वाईएसआरसीपी सांसद मिधुन रेड्डी गिरफ्तार
जगन कार्यकाल में हुआ 3,200 करोड़ का शराब घोटाला
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कर रहा है घोटाले की जांच
अमरावती, 20 जुलाई (एजेंसियां)। आंध्र प्रदेश पुलिस ने वाईएसआरसीपी के लोकसभा सांसद पीवी मिधुन रेड्डी को पिछली सरकार के दौरान हुए 3,200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में गिरफ्तार कर लिया। शराब घोटाले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शनिवार को मिधुन रेड्डी से कई घंटों तक पूछताछ की और शाम लगभग 7.30 बजे विजयवाड़ा में उन्हें गिरफ्तार किया। गृह मंत्री वंगालापुडी अनिता ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें अदालत में पेश करने की प्रक्रिया चल रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस शराब घोटाले की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। आंध्र प्रदेश में पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान शराब घोटाले के मुख्य आरोपी कासिरेड्डी राजा शेखर रेड्डी की रिमांड रिपोर्ट में एसआईटी ने कई लोगों के नाम लिए हैं।
मिधुन रेड्डी आंध्र प्रदेश के राजमपेट निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। मई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस शराब घोटाले की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। आंध्र प्रदेश में पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान शराब घोटाले के मुख्य आरोपी कासिरेड्डी राजा शेखर रेड्डी की रिमांड रिपोर्ट में एसआईटी ने कई लोगों के नाम लिए हैं। इसमें वासुदेव रेड्डी, सत्य प्रसाद, मिधुन रेड्डी, पूर्व वाईएसआरसीपी नेता वी विजय साई रेड्डी, सज्जला श्रीधर रेड्डी, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी धनुंजय रेड्डी, कृष्ण मोहन रेड्डी और बालाजी गोविंदप्पा का नाम शामिल है।
पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के आईटी सलाहकार के रूप में काम कर चुके कासिरेड्डी राजा शेखर रेड्डी पर अन्य व्यक्तियों के साथ लोकप्रिय शराब ब्रांडों को बंद करने और ब्लू-आइड ब्रांड्स (पसंदीदा ब्रांडों) को बढ़ावा देने का आरोप है। एसआईटी के अनुसार, प्रति माह 60 करोड़ रुपए तक की रिश्वत वसूली जाती थी। एसआईटी ने आरोप लगाया कि रिश्वत लेने के बाद, कासिरेड्डी राजा शेखर रेड्डी कई अन्य अनियमितताओं के अलावा, रिश्वत की रकम मिधुन रेड्डी और अन्य को भेजते थे।
इस बीच, विपक्षी दल ने मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर बदला लेने और वाईएसआरसीपी सुप्रीमो वाईएस जगन मोहन रेड्डी के करीबी लोगों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने का आरोप लगाया। वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता मल्लादी विष्णु ने कहा कि मिथुन रेड्डी के खिलाफ मामला पार्टी नेतृत्व के करीबी लोगों को गिरफ्तार करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। मल्लादी विष्णु ने कहा कि हम चंद्रबाबू नायडू के झांसे को बेनकाब करने के लिए वापस आएंगे। नायडू सरकार की कार्रवाई जितनी अधिक प्रतिशोधात्मक होगी, वाईएसआरसीपी का गठबंधन सरकार की विफलताओं और भ्रष्टाचार को उजागर करने और उनसे लड़ने का संकल्प उतना ही मजबूत होगा। वहीं, वाईएसआरसीपी के एक और वरिष्ठ नेता एल अप्पी रेड्डी ने कहा कि मिधुन रेड्डी के परिवार का लंबा और प्रतिष्ठित राजनीतिक इतिहास है। मुझे भरोसा है कि न्याय होगा और न्यायपालिका निष्पक्षता से काम करेगी।
आंध्र प्रदेश पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने शनिवार को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद पेड्डीरेड्डी मिधुन रेड्डी को गिरफ्तार किया है। एसआईटी ने यह कार्रवाई 3200 करोड़ रुपए शराब घोटाले मामले में की है। जो पिछली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के शासनकाल के दौरान हुआ था। मामले से परिचित अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। मंगलागिरी स्थित अपराध जांच विभाग (सीआईडी) कार्यालय में सांसद से लगभग सात घंटे तक पूछताछ के बाद एसआईटी अधिकारियों ने उनके परिवार वालों को उनकी औपचारिक गिरफ्तारी की सूचना दी। इस घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि रेड्डी को रविवार को विजयवाड़ा की स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।
शराब घोटाला मामले में आरोपी नंबर 4 (ए-4) के रूप में नामित मिधुन रेड्डी को एसआईटी ने शनिवार को पूछताछ के लिए बुलाया था, क्योंकि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में उनकी अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी थी। अधिकारी ने बताया कि एसआईटी अधिकारियों ने उनसे शराब निर्माताओं से विभिन्न कथित मुखौटा कंपनियों में और वहां से अंतिम लाभार्थियों तक पहुंचने वाले कमीशन के बारे में विस्तार से पूछताछ की। एसआईटी ने जांच के दौरान एकत्र किए गए सभी साक्ष्य सांसद के समक्ष प्रस्तुत किए और उनसे स्पष्टीकरण मांगा।
