टीएसयूटीएफ की चिंतालमनापल्ली मंडल शाखा द्वारा सदस्यता पंजीकरण कार्यक्रम का आयोजन
आसिफाबाद, 16 अक्टूबर (शुभ लाभ ब्यूरो)। तेलंगाना राज्य संयुक्त शिक्षक महासंघ (टीएसयूटीएफ) की चिंतालमनापल्ली मंडल शाखा के तत्वावधान में आज सदस्यता पंजीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान, मंडल के विभिन्न स्कूलों का दौरा करने वाले टीएसयूटीएफ नेताओं ने शिक्षकों से मुलाकात की और शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में जारी नए आदेशों के मद्देनजर शिक्षकों के समक्ष उत्पन्न हो रही समस्याओं की समीक्षा की।
इस अवसर पर, शिक्षकों ने चिंता व्यक्त की कि शिक्षा विभाग द्वारा लागू की गई नवीनतम स्कूल निरीक्षण नीतियाँ, प्रशासनिक जिम्मेदारियों का पृथक्करण और अनावश्यक रिपोर्टिंग प्रणाली शिक्षण को गंभीर रूप से बाधित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के उद्देश्य से उठाए गए कदम वास्तव में शिक्षकों पर अतिरिक्त बोझ डाल रहे हैं और जो समय शिक्षण के लिए आवंटित किया जाना चाहिए, वह प्रशासनिक कार्यों में बर्बाद हो रहा है।
शिक्षकों ने यह भी बताया कि उप-अधिशासी अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रधानाध्यापक और अन्य स्तर के अधिकारियों द्वारा एक ही मुद्दे पर कई आदेश प्राप्त होने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जिसका स्कूलों के कामकाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों द्वारा आयोजित लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रमों, पीटीएम बैठकों और स्कूल परिसर बैठकों के कारण कक्षाओं का शिक्षण समय कम हो रहा है। सुझाव दिया गया कि इन्हें तीन महीने में एक बार आयोजित करने की योजना बनाई जानी चाहिए। शिक्षकों ने महसूस किया कि छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पुरानी परीक्षा प्रणाली (इकाई, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, वार्षिक) को फिर से लागू करना आवश्यक है। शिक्षकों ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ सुविधाओं और कर्मचारियों की कमी है, इस तरह का प्रशासनिक दबाव डालना अनुचित है।
इन सभी मुद्दों की जाँच के बाद, टीएसयूटीएफ नेतृत्व ने शिक्षा विभाग के नवीनतम आदेशों की कड़ी निंदा की। उन्होंने चेतावनी दी कि शिक्षकों पर भारी प्रशासनिक बोझ डालने से शिक्षण की गुणवत्ता प्रभावित होगी और छात्रों का शैक्षिक स्तर गिरेगा।
इस अवसर पर टीएसयूटीएफ की जिला अध्यक्ष श्रीमती वैद्य शांति कुमारी (गुडेम हाई स्कूल) ने कहा, शिक्षकों पर प्रशासनिक कार्यों का बोझ कम करना और शिक्षण वातावरण में सुधार लाना सरकार की ज़िम्मेदारी है। हर स्कूल में शिक्षण की गुणवत्ता सुधारने के लिए शिक्षकों का उत्साह ज़रूरी है। लेकिन, ऐसे आदेश शिक्षकों के आत्मविश्वास को ठेस पहुँचा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, टीएसयूटीएफ का उद्देश्य शिक्षकों के सम्मान, अधिकारों और शिक्षण के अनुकूल वातावरण की रक्षा करना है। शैक्षिक मानकों को बनाए रखने के लिए शिक्षकों की राय को ध्यान में रखते हुए नीतियाँ बनाई जानी चाहिए। शिक्षकों को प्रशासनिक दबाव से मुक्त किया जाना चाहिए।
आश्रम विद्यालयों और सीआरटी में कार्यरत शिक्षकों की समस्याओं का समाधान किया जाए।
इस कार्यक्रम में मंडल के कई स्कूलों के शिक्षकों ने भाग लिया और संघ के सदस्य के रूप में पंजीकरण कराया। बैठक में टीएसयूटीएफ नेताओं के साथ-साथ मंडल अध्यक्ष महेंद्र गौड़ और मंडल नेता भी शामिल हुए। केजीबीवी एसओ श्रीजा नंदिनी, राजन्ना, सचिन, श्रीकांत गौड़, किरण, कुणाल, राकेश, सीआरटी श्रीदेवी, सरिता, शकुंतला और कई अन्य शिक्षकों ने भी कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी निभाई।