आतंकियों के निशाने पर है संवेदनशील रेल लाइन
कटड़ा-श्रीनगर रेलवे ट्रेक की हो रही 24 घंटे निगरानी
जम्मू, 17 मई (ब्यूरो)। आधिकारिक तौर पर कटड़ा से कश्मीर तक रेल अभी नहीं चलाई गई है, पर इस रेल लाइन पर ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़े खतरे को देखते हुए इसकी सुरक्षा और निगरानी पुख्ता कर दी गई है। अब इस संवेदनशील रेल लाइन की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। रेलवे पुलिस के साथ-साथ अन्य सुरक्षा बलों को चप्पे- चप्पे पर तैनात करने के साथ ही निगरानी के लिए ड्रोन का भी सहारा लिया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि कटड़ा से संगलदान तक रेलवे ट्रैक की ताजा सुरक्षा जांच पूरी हो गई है और कश्मीर घाटी के लिए ट्रेन सेवा शुरू करने से पहले मार्ग को पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए कुछ संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त बल तैनात किए जा रहे हैं। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ट्रैक की ताजा सुरक्षा जांच की गई है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ट्रैक पर अतिरिक्त जीआरपी कर्मियों को तैनात किया जा रहा है, जबकि चेनाब नदी पर दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल और अंजी खड्ड पर भारत के पहले केबल-स्टड पुल सहित सुरंगों और पुलों की सुरक्षा पर्याप्त पाई गई है। सभी सुरंगें सीसीटीवी निगरानी में हैं और पुलों के साथ-साथ चेनाब और अंजी खड्ड पर भी चौबीस घंटे गश्त की जाएगी। खुले रेलवे ट्रैक पर कुछ समस्याएं देखी गई हैं, खासकर रियासी से आगे के इलाके में, जिन्हें संवेदनशील माना जाता है।
यह ट्रैक रियासी से आगे कुछ स्थानों पर अलग-थलग इलाकों से गुजरता है, जहां आबादी वाले गांव बहुत कम हैं और इसे देखते हुए इन सभी इलाकों में अतिरिक्त जीआरपी कर्मियों को तैनात करने का फैसला किया गया है। पूरा ट्रैक सुरक्षित कर लिया गया है, चाहे वह सुरंगें हों, पुल हों या कटरा से संगलदान तक के संवेदनशील इलाके हों। रियासी से आगे का ट्रैक भी अब सुरक्षा के लिहाज से साफ है। शुरुआत में ट्रेन कटड़ा से बारामुला तक चलेगी। हालांकि, प्लेटफार्म की संख्या बढ़ाने सहित जम्मू रेलवे स्टेशन पर विस्तार कार्य पूरा होने के बाद, घाटी के लिए ट्रेन जम्मू से परिचालन शुरू कर दी जाएगी, जो संभवतः अगस्त-सितंबर में शुरू होगी।