आबकारी विभाग ने बार मालिकों को राज्य में शराब की खपत बढ़ाने का लक्ष्य दिया!
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| टैक्स बढ़ाकर शराब प्रेमियों के निशाने पर आए आबकारी विभाग ने अब एक और नाटक शुरू कर दिया है| राजस्व बढ़ाने के लिए बारों को ज्यादा शराब पीने का लक्ष्य तय करके उसने खुद को एक नए विवाद में घसीट लिया है| केंद्र सरकार ने आबकारी विभाग को जीएसटी संशोधन से आम आदमी को हुए नुकसान की भरपाई करने और उसका फायदा उठाने का सख्त निर्देश दिया है|
इसी के चलते आबकारी विभाग अब बार मालिकों पर बिक्री बढ़ाने का दबाव बना रहा है| आबकारी विभाग के अधिकारियों की एक बैठक में बार लाइसेंसधारियों को हर लीटर शराब की बिक्री पर 10 लीटर शराब बेचने का आदेश दिया गया है| बार मालिकों ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए जो लोग शराब नहीं पीते, उन्हें हम कैसे व्यापार के लिए लाएँ? साल दर साल बिक्री में 10 गुना वृद्धि कैसे संभव है?
कुछ लोगों ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा है कि जो लोग नशामुक्त, तंबाकूमुक्त और शराबमुक्त की बात करते हैं, वे अब पैसे के लिए पिछले दरवाजे से उनका समर्थन कर रहे हैं और दोहरी नीति का प्रदर्शन कर रहे हैं| हर चीज की एक सीमा होनी चाहिए| बढ़ती कीमतों के कारण शराब की बिक्री में कमी आई है| लेकिन उन्होंने सवाल उठाया है कि शराब पीने के मुद्दे पर हम कैसे आगे बढ़ें| सवाल यह उठता है कि क्या स्वास्थ्य की चिंता करने वालों को शराब छोड़ने के बाद भी शराब पीने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए?
पड़ोसी राज्यों में शराब की कीमतों में कमी के कारण, कर्नाटक के सीमावर्ती इलाकों में शराब की बिक्री कम हुई है| इसके अलावा, राज्य के बार मालिकों को विभिन्न क्षेत्रों से शराब की थोक बिक्री के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है| बार लाइसेंस की संख्या भी बढ़ा दी गई है, जिससे परेशानी और बढ़ गई है| अब दूसरी किस्त अगले दिसंबर में दी जानी चाहिए| हमें केवल अपनी आय बढ़ाने के लिए निशाना बनाया जा रहा है| अगर हमें दिया जा रहा उत्पीड़न बंद नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में हमें एक बड़ी लड़ाई लड़नी होगी|

