कारोबारी घरानों में उत्तर प्रदेश का दबदबा
कारोबारी घरानों की सूची में यूपी के 19 अमीर परिवार
बार्कलेज हुरुन इंडिया ने जारी की रिपोर्ट
लखनऊ, 20 अगस्त (एजेंसियां)। देश के रसूखदार परिवारों और कारोबारी गलियारों में उत्तर प्रदेश का दबदबा बढ़ रहा है। इसी का नतीजा है कि बार्कलेज हुरुन इंडिया की ओर से जारी देश के सबसे मूल्यवान कारोबारी घरानों की सूची में उत्तर प्रदेश के 19 अमीर परिवार शामिल हैं। इनकी नेटवर्थ करीब 10 लाख करोड़ रुपए है। इस सूची में पहली बार कानपुर शामिल नहीं है। कानपुर से पिछली सूची में घड़ी डिटर्जेंट और जेके परिवार शामिल थीं।
एक साल में यूपी के कारोबारी घरानों की सूची में शामिल संख्या 16 से बढ़कर 19 हो गई है। यूपी के घरानों में लखनऊ की पीटीसी इंडस्ट्रीज और आगरा की अग्रवाल परिवार है। वहीं, 15 घराने नोएडा और दो गाजियाबाद के हैं। लखनऊ की पीटीसी परिवार ने 23400 करोड़ के कारोबार के साथ सूची में जगह बनाई है। अंबानी परिवार 28.2 लाख करोड़ रुपए के मूल्य के साथ सूची में शीर्ष पर है। वहीं, 6.5 लाख करोड़ के साथ कुमार मंगलम बिड़ला परिवार दूसरे और 5.7 लाख करोड़ के साथ जिंदल परिवार तीसरे स्थान पर है।
सूची में शामिल 300 कारोबारी परिवार 20 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं। इन परिवारों ने 1.8 लाख करोड़ रुपए आयकर दिया। वहीं, 22 कंपनियों की कमान महिलाओं के हाथों में है। 89 प्रतिशत कंपनियां उत्पाद और 11 प्रतिशत सेवाएं बेचती हैं। देश के सबसे मूल्यवान परिवार बिजनेस की सूची में 300 परिवार हैं। इनका कुल कारोबार 134 लाख करोड़ रुपए है जो तुर्की व फिनलैंड समेत 56 देशों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से ज्यादा है।
यूपी के 18 शीर्ष कारोबारी परिवारों में नादर परिवार (एचसीएल टेक्नोलाजी) नोएडा, अनिल राज गुप्ता परिवार (हैवल्स इंडिया) नोएडा, बर्मन परिवार (डाबर इंडिया) गाजियाबाद, मनोहर अग्रवाल परिवार (हल्दीराम स्नैक्स) नोएडा, विवेक जैन परिवार (आईनॉक्स जीएफएल) नोएडा, संजय गुप्ता परिवार (एपीएल अपोलो ट्यूब्स) नोएडा, साहनी परिवार ( त्रिवेणी टरबाइन) नोएडा, धर्मपाल सत्यपाल परिवार (डीएस ग्रुप) नोएडा, सचिन अग्रवाल परिवार (पीटीसी इंडस्ट्रीज) लखनऊ, अनुराग गुप्ता परिवार (पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट) नोएडा, समीर गुप्ता परिवार (जैक्सन) नोएडा, झुनझुनवाला परिवार (एचईजी) नोएडा, पुरी परिवार (इसजैक हैवी इंजीनियरिंग) नोएडा, केआरबीएल परिवार (केआरबीएल) नोएडा, गौतम परिवार (शीला फोम) नोएडा, गौर परिवार (गौरसंस इंडिया) गाजियाबाद, श्रीकांत सोमानी परिवार (सोमानी सेरेमिक्स) नोएडा और अग्रवाल परिवार (वेसमैट) आगरा शामिल हैं।
अंबानी परिवार की सम्पत्ति अडाणी से दोगुनी
