भारत-चीन के रिश्ते सुधरे तो दुनिया देखेगी
चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल-टाइम्स ने दुनिया का ध्यान खींचा
मुखपत्र ने लिखा, पीएम मोदी का चीन में स्वागत है
बीजिंग, 08 अगस्त (एजेंसियां)। टैरिफ के मुद्दे पर अमेरिकी मनमानी के खिलाफ भारत को चीन का साथ मिला है। चीन ने कहा है कि अमेरिकी सरकार द्वारा टैरिफ का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है और हमारा इसके प्रति विरोध साफ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। जिसके बाद अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया कुल टैरिफ बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। इसे लेकर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि टैरिफ के दुरुपयोग के प्रति चीन का विरोध सही और स्पष्ट है।
अमेरिका के टैरिफ लगाने के फैसले पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई। भारत ने आधिकारिक बयान में कहा कि अमेरिका का यह कदम अनुचित, अन्यायपूर्ण और गैरवाजिब है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर ऐसे कदमों के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाने का निर्णय लिया है जब कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हित में ऐसे कदम उठा रहे हैं। हम दोहराते हैं कि ये कदम अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकपूर्ण हैं। भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। गौरतलब है कि अमेरिका ने रूस से कच्चा तेल खरीदने के चलते भारत पर टैरिफ लगाने का एलान किया है, लेकिन चीन भी बड़े पैमाने पर रूस से कच्चा तेल खरीदता है, लेकिन चीन के मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने चुप्पी साध रखी है।
इसी बीच चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख और सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट से दुनियाभर में भारत और चीन में बढ़ते सामंजस्य पर चर्चा तेजी से शुरू हो गई है। ग्लोबल टाइम्स के लेख में भारत और चीन की प्राचीन सभ्यता, बढ़ती जनसंख्या और उभरती अर्थव्यवस्था को खास तौर पर रेखांकित किया गया है। साथ ही इसमें ये भी कहा गया है कि दोनों ही देश इस समय उस पड़ाव पर हैं कि वे पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर खींच सकते हैं। ग्लोबल टाइम्स ने सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर भी चीन के भारत के प्रति समर्थन के पोस्ट डाले हैं, जो लगातार वायरल हो रहे हैं। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में ग्लोबल टाइम्स ने हिंदू कहावत का जिक्र करते हुए हिंदी-चीनी को भाई-भाई बताया। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, जैसा कि हिंदू कहावत है कि अगर आप अपने बंधु की सहायता करेंगे तो आपकी मदद अपने आप हो जाएगी। एक अच्छे भारतीय-चीन संबंध क्षेत्र में और विश्व में सकारात्मक प्रभाव लाएंगे।
ग्लोबल टाइम्स ने यह भी लिखा है, हम शुभेच्छा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीन में स्वागत करते हैं ताकि हमारे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हो और एक नया अध्याय शुरू हो जहां भारतीय और चीनी भाई-भाई बनकर साथ-साथ रहें। इस पोस्ट के साथ ग्लोबल टाइम्स ने एक संपादकीय शेयर किया है। जिसका शीर्षक है, आखिर क्यों पीएम मोदी की चीन आने की खबर ने खींचा वैश्विक ध्यान? इस लेख में भारत और चीन की प्राचीन सभ्यता, बढ़ती जनसंख्या, उभरती अर्थव्यवस्था की बात है। साथ ही इसमें ये भी कहा गया है कि दोनों ही देश इस समय उस पड़ाव पर हैं कि वे वैश्विक ध्यान अपनी ओर खींच सकते हैं।
संपादकीय में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर के चीन दौरे की चर्चा है। साथ ही यह भी लिखा है कि अगर मोदी इस बार चीन आते हैं तो चीन-भारत के सकारात्मक संबंधों को धार मिलेगी। दिलचस्प बात यह है कि चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स जो पिछले कुछ वर्षों से लगातार सिर्फ भारत विरोधी बात करने के लिए कुख्यात रहा है, उसने अपने इस आर्टिकल में पश्चिमी मीडिया को भी घेरा है जो टैरिफ विरोध को अमेरिका के विरुद्ध दिखा रहे हैं। लेख में कहा गया है कि चीन और भारत के बीच सुधरते हालात अमेरिका अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति के तहत भारत को चीन के विरुद्ध करना चाहता है।
भारत-अमेरिका के बीच व्यापार डील को लेकर हो रहे विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि वो अपने देश के किसानों के हित के विरुद्ध नहीं जाएंगे। उनके लिए देश के किसानों का हित ही सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी कीमत पर भारत अपने देश के किसानों, मछुआरों और डेयर कृषकों के साथ समझौता नहीं करेगा। पीएम मोदी ने यह भी कहा है कि वो अच्छे से जानते हैं कि इसकी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन वो इसके लिए तैयार हैं और कोई भी दबाव पड़ने पर पीछे नहीं हटेंगे।
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