आईएनएस विक्रांत ने अपने नाम से ही पाकिस्तान की नींद उड़ाई
नौ सेना के जवानों के बीच बोले पीएम मोदी
नौ सैनिकों के संग पीएम ने मनाया दिवाली उत्सव
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (एजेंसियां)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय नौसेना के जवानों के बीच पहुंचकर स्वदेश निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर दीपावली का उत्सव मनाया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “आईएनएस विक्रांत” केवल एक युद्धपोत नहीं बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता, सामर्थ्य और गौरव का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने गर्व से कहा कि “विक्रांत” नाम भर से ही पाकिस्तान की नींद उड़ जाती है, क्योंकि यह भारत की शक्ति और आत्मविश्वास का दूसरा नाम बन चुका है।
प्रधानमंत्री ने नौसेना के अधिकारियों और जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत की सेना पहले से कहीं अधिक आधुनिक, आत्मनिर्भर और सामरिक दृष्टि से मजबूत है। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने अपनी तकनीकी क्षमता और अदम्य साहस से विश्व में एक नई पहचान बनाई है। उन्होंने नौसैनिकों को परिवार बताते हुए कहा कि “आप सब न केवल सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि देश की अस्मिता के प्रहरी भी हैं।”
मोदी ने कहा कि आज जब भारत ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है, तब आईएनएस विक्रांत इसका सर्वोत्तम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है, जिसे भारतीय अभियंताओं, तकनीशियनों और नौसेना के सहयोग से तैयार किया गया। “आज भारत उन कुछ चुनिंदा देशों की सूची में शामिल है जो अपने दम पर इतना विशाल और जटिल युद्धपोत बना सकते हैं,” प्रधानमंत्री ने कहा।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि देश की सुरक्षा व्यवस्था अब किसी एक शक्ति या संस्था पर निर्भर नहीं, बल्कि यह एक सहभागी मॉडल पर आधारित है, जिसमें सशस्त्र बलों के साथ-साथ नागरिक और वैज्ञानिक भी बराबरी से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नौसेना को और अधिक अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित किया जाएगा। भारत अब समुद्री सीमाओं पर ‘नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर’ की भूमिका में है और हिंद महासागर क्षेत्र में उसकी उपस्थिति हर दिन मजबूत हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत की रक्षा तैयारियों में असाधारण वृद्धि हुई है। मिसाइल तकनीक से लेकर पनडुब्बी क्षमता तक, हर क्षेत्र में देश ने आत्मनिर्भरता हासिल की है। “अब भारत की सामरिक नीति ‘रिएक्टिव’ नहीं बल्कि ‘प्रो-एक्टिव’ है,” उन्होंने कहा। उन्होंने नौसेना के उस साहस का भी उल्लेख किया जब उसने पाकिस्तान की ओर से किसी भी उकसावे पर त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कि आज जब पाकिस्तान आर्थिक और राजनीतिक संकट में फंसा है, तब भारत अपने सामर्थ्य के बल पर विश्व मंच पर सम्मान पा रहा है। आईएनएस विक्रांत के नाम से ही पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ जाती है, क्योंकि यह उस शक्ति का प्रतीक है जो भारतीय सैनिकों की कर्तव्यनिष्ठा और देशभक्ति से जुड़ी है।
प्रधानमंत्री ने नौसैनिकों के साथ दीपावली के उत्सव में भाग लेते हुए कहा कि यह पर्व केवल दीप जलाने का नहीं बल्कि देशभक्ति और त्याग की रोशनी फैलाने का अवसर है। उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि मैं आपके बीच दीपावली मना रहा हूं। आप सब देश की सीमाओं के प्रहरी हैं, आपकी वजह से हर भारतीय निश्चिंत होकर अपने घर में दीप जला सकता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सशस्त्र बलों के कल्याण के लिए लगातार प्रयासरत है। आधुनिक हथियारों की खरीद, रक्षा उपकरणों के स्वदेशी निर्माण और सैनिकों के परिवारों के लिए सुविधाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि “सेना केवल एक संस्था नहीं बल्कि यह परिवार की तरह है, जो कठिनाइयों में भी अनुशासन और सेवा की भावना को जीवित रखता है।”
उन्होंने अंत में कहा कि आने वाले वर्षों में भारत रक्षा निर्यात में भी बड़ी छलांग लगाएगा। देश का लक्ष्य 2030 तक दुनिया के रक्षा उत्पादक देशों की शीर्ष श्रेणी में शामिल होना है। आईएनएस विक्रांत इस सपने की शुरुआत है, और इसका नाम ही दुश्मनों को चेतावनी देने के लिए पर्याप्त है कि भारत अब किसी के सामने झुकने वाला नहीं।
जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार पर सख्त हुई मोदी सरकार
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (एजेंसियां)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देशभर में चल रहे जल जीवन मिशन में बढ़ती अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामलों पर सख्त रुख अपनाया है। केंद्र ने सभी राज्यों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और चेतावनी दी है कि जहां भी गड़बड़ियां पाई जाएंगी, वहां त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, कुछ राज्यों में ठेकेदारों द्वारा घटिया पाइपलाइन बिछाने, भुगतान में अनियमितता और पानी की आपूर्ति को लेकर फर्जी रिपोर्ट पेश करने के मामले सामने आए हैं। केंद्र ने ऐसे मामलों में जवाबदेही तय करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे मिशन के तहत अब तक की प्रगति का पारदर्शी विवरण पेश करें और लाभार्थियों की संख्या, जल स्रोतों की स्थिति तथा पाइपलाइन नेटवर्क की वास्तविकता का सत्यापन कराएं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने साफ कहा है कि यह योजना केवल आंकड़ों की बाजीगरी के लिए नहीं, बल्कि हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुँचाने के लिए बनाई गई है।
सूत्रों के मुताबिक, जल जीवन मिशन के तहत देशभर में अब तक लगभग 14.58 करोड़ परिवारों को नल कनेक्शन मिल चुका है, लेकिन कुछ इलाकों में गुणवत्ता और निगरानी की कमी देखी गई है। केंद्र ने विदेशी एजेंसियों की मदद से ऑडिट और जल गुणवत्ता परीक्षण की प्रक्रिया को अनिवार्य किया है ताकि फर्जीवाड़े पर लगाम लगाई जा सके।
सरकार ने यह भी तय किया है कि भविष्य में किसी भी राज्य को फंड तभी जारी होगा जब उसके प्रोजेक्ट्स का भौतिक सत्यापन और थर्ड पार्टी मूल्यांकन पूरा हो जाएगा। केंद्र ने यह भी स्पष्ट किया कि मिशन से जुड़ी हर जानकारी सार्वजनिक पोर्टल पर अपलोड की जाएगी ताकि जनता को भी जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने संबंधित मंत्रालय को निर्देश दिया है कि भ्रष्टाचार पर शून्य सहिष्णुता नीति के तहत काम किया जाए और किसी भी स्तर पर गड़बड़ी पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई हो। सरकार का लक्ष्य 2026 तक देश के हर घर को साफ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना है, और इस दिशा में पारदर्शिता तथा दक्षता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।