ई-वाहनों पर यूपी सरकार देगी 440 करोड़ की सब्सिडी

जापान-जर्मनी की कंपनियां लगाएंगी ईवी यूनिट

ई-वाहनों पर यूपी सरकार देगी 440 करोड़ की सब्सिडी

लखनऊ, 19 अक्टूबर (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश सरकार ई-वाहनों पर 440 करोड़ की सब्सिडी देगी। अगले दो वर्ष में प्रदेश ई-वाहनों का सबसे बड़ा बाजार बनकर उभरेगा। यहां जापान और जर्मनी की कंपनियां भी ईवी इकाइयां लगाने जा रही हैं। पिछले तीन साल में इस मद में केवल 85 करोड़ ही दिए गए थे। 355 करोड़ अगले दो साल में देने का लक्ष्य रखा गया है। माना जा रहा है कि इतनी भारी सब्सिडी से यूपी ई वाहनों का सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा। अभी देश में बिकने वाले कुल ई वाहनों में यूपी की हिस्सेदारी 18 फीसदी है।

उच्च स्तरीय प्राधिकृत ई व्हीकल समिति की बैठक में प्रदेश में ई वाहनों की बिक्री के साथ निर्माण पर खास फोकस किया है। उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन एवं गतिशीलता नीति-2022 के अंतर्गत प्रथम तीन वर्ष में उत्तर प्रदेश में पंजीकृत सभी ई वाहनों पर पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स में 100 प्रतिशत छूट का प्रावधान था। इसकी वैधता 13 अक्टूबर 2025 तक थी। नीति में चौथे एवं पांचवें वर्ष में राज्य में ही बनने वाले और पंजीकृत वाहनों पर वित्तीय प्रोत्साहन प्रभावी था।

इसे दो वर्ष और बढ़ाने के फैसले के पीछे सबसे बड़ी वजह शून्य उत्सर्जन वाहन को बढ़ावा देना है। इसके लिए भारत में प्रमुख ईवी नीतियों की समीक्षा भी की गई। इसमें यह बात सामने आई कि दिल्लीमहाराष्ट्र कर्नाटकमध्य प्रदेशआंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे प्रमुख राज्य ईवी वाहनों के पंजीकरण शुल्क एवं रोड टैक्स में 100 प्रतिशत तक छूट दे रहे हैं। समिति ने पाया कि नीति के तहत अगले दो वर्ष भी राज्य सरकार 100 फीसदी छूट जारी रख सकती है। इस निर्णय से राज्य में ईवी अपनाने की दर में वृद्धि होगी।

नीति आयोग की रिपोर्ट-2024 के अनुसार उत्तर प्रदेश परफॉर्मर श्रेणी में आता हैंजबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 में पूरे देश में बिके कुल ई वाहनों में राज्य का बाजार हिस्सा 18 प्रतिशत रहा। शासन ने इससे निष्कर्ष निकाला कि उत्तर प्रदेश में ईवी की स्वीकृति पर जोर देने की अभी भी प्रबल आवश्यकता हैजिससे राज्य में ईवी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण और ईवी उपयोग की वृद्धि और तेज होगी।

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दो वर्ष के लिए सब्सिडी जारी रखने के साथ राज्य में निर्मित वाहनों की शर्त को इसलिए हटाया गया है क्योंकि उत्तर प्रदेश में वृहद स्तर पर ईवी विनिर्माण सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। राज्य सरकार इन्वेस्ट यूपी में स्थापित समर्पित ऑटो-डेस्क के माध्यम से ऑटो कंपनियों और घटक विनिर्माताओं को आकर्षित कर रही है। इसमें जापान और जर्मनी की कंपनियों ने रुचि दिखाई है जो जल्द ई वाहनों का विनिर्माण केंद्र यूपी में लगा सकती हैं।

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