नई दिल्ली, 20 अगस्त (एजेंसियां)। हुरुन-बार्कलेज की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश के 300 सबसे मूल्यवान भारतीय परिवारों के पास 1.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (140 लाख करोड़ रुपए) से अधिक की सम्पत्ति है। यह देश की जीडीपी के 40 प्रतिशत से भी अधिक है। अकेले अंबानी परिवार की सम्पत्ति जीडीपी का 12 प्रतिशत है। अरबपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले अंबानी परिवार के पास 28 लाख करोड़ रुपए की सम्पत्ति है। यह अडाणी परिवार की 14.01 लाख करोड़ रुपए की सम्पत्ति से दोगुनी से भी अधिक है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश के 300 सबसे मूल्यवान भारतीय परिवारों के पास 1.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (140 लाख करोड़ रुपए) से अधिक की सम्पत्ति है। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 40 प्रतिशत से भी अधिक है। अकेले अंबानी परिवार की सम्पत्ति देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 12 प्रतिशत है। हुरुन-बार्कलेज की रिपोर्ट के अनुसार, अंबानी परिवार की सम्पत्ति में पिछले वर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इससे यह देश में सबसे मूल्यवान पारिवारिक व्यवसाय के रूप में अपनी रैंकिंग बरकरार रखने में सफल रहा है। वहीं दूसरी ओर, अडाणी समूह पहली पीढ़ी के उद्यमी की ओर से शुरू किया गया देश का सबसे मूल्यवान व्यवसाय है।
रिपोर्ट में दिए गए, आंकड़ों के अनुसार कुमार मंगलम बिड़ला परिवार की सम्पत्ति पिछले साल 20 प्रतिशत बढ़कर 6.47 लाख करोड़ रुपए हो गई। वे पीढ़ी दर पीढ़ी आधार पर सम्पत्ति अर्जित करने वाले परिवारों की सूची में एक स्थान ऊपर चढ़कर दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। वहीं, जिंदल परिवार की सम्पत्ति भी 21 प्रतिशत बढ़कर 5.70 लाख करोड़ रुपए हो गई। बजाज परिवार सूची में एक स्थान नीचे खिसक कर चौथे स्थान पर आ गया। उनकी सम्पत्ति 21 प्रतिशत घटकर 5.64 लाख करोड़ रुपए रह गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि सम्पत्ति के लिहाज से देश के शीर्ष 300 परिवारों ने पिछले वर्ष प्रतिदिन 7,100 करोड़ रुपए की सम्पत्ति अर्जित की। हुरुन की रिपोर्ट के अनुसार, 1 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 8,700 करोड़ रुपए) से अधिक सम्पत्ति रखने वाले परिवारों की संख्या 37 बढ़कर 161 हो गई है। सूची में शामिल एक-चौथाई से अधिक व्यवसाय एक्सचेंजों में सूचीबद्ध नहीं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सूची में शामिल केवल 11 प्रतिशत व्यवसाय सेवा क्षेत्र से जुड़े। वहीं बाकि 89 प्रतिशत भौतिक उत्पाद बेचते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्ष ऐसी नौ कंपनियां सूची से जुड़ी हैं जो परिवार के बाहर से नियुक्त पेशेवर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के जरिए व्यवसाय चलाना पसंद करती हैं। अब ऐसे परिवारों की कुल संख्या 62 है। सूची में मुंबई में सबसे अधिक 91 परिवार हैं। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर से 62 और कोलकाता से 25 परिवार हैं। परिवारों में नई पीढ़ी की ओर से व्यवसाय चलाने के बजाय धन का प्रबंधन करने को प्राथमिकता दिए जाने के बारे में भी रिपोर्ट में चर्चा की गई है। बार्कलेज के निजी बैंक के प्रमुख नितिन सिंह ने कहा कि अगले पांच वर्षों में 130 लाख करोड़ रुपए की सम्पत्ति पीढ़ियों के बीच स्थानांतरित होने की उम्मीद है। रिकॉर्ड 71 परिवार अब समर्पित पारिवारिक कार्यालय संचालित कर रहे हैं।
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