2028 तक 70 हजार करोड़ हो जाएगा योगदान
टूरिज्म सेक्टर बना यूपी की समृद्धि का सारथी
लखनऊ, 23 जुलाई (एजेंसियां)। टूरिज्म सेक्टर उत्तर प्रदेश की समृद्धि के सारथी की भूमिका में है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या के अनुसार ही इस सेक्टर से होने वाला राजस्व भी बढ़ा है। प्रयागराज महाकुंभ में आए 66.30 करोड़ पर्यटकों और इनसे इस सेक्टर को हासिल राजस्व को अपवाद मान लें तो भी उत्तर प्रदेश में आने वाले पर्यटकों, खासकर घरेलू पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक 2023 में उत्तर प्रदेश आने वाले पर्यटकों की संख्या करीब 48 करोड़ थी। प्रदेश सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इसमें से 28.790 करोड़ पर्यटक का तो सिर्फ अयोध्या, वाराणसी, मथुरा, और प्रयागराज में आना हुआ। वर्ष 2025 में इन शहरों में आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़कर 41.56 करोड़ हो गई। प्रयागराज महाकुंभ में 66.30 करोड़ पर्यटकों के आने और उनके उलट प्रवाह के नाते 2025 का रिकॉर्ड ब्रेक होना तय है। एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2028 तक पर्यटकों की संख्या बढ़कर 80 करोड़ तक पहुंच सकती है।
पर्यटन के लिहाज से वाराणसी, अयोध्या, मथुरा, प्रया
बेहतर कनेक्टिविटी के साथ प्रदेश सरकार पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा के अनुसार बुनियादी सुविधाएं भी विकसित कर रही है। नियोजित विकास और बेहतर मॉनिटरिंग के लिए प्रमुख धार्मिक स्थलों के लिए सरकार ने तीर्थ विकास परिषदों का गठन कर रखा है। कॉरिडोर्स, प्रमुख मेलों का प्रांतीयकरण, अलग-अलग क्षेत्रों के लिए बने सर्किट का भी यही मकसद है। कुल मिलाकर आने वाले समय में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार दुनिया का पर्यटन हब बनेगा। देश का तो बन ही चुका है। पिछले कुछ वर्षों से घरेलू पर्यटकों के लिहाज से देश में पहले पायदान पर बने रहना इसका सबूत है। अयोध्या को लेकर बार-बार मुख्यमंत्री कह भी चुके हैं कि वह इसे धार्मिक पर्यटन के लिहाज से दुनिया का सबसे खूबसूरत शहर बनाना चाहते हैं। इसी मंशा से वहां काम भी हो रहे हैं।
पर्यटकों की संख्या के हिसाब से अर्थव्यवस्था में इस सेक्टर का योगदान भी बढ़ेगा। मसलन महाकुंभ में आए पर्यटकों के नाते अर्थव्यवस्था में तीन लाख करोड़ से अधिक का योगदान मिला। आंकड़ों के मुताबिक 2016-2017 में टूरिज्म सेक्टर का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में योगदान करीब 11 हजार करोड़ रुपए का था। 2028 में यह 70 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। इसके नाते इससे जुड़े हॉस्पिटैलिटी, ट्रांसपोर्ट आदि को भी लाभ होगा। स्थानीय स्तर पर रोजी रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे।
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