उत्तर प्रदेश में बदले स्कूली बच्चों को दंड देने के नियम

अब शारीरिक हिंसा नहीं कर सकेंगे अध्यापक

उत्तर प्रदेश में बदले स्कूली बच्चों को दंड देने के नियम

लखनऊ, 13 अगस्त (एजेंसियां)। यूपी के प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को दंड देने के मामले में बदलाव किया गया है। अध्यापक अब किसी प्रकार की शारीरिक हिंसा नहीं कर सकेंगे। प्रदेश के निजी और सरकारी विद्यालयों में गुरु जी न तो बच्चों को फटकारेंगेन छड़ी से पीटेंगेन चिकोटी काटेंगे न चांटा मारेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालयों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को किसी भी प्रकार के शारीरिक व मानसिक दंड न दिए जाने के निर्देश का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया गया है।

विभाग की ओर से राष्ट्रीय बालक अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से जारी निर्देश का हवाला देते हुए कहा है कि विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों को किसी प्रकार की शारीरिक व मानसिक दंड न दिए जाने के विस्तृत निर्देश दिए गए हैं। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए बच्चों को भी बताएं कि वे इसके विरोध में अपनी बात कह सकते हैं। इसे संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में लाएं।

महानिदेशक शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी बीएसए को निर्देश दिया गया है कि हर स्कूल जिसमें छात्रावास हैंजेजे होम्सबाल संरक्ष्ज्ञण गृह भी शामिल हैंमें एक ऐसी व्यवस्था की जाएजहां बच्चे अपनी बात रख सकें। ऐसे संस्थानों में किसी एनजीओ की सहायता ली जा सकती है। हर स्कूल में एक शिकायत पेटिका भी होनी चाहिएजहां छात्र अपनी शिकायत दे सकें। अभिभावक शिक्षक समिति शिकायतों की समीक्षा करें। शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा है कि शिक्षा विभाग ब्लॉकजिला व राज्य स्तर पर ऐसी व्यवस्था करें कि बच्चों की शिकायत और कार्रवाई की समीक्षा की जा सके। आरटीई के नियमों का अनुपालन कराते हुए किसी बच्चे को शारीरिक दंड नहीं दिया जाएगा। उसका मानसिक उत्पीड़न नहीं किया जाएगा। इसका उल्लंघन करने वालों पर अनुशासनिक कार्यवाही की जाएगी। किसी बच्चे के साथ जातिधर्मलिंग आधारित दुर्व्यवहार या भेदभाव भी नहीं किया जाएगा। इन आदेशों का सभी स्कूल सख्ती से पालन कराएंगे। बच्चों को झाड़नापरिसर में दौड़ानाचपत जमानाघुटनों के बल बैठानायौन शोषणप्रताड़नाकक्षा में अकेले बंद कर देनाबिजली का झटका देनाअपमानित करके नीचा दिखानेशारीरिक व मानसिक रूप से आघात पहुंचाना प्रतिबंधित कर दिया गया है।

विद्यालयों में पढ़ाई और बच्चोंअभिभावकों की शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए नि:शुल्क टोल फ्री नंबर 1800-889-3277 शुरू किया गया है। महानिदेशक ने निर्देश दिया है कि सभी विद्यालय के नोटिस बोर्ड व मुख्य प्रवेश द्वार पर इस नंबर को लिखा जाए। बच्चे व अभिभावक इस पर शिकायत कर सकते हैं। इस पर आने वाली शिकायतों का निस्तारण और सुझावों की मॉनीटरिंग कर कार्रवाई की जाए।

Read More भूमि चोरों के खिलाफ सख्त कानून लागू किए जाएंगे: मंत्री

#उत्तरप्रदेश, #स्कूलनियम, #शिक्षाविभाग, #बच्चोंकादंड, #SchoolRules, #EducationPolicy, #UPNews, #ChildRights, #SchoolDiscipline, #EducationReform

Read More  मोदी ट्रंप से मिले तो मसला हल होने की उम्मीद