रेड्डी से पूछताछ चल ही रही थी कि एसआईटी अधिकारियों ने विजयवाड़ा अदालत में शराब घोटाले में एक प्रारंभिक आरोपपत्र दाखिल कर दिया। अधिकारी ने बताया कि 300 पन्नों के आरोपपत्र के साथ 100 से ज्यादा फ़ोरेंसिक लैब रिपोर्ट और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी शामिल किए गए। उन्होंने बताया कि एसआईटी ने अदालत को बताया कि उसने अब तक 62 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है, 268 गवाहों से पूछताछ की है और 11 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। आरोपपत्र में अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों की रिमांड रिपोर्ट के अलावा अन्य प्रासंगिक दस्तावेज भी संलग्न किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि मिथुन रेड्डी का नाम आरोपपत्र में है, लेकिन अधिकारियों ने उनकी विशिष्ट भूमिका के बारे में स्पष्ट रूप से नहीं बताया है। एसआईटी ने अदालत को बताया कि वह 20 दिनों के भीतर एक और विस्तृत आरोपपत्र दाखिल करेगी, क्योंकि जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है और जल्द ही और जानकारी सामने आएगी।
शराब घोटाले के सिलसिले में अब तक एसआईटी ने मिधुन रेड्डी समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें प्रमुख हैं पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के पूर्व आईटी सलाहकार कासिरेड्डी राजशेखर रेड्डी, जिन्हें ए-1 नामित किया गया था, उन्हें 21 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया गया। एसपीवाई एग्रो इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक सज्जला श्रीधर रेड्डी (ए-6) को 26 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया गया। बी चाणक्य (ए-8), पी. दिलीप (राजशेखर रेड्डी के निजी सहायक) और गोविंदप्पा बालाजी (भारती सीमेंट्स के निदेशक) को 13 मई 2025 को मैसूर में गिरफ्तार किया गया था।
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने शुक्रवार को रेड्डी को गिरफ्तारी से संरक्षण देने से इन्कार कर दिया था। रेड्डी ने आरोप लगाया था कि मामले में उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास स्पष्ट रूप से एक राजनीतिक चाल है, क्योंकि 2019 से 2024 तक राज्य में वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान एपीएसबीसीएल की शराब खरीद नीति से उनका कोई लेना-देना नहीं है। रेड्डी ने 15 जुलाई को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले, 15 जुलाई को एसआईटी ने रेड्डी के विदेश भागने से रोकने के लिए उनके खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया था। अधिकारी ने बताया कि एसआईटी ने उनके ठिकानों का पता लगाने और उन जगहों पर तलाशी लेने के लिए विशेष टीमें भी गठित कीं जहां उनके छिपे होने की संभावना थी।
3,200 करोड़ रुपए के शराब मामले में कथित तौर पर कुछ शराब कंपनियों को रिश्वत देकर लाभ पहुंचाने के लिए आबकारी नीति में हेरफेर किया गया था। राज्य ने वाई वेंकटेश्वर राव श्रीनिवास नामक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू की, जिसमें अक्टूबर 2019 से मार्च 2024 के बीच एपीएसबीसीएल के कामकाज में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। श्रीनिवास ने आरोप लगाया कि नए और नकली शराब ब्रांडों के लिए खरीद आदेश दिए गए थे और इनमें से कुछ ब्रांड निजी डिस्टिलरी द्वारा उत्पादित किए गए थे जिनमें वाईएसआरसीपी नेता भागीदार थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लोकप्रिय शराब ब्रांडों से स्टॉक न खरीदने के लिए रिश्वत दी गई थी।
आबकारी विभाग और एपीएसबीसीएल ने शिकायत की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की थी, जिसमें पाया गया कि स्थापित लोकप्रिय ब्रांडों को स्पष्ट रूप से दबाया गया है और मौजूदा मानदंडों का उल्लंघन करते हुए कुछ नए ब्रांडों को तरजीही आवंटन किया गया है। इस बीच, वाईएसआरसीपी ने शनिवार को जगन मोहन रेड्डी के करीबी लोगों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने के लिए मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की निंदा की और कहा कि पार्टी इन झूठे मामलों के खिलाफ लड़ेगी। वाईएसआरसीपी प्रवक्ता और पूर्व विधायक मल्लादी विष्णु ने कहा कि सांसद मिधुन रेड्डी के खिलाफ मामला पार्टी नेतृत्व के करीबी लोगों को गिरफ्तार करने की एक बड़ी प्रतिशोधात्मक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि लेकिन हम नायडू के झांसे को बेनकाब करने के लिए वापस आएंगे। विष्णु ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू सरकार की कार्रवाई जितनी ज्यादा प्रतिशोधात्मक होगी, गठबंधन की नाकामियों और भ्रष्टाचार को उजागर करने और उसका प्रतिकार करने का हमारा संकल्प उतना ही मजबूत होगा। मिधुन रेड्डी किस तरह शराब घोटाले से जुड़े हैं, यह न तो पता चला है और न ही इसका खुलासा हुआ है, और जब एसआईटी से अदालत में इस बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गई, तो वह कोई जवाब नहीं दे पाई।
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