खुश नहीं देश की ‘चौथी रक्षा ताकत’, उठे सवाल!

तीनों सेनाओं के हजारो रक्षा कर्मियों ने बिना बोनस मनाई दीपावली

खुश नहीं देश की ‘चौथी रक्षा ताकत’, उठे सवाल!

रक्षा मंत्रालय पर लापरवाही का आरोप

लम्बे समय से उपेक्षा का शिकार

सरकार से की हस्तक्षेप की मांग 

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (एजेंसियां)। दीपावली का त्यौहार पूरे देश में उत्सव, रोशनी और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इस बार देश की हजारों रक्षा उत्पादन इकाइयों और आयुध निर्माणियों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए यह पर्व निराशा लेकर आया। सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रक्षा उत्पादन इकाइयों के कर्मचारियों को अब तक बोनस न मिलने के कारण उन्हें दीपावली बिना किसी अतिरिक्त आर्थिक लाभ के मनानी पड़ी। इससे देश की ‘चौथी रक्षा ताकत’ कहे जाने वाले इन कर्मचारियों में गहरी नाराजगी है।

अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (AIDEF) के महासचिव सी. श्रीकुमार ने कहा कि यह स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि रक्षा मंत्रालय अपने ही कर्मचारियों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है। जहां देशभर के अन्य केंद्रीय कर्मचारियों को दीपावली से पहले ही प्रदर्शन आधारित बोनस (अधिकतम 7,000 रुपये) दिया जा चुका है, वहीं रक्षा असैनिक कर्मचारी अब भी इसकी प्रतीक्षा में हैं। श्रीकुमार के अनुसार, रक्षा मंत्रालय की ओर से बार-बार आश्वासन मिलने के बावजूद बोनस फाइलों को लंबित रखकर कर्मचारियों की उपेक्षा की जा रही है।

उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन संगठन देश की सुरक्षा व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। इन इकाइयों में कार्यरत कर्मचारी हथियार, गोला-बारूद और अन्य रक्षा उपकरणों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में उनका बोनस रोके रखना न केवल अनुचित है, बल्कि उनके मनोबल पर भी नकारात्मक असर डालता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही बोनस जारी नहीं किया गया, तो कर्मचारी आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।

महासंघ ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है ताकि इस गंभीर उपेक्षा का समाधान किया जा सके। संगठन का कहना है कि कर्मचारियों का बोनस उनके वार्षिक उत्पादन प्रदर्शन और संगठन के योगदान का न्यायसंगत हिस्सा है। बोनस अधिनियम के तहत रक्षा कर्मियों को औसतन 8.33 प्रतिशत बोनस मिलना चाहिए, लेकिन सरकार ने अब तक इस पर निर्णय नहीं लिया है।

Read More राहुल गांधी की नागरिकता पर फैसला टला:गृह मंत्रालय ने लखनऊ हाईकोर्ट से 8 सप्ताह का समय मांगा

श्रीकुमार ने आगे कहा कि रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकों में इस मुद्दे पर चर्चा की जा चुकी है। मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही फाइल वित्त मंत्रालय को भेजी जाएगी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस देरी से कर्मचारियों के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि रक्षा कर्मचारियों को “चौथी रक्षा ताकत” कहा जाता है, क्योंकि वे सेना, नौसेना और वायुसेना के पीछे चुपचाप काम करते हुए देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूती देते हैं। फिर भी, उन्हें समय पर आर्थिक लाभ न देना गंभीर लापरवाही का उदाहरण है।

Read More उत्तरपूर्वी समुद्र तट पर फंसी रोहिंग्याओं की नौका, श्रीलंकाई नौसेना ने 25 बच्चों समेत 102 की बचाई जान

रक्षा कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों से लगातार उनके साथ उपेक्षा का व्यवहार किया जा रहा है। आयुध निर्माणियों के निजीकरण के बाद से कई कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी है। कई बार वेतन संरचना, पदोन्नति और भत्तों में असमानता के मुद्दे उठाए गए, लेकिन सुधार नहीं हुआ। उन्होंने सरकार से अपील की कि रक्षा क्षेत्र में कार्यरत असैनिक कर्मियों के योगदान को मान्यता दी जाए और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित न किया जाए।

Read More जयपुर की खौफनाक सुबह: CNG ट्रक में हुआ ब्लास्ट, 46 लोग आग की चपेट में, 7 जिंदा जले

जानकारी के अनुसार, रक्षा उत्पादन संगठनों में लगभग 61,000 कर्मचारी कार्यरत हैं जो विभिन्न हथियार, वाहन और गोला-बारूद के निर्माण में जुटे रहते हैं। ये कर्मचारी लगातार उच्च गुणवत्ता और समयबद्ध उत्पादन सुनिश्चित करते हैं, जिससे भारतीय सेना की शक्ति और विश्वसनीयता बनी रहती है। ऐसे में बोनस रोकना न केवल कर्मचारियों के प्रति अन्याय है, बल्कि देश की रक्षा तैयारियों को भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है।

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करते हुए कर्मचारियों के बोनस भुगतान को मंजूरी देनी चाहिए, ताकि उनका मनोबल बढ़े और उत्पादन क्षमता में और सुधार हो सके। यदि इस मामले में जल्द समाधान नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में रक्षा संगठनों में असंतोष और बढ़ सकता है, जो देश की सुरक्षा प्रणाली के लिए भी चुनौती बन सकता है।

#रक्षा_मंत्रालय, #रक्षा_कर्मचारी, #बोनस, #दीपावली, #AIDEF, #रक्षा_उत्पादन, #भारतीय_सेना, #रक्षा_उद्योग, #DefenseNews, #IndiaDefense, #GovernmentOfIndia, #DefenseEmployees, #DefenseBonus, #FourthDefenseForce, #MilitaryIndustry, #IndianDefenseSystem