छोटे व्यापारियों के आंदोलन को भाजपा का समर्थन: विजयेंद्र
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक बी. वाई. विजयेंद्र ने बुधवार को पार्टी के राज्य मुख्यालय जगन्नाथ भवन में संवाददाताओं को बताया कि भाजपा राज्य में छोटे व्यापारियों के चल रहे आंदोलन को अपना पूरा समर्थन देगी|
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के वाणिज्यिक कर विभाग ने रेहड़ी-पटरी वालों के साथ-साथ सूक्ष्म, लघु और अति लघु व्यवसायों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है, जिससे व्यापक चिंता पैदा हो गई है| उन्होंने कहा ये सभी व्यापारी अब भय और चिंता में जी रहे हैं| विजयेंद्र ने मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल पर कर्नाटक की राजस्व समस्याओं के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराने की साजिश रचने का आरोप लगाया|
उन्होंने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने सार्वजनिक रूप से अधिकारियों से महाराष्ट्र से आगे निकलने और जीएसटी संग्रह में देश में शीर्ष पर रहने का आग्रह किया था, यहाँ तक कि स्पष्ट राजस्व लक्ष्य भी निर्धारित किए थे| उन्होंने कहा अब सच्चाई सामने आ गई है| कांग्रेस सरकार का खजाना खाली होने के कारण, मुख्यमंत्री ने धन जुटाने के लिए वाणिज्यिक कर विभाग को ये नोटिस जारी करने के लिए छोड़ दिया है| रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे व्यवसायों को दिए गए ये नोटिस पूरी तरह से अवैध हैं| सरकार को इन्हें जारी करना तुरंत बंद करना चाहिए और पहले से भेजे गए नोटिस वापस लेने चाहिए|
उन्होंने आगे कहा कि दूध जैसी बुनियादी वस्तुएँ जीएसटी के दायरे से बाहर हैं, फिर भी ऐसे विक्रेताओं को भी नोटिस जारी किए गए हैं| जीएसटी में केवल तीन कर स्लैब हैं, फिर भी अधिकारी बिना किसी भेदभाव के सभी से १८ प्रतिशत कर की मांग वाले नोटिस जारी कर रहे हैं| उन्होंने कहा चूँकि सरकारी खजाना खाली है, वे बिना किसी समीक्षा के रातोंरात नोटिस भेज रहे हैं, जिससे हर व्यापारी भयभीत है| सरकार को इस फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए| कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जगन्नाथ भवन के बाहर बार-बार अनियंत्रित विरोध प्रदर्शन किया है| हमारे कार्यकर्ता भी मजबूत हैं| अगर आपके लोग आंदोलन करना चाहते हैं, तो फ्रीडम पार्क है| ‡हमारी परीक्षा मत लीजिए| हमारे पास कांग्रेस कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करने की शक्ति है, जरूरत पड़ने पर आपकी पुलिस की अवहेलना भी कर सकते हैं|
उन्होंने कहा कि भाजपा पहले ही पुलिस आयुक्त से मिलकर कांग्रेस के ऐसे हंगामे को रोकने की मांग कर चुकी है और केपीसीसी अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार से इन पर लगाम लगाने का आग्रह किया है| मुडा भूमि आवंटन घोटाले पर एक सवाल का जवाब देते हुए, विजयेंद्र ने स्वीकार किया कि सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी आधार पर प्रवर्तन निदेशालय की याचिका खारिज कर दी थी| लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मुख्यमंत्री सिद्धरामैया को क्लीन चिट मिल गई है| भाजपा का रुख‡ कि मुख्यमंत्री और उनका परिवार इसमें शामिल था‡ अब भी बरकरार है| अदालत ने उन्हें कभी निर्दोष नहीं ठहराया है| उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री के परिवार से जुड़े लगभग १४ प्लॉट‡जिनकी कीमत ५,००० करोड़ से ज्यादा है‡ रियल एस्टेट एजेंटों के जरिए बेचे गए थे|
उन्होंने जोर देकर कहा यह सीबीआई जाँच का एक उपयुक्त मामला है| धर्मस्थल में हाल के विवादों के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है| जांच तेजी से और पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए ताकि तथ्य सामने आ सकें| सरकार को वहाँ माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को रोकना चाहिए| हम इस जगह को खराब करने की इस कोशिश के पीछे की साजिश जानते हैं| अगर वे आगे बढ़ते हैं, तो हम तय करेंगे कि कैसे जवाब दिया जाए| विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है, ऐसे में विजयेंद्र ने दावा किया कि सत्तारूढ़ दल के विधायक खुद सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री के कद पर सवाल उठा रहे हैं| उन्होंने कहा शायद सत्र के दौरान ध्यान भटकाने के लिए मुख्यमंत्री ने ५० करोड़ रुपये के अनुदान की घोषणा की है| लेकिन अभी तक न तो पैसा जारी हुआ है और न ही विकास संबंधी कोई निर्णय लिया गया है| हो सकता है कि जवाबदेही से बचने के लिए कोई योजना बनाई जा रही हो|
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