्दीन पर भी 19 साल की उम्र में ही पहला आपराधिक केस दर्ज हुआ थाजो साल 2016 तक 39 तक बढ़ गया। शहाबुद्दीन के समर्थकों के मुताबिकओसामा भी अब अपराध की बदौलत राजनीति में करियर शुरू कर सकता है। बिहार में राजद सरकार में जंगलराज प्रदेश की बर्बादी का कारण रहा है। लालू प्रसाद यादव के इस जंगलराज में शहाबुद्दीन का आतंक चरम पर था। इस जंगलराज में शहाबुद्दीन बंदर और लालू यादव मदारी थे। लालू यादव और शहाबुद्दीन के बीच रिश्ता अब तक राजद निभा रही है।

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शहाबुद्दीन की मौत के बाद भी राजद उसके परिवार का पूरा खयाल रखती है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद ने लोकसभा चुनाव 2024 में सीवान से शहाबुद्दीन की बीवी हिना शहाब को उम्मीदवार बनाया लेकिन उसकी हार के बाद राजद को ये सीट गंवानी पड़ी। इसके बाद भी खबरें आईं कि बिहार चुनाव 2025 में राजद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा को दावेदार बना सकती है। जुलाई 2025 में तेजस्वी यादव का शहाबुद्दीन के घर पहुंचकर डिनर करने के बाद ये खबरें और तेज हो गईं। तेजस्वी यादव का आतंक फैलाने वाले शहाबुद्दीन के परिवार को लेकर काफी नरम दिल रहा है। इसीलिए जुलाई 2025 में राजद के स्थापना दिवस पर भी वे शहाबुद्दीन को याद करना नहीं भूले। मंच से तेजस्वी यादव ने शहाबुद्दीन अमर रहे के नारे लगवाए।

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अब ओसामा शहाब राजद के सिंबल पर बिहार चुनाव में मैदान में है। ये वही समय है जब शहाबुद्दीन पहली बार राजद से चुनाव लड़ा था। फर्क सिर्फ यह है कि अपराधी का चेहरा बदल गया हैचरित्र नहीं। राजद ने ओसामा को टिकट देकर साफ कर दिया कि वह बिहार की राजनीति में अब भी अपराधी छवि को ऊपर मानती है। जबकि नीतीश सरकार में बिहार से जंगलराज हटा है और प्रदेश शिक्षाविकास की ओर बढ़ा है।

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