अयोध्या उतरे भगवान श्रीराम
अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय दीपोत्सव
सीएम योगी ने किया सियाराम का पूजन-स्वागत
दीपोत्सव का बना गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
रामनगरी अयोध्या में रविवार की शाम अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय रही। दीपोत्सव में 26 लाख 17 हजार 215 दीपों से जगमगाती रामनगरी को प्रकृति भी अपलक निहारती रही। रामायण की गाथा लेजर शो के जरिए जाग्रत हुई और आतिशबाजी ने पूरे वातावरण को प्रकाश-सिक्त कर दिया।
पुष्पक विमान से से अयोध्या की धरती पर उतरे भगवान श्रीराम, मां सीता, भ्राता लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और संकटमोचक श्री हनुमान एवं ऋषि मुनियों का स्वागत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने किया। सीएम योगी और संतों ने श्रीराम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक भी किया। श्रीराम की उपस्थिति में हुए दीपोत्सव में 2128 वेदाचार्यों ने सरयू आरती की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सरयू मैया की आरती उतारी।
देश और विदेश से आए श्रद्धालुओं ने राम मंदिर में भी दीप जलाए और पूजा अर्चना की। दीपोत्सव में शामिल हुआ जनसमूह भाव विह्वल दिखा और पूरी अयोध्या जय श्रीराम के नारों से गूंजती रही। श्रीराम और माता सीता का जयकारा लगाने में विदेशी श्रद्धालु भी पूरे उत्साह से शामिल दिखे।
रामनगरी अयोध्या के दीपोत्सव – अतिरिक्त विवरण और बिंदु
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दीपों की विस्तृत सजावट और तकनीकी व्यवस्थाएं
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26,17,215 दीपों को सजाने में स्थानीय और बाहरी श्रमिकों, कलाकारों और स्वयंसेवकों की टीम ने कई दिन मेहनत की।
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दीपों की सजावट में रंग-बिरंगी रोशनी, रंगीन फूल और कागजी सजावट का भी उपयोग किया गया।
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लेजर शो और प्रकाश व्यवस्था को आधुनिक तकनीक से सजाया गया, जिसमें रामायण की कथाओं को दृश्य रूप में प्रस्तुत किया गया।
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आतिशबाजी और विशेष इवेंट्स
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रात के समय विशेष आतिशबाजी कार्यक्रम हुआ, जिसने पूरी रामनगरी को प्रकाश से रोशन कर दिया।
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विभिन्न स्थानों पर छोटे-छोटे सांस्कृतिक प्रदर्शन, नृत्य और संगीत कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।
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पुष्पक विमान और प्रतीकात्मक राज्याभिषेक
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पुष्पक विमान के रूप में हाई-टेक फ्लोट का इस्तेमाल किया गया, जिस पर भगवान राम और उनके परिवार का दृश्य प्रस्तुत हुआ।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंत्रियों ने प्रतीकात्मक राज्याभिषेक के दौरान दीपक और पुष्प अर्पित किए।
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राज्याभिषेक के दौरान राम राज्य की परंपरागत प्रथाओं का पालन किया गया, जैसे कि सिंहासन पर विराजमान होना, मंत्रोच्चारण और आरती।
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सरयू आरती और वेदाचार्यों की उपस्थिति
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2128 वेदाचार्यों ने समवेत रूप से सरयू आरती की, जो अब तक आयोजित होने वाले दीपोत्सवों में सबसे बड़े पैमाने पर आयोजित आरती थी।
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आरती के दौरान वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया गया और श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से भाग लिया।
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श्रद्धालुओं की भागीदारी और अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति
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देश और विदेश से हजारों श्रद्धालु दीप जलाने और पूजा-अर्चना के लिए आए।
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विदेशी श्रद्धालु भी उत्साहपूर्वक जय श्रीराम के नारों और दीप प्रज्वलन में शामिल हुए।
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बच्चों और बुजुर्गों ने भी उत्सव में भाग लिया, जिससे पूरी रामनगरी में परिवारिक और सामूहिक उत्सव का वातावरण बना।
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सुरक्षा और प्रशासनिक प्रबंध
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पुलिस, सीसीटीवी निगरानी और स्थानीय स्वयंसेवकों ने सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की।
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यातायात और भीड़ प्रबंधन के लिए अलग-अलग मार्ग और प्रवेश-पदस्थल बनाए गए।
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स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए चिकित्सा स्टॉल और एम्बुलेंस तैनात किए गए।
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सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
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दीपोत्सव में रामायण की गाथा के माध्यम से भक्तों को धार्मिक और सांस्कृतिक शिक्षा दी गई।
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यह उत्सव अयोध्या में राम राज्य की स्थापना और श्रीराम के आदर्शों का संदेश फैलाने का माध्यम भी बना।
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उत्सव ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दिया, क्योंकि होटल, रेस्टोरेंट और दुकानें श्रद्धालुओं से भरी रहीं।
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पर्यावरण और तकनीकी पहल
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कई जगहों पर इलेक्ट्रिक लाइट और पर्यावरण-स्नेही दीपकों का उपयोग किया गया।
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प्रदूषण कम करने के लिए आतिशबाजी में नियंत्रित तकनीक का उपयोग हुआ।
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