अयोध्या की सरयू नदी में छोड़े जाएंगे कछुए
घाघरा और गंगा में डाले जाएंगे घड़ियाल
लखनऊ, 02 नवंबर (एजेंसियां)। अयोध्या की सरयू नदी में बड़े पैमाने पर कछुए छोड़े जाएंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इनका देखना शुभ माना जाता है। यूपी का वन्यजीव विभाग अयोध्या में श्रद्धालुओं को कछुओं के दर्शन के खास इंतजाम कर रहा है। डेढ़ साल पहले अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस से तस्करी करके ले जाए जा रहे 29 कछुए प्रजाति के इन कछुओं और घड़ियाल के शावकों को लखनऊ में रखा गया। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कछुओं के शावक अब नदी में छोड़े जाने के योग्य हो चुके हैं। इसलिए इन्हें नवंबर माह में ही सरयू नदी में छोड़ दिया जाएगा। जबकि, अभी घड़ियाल के शावकों की लंबाई दो मीटर से कम होने के कारण ये नदी में छोड़े जाने लायक नहीं हुए हैं।
कूर्म अवतार भगवान विष्णु का दूसरा अवतार माना जाता है, जिसमें वे कछुए (कूर्म) के रूप में प्रकट हुए थे। यह अवतार समुद्र मंथन की घटना के दौरान लिया गया था, ताकि मंदराचल पर्वत को सहारा दिया जा सके, जो मंथन के लिए मथनी का काम कर रहा था। इस तरह उन्होंने देवताओं को समुद्र से अमृत और अन्य चौदह रत्नों को प्राप्त करने में मदद की।
वन विभाग ने घड़ियाल के 53 शावकों को बाराबंकी में घाघरा नदी और 54 को हस्तिनापुर (मेरठ) में गंगा में छोड़ने के आदेश भी दे दिए हैं। घड़ियाल के इन शावकों का जन्म 2023 में हुआ था। इन 107 घड़ियालों को नवंबर से फरवरी के बीच नदियों में छोड़ा जाएगा। कछुओं को नदी में छोड़ने से पहले उनके स्वास्थ्य की भी जांच की जाएगी। इसमें यह देखा जाएगा कि वे अपना भोजन स्वयं जुटाने में सक्षम हैं कि नहीं। कोई बीमारी तो नहीं। यह जांच वन्यजीव चिकित्सक करेंगे।

