पर विपक्षी दलों की एक भी आपत्ति नहीं आई
मतदाता सूची में सुधार के लिए आई मात्र 10570 आपत्तियां
सड़क पर उछल-कूद रहे जनता को मूर्ख समझने वाले नेता
नई दिल्ली, 11 अगस्त (एजेंसियां)। बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम (एसआईआर) को लेकर कांग्रेस और कुछ खास पिछलग्गू दलों का विरोध प्रदर्शन तो हो रहा है, लेकिन विपक्षी दलों की तरफ से एक भी औपचारिक शिकायत चुनाव आयोग तक नहीं पहुंची है। विपक्षी दल देश के लोगों को बिल्कुल मूर्ख ही समझते हैं। बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण पर अब तक मात्र 10570 लोगों ने दावा-आपत्ति के जरिए सुधार का आवेदन दिया है। इसमें राजनीतिक पार्टियों का एक भी दावा नहीं है।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग की ओर से राज्य में चल रहे मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया रोज आ रही है, लेकिन वह मौखिक ही रह जा रही है। यानि, कागज पर कोई राजनीतिक दल चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया को लेकर सवाल नहीं उठा रहा है। अब तक नाम हटाने या शामिल करने को लेकर आम मतदाताओं ने 10570 दावे-आपत्ति दर्ज कराई है। छह राष्ट्रीय और छह क्षेत्रीय दलों में से किसी एक ने एक भी दावा-आपत्ति दर्ज नहीं की है।
सोमवार 11 अगस्त को भारत निर्वाचन आयोग ने 1 अगस्त दोपहर 3:00 बजे से लेकर 11 अगस्त सुबह 10:00 बजे तक का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया। चुनाव आयोग ने बताया की प्रारूप निर्वाचक नामावली के संबंध में निर्वाचकों से सीधे प्राप्त दावे और आपत्तियों की संख्या 10570 रही। 7 दिनों के अंदर इनमें से 127 का निस्तारण किया जा चुका है, बाकी प्रक्रियाधीन हैं। 18 साल पूरा करने वाले या उससे अधिक आयु के नए मतदाताओं से अब तक इस अवधि में 54432 फार्म 6 प्राप्त किए गए हैं। यानी इतने नए वाटर मतदाता सूची में नाम जोड़ने के इच्छुक हैं।
प्रारूप निर्वाचक नामावली के संबंध में नाम जोड़ने और हटाने के लिए राजनीतिक दलों से प्राप्त दावे और आपत्तियों की संख्या अब भी शून्य है। सबसे ज्यादा 53338 बूथ लेवल एजेंट देने वाली सत्ताधारी राष्ट्रीय स्तर की पार्टी भाजपा हो या क्षेत्रीय स्तर पर होने के बावजूद 47506 बूथ लेवल एजेंट देने वाला राष्ट्रीय जनता दल, अब तक किसी ने एक भी दावा या आपत्ति का कागज नहीं दिया है।
एक तरफ विपक्षी दल विपक्ष इस मसले को लेकर इतने गंभीर हैं कि एक भी औपचारिक शिकायत चुनाव आयोग में दर्ज नहीं कराई। दूसरी तरफ इसके खिलाफ सड़क पर दिखावटी उछल-कूद खूब मचा रहे हैं। आज विपक्षी दल के नेताओं ने सड़क पर खूब प्रहसन खेला और अराजकता का सार्वजनिक प्रदर्शन किया। इंडी गठबंधन के नेता बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान मतदाता धोखाधड़ी के आरोपों पर संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकाल रहे थे। विपक्षी नेताओं ने परिवहन भवन के पास लगे बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। पुलिस द्वारा रोकने पर अखिलेश यादव और महुआ मोइत्रा समेत कई सांसद अपनी उम्र और सांसद होने की सारी मर्यादा त्याग कर बैरिकेड्स पर चढ़ने की कोशिश करने लगे। कुछ सांसद बैरिकेडिंग फांदकर बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे सांसदों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब सांसदों ने सड़क से हटने से इनकार किया तो राहुल-प्रियंका गांधी समेत तमाम नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। प्रदर्शन का प्रहसन सड़क पर खेला जाता रहा, लेकिन विपक्षी दल की तरफ से एक भी औपचारिक शिकायत या ज्ञापन चुनाव आयोग में दर्ज नहीं कराया गया।