पूर्व सरकारें पैसा लेती थीं, इसलिए आंख नहीं मिला पाती थीं

अधिनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 1510 अनुदेशकों को मिला नियुक्ति पत्र

पूर्व सरकारें पैसा लेती थीं, इसलिए आंख नहीं मिला पाती थीं

पतित लोग आंख उठा कर बात नहीं कर पातेः योगी

लखनऊ07 सितंबर (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश अधिनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा नवचयनित 1510 अनुदेशकों को रविवार को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया। मुख्यमंत्री ने लोकभवन में नवचयनित अनुदेशकों को नियुक्ति पत्र दिए। सीएम ने निष्पक्ष व पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से चयनित अनुदेशकों व अभिभावकों को बधाई दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों पर निशाना साधा और कहा कि आठ वर्ष पहले वे नियुक्ति पत्र वितरण के ऐसे आयोजन नहीं कर पाते थे। पहले भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं होती थीक्योंकि हर प्रक्रिया में कोई न कोई ऐसा व्यवधान होता थाजिस पर माननीय न्यायालय द्वारा रोक लगा दी जाती थी। शिक्षकपुलिसअनुदेशक की भर्ती हो या किसी अन्य विभाग कीइतना पैसा ले लिया जाता था कि वे किसी अभ्यर्थी से आंख मिलाकर बात नहीं कर पाते थे। क्योंकि जब व्यक्ति बेईमानी और भ्रष्टाचार का सहारा लेता है तो उसका नैतिक पतन हो जाता है और वह चेहरा उठाकर बात नहीं कर पाता है। 2017 के पहले सरकार में बैठे लोगों ने यही स्थिति कर दी थीजिससे यूपी का नौजवान हताश और निराश था। जब नौजवान हताश और निराश होगा तो अर्थव्यवस्था नीचे गिरेगी हीलेकिन पिछले साढ़े 8 वर्ष में सामूहिक परिणाम हुए तो आज सरकारी व निजी क्षेत्र में नौकरी के साथ रोजगार भी है। यूपी में अब नौकरियों की बौछार है।

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सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी ने विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिशन रोजगार से अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ने का संकल्प दिया हैहम सभी उसमें सहभागी बन सकें,  इसके लिए यूपी में पिछले 8 वर्ष के दौरान साढ़े 8 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी उपलब्ध कराने में सफलता प्राप्त की है। हर महीने किसी न किसी आयोग-बोर्ड के माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराया गया है। जो सख्ती की गईउसका परिणाम है कि निष्पक्ष भर्ती के तहत चयनित युवाओं ने भी ईमानदारी के साथ सरकार का हिस्सा बनकर अपनी प्रतिभा और ऊर्जा का लाभ यूपी को दिया।

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सीएम योगी ने कहा कि आठ वर्ष पहले आपने अनुभव किया होगा कि यूपी के साथ दो बातें चस्पा थीं। पहली, यूपी का नौजवान-नागरिक प्रदेश के बाहर जाता था तो उसके सामने पहचान का संकट होता था। लोग हेय दृष्टि से देखते थे। इससे नागरिकों के मन में हीन भावना पैदा होती थी। दूसरा,  हमारे ऊपर बीमारू राज्य का लेवल लगा दिया गया था यानि देश के विकास का बैरियरजबकि यह राज्य संसाधनों से भरपूर था। जिस राज्य में ईश्वर को भी किसी न किसी अवतार के रूप में बार-बार आना पड़ा। ऐसा राज्य बीमारू हो जाए,  कोई खुद को सुरक्षित महसूस न कर सके। उस राज्य को पिछले 8 वर्ष के अंदर हम लोगों ने नंबर-2 की अर्थव्यवस्था बनने में सफलता हासिल की। बीमारू राज्य के लेवल को उखाड़कर भारत के विकास के ग्रोथ इंजन के रूप में सफलता प्राप्त की। 25 करोड़ की आबादीजनप्रतिनिधियोंसरकार से जुड़े सभी अधिकारियोंकर्मचारियों और डबल इंजन सरकार ने मिलकर प्रयास किया तब यह परिणाम सामने आए। आज यूपी सबसे तेज गति से अग्रसर प्रदेशों में गिना जाता है। देश में विकास की दर यूपी की सर्वाधिक है। हर क्षेत्र में यूपी अग्रणी स्थानों में है। 2017 के पहले जो प्रदेश बॉटम 5 में थावह आज देश के अंदर अधिकांश स्कीम में नंबर एक पर हैजहां एक पर नहीं हैवहां टॉप थ्री में यूपी को कोई नहीं हटा सकता।

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सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने यूपी के नौजवानों के लिए साफ-सुथरा मंच दिया। चयनित अनुदेशकों को सिफारिश की नौबत नहीं आई होगी। जिसने तैयारी कीउसका चयन हुआ। जिसने नहीं की होगीतैयारी करेगाउसका आने वाले समय में होगा। अब नौकरियों की बौछार हो रही है। कानून व्यवस्था के माध्यम से सुरक्षा का माहौल तैयार किया गया है। दंगामुक्तगुंडागर्दीमाफिया मुक्त की अवधारणा ने यूपी में बड़े-बडे निवेश को आमंत्रित किया है। इसका सर्वाधिक लाभ व्यावसायिक शिक्षाकौशल विकास व उद्यमिता से जुड़े नौजवानों को हुआ। 8 वर्ष में 60 लाख से अधिक ऐसे लोगों को नौकरी मिली। इसमें 14 लाख ऐसे नौजवान हैंजिन्होंने यूपी कौशल विकास के माध्यम से प्रशिक्षण लिया। सीएम ने नियुक्ति पाने वाले युवाओं से कहा कि आवेदन से लेकर नियुक्ति पत्र मिलने तक सिफारिश या लेन-देन नहीं हुआइसलिए सरकार की भी अपेक्षा है कि जब अपनी आईटीआई में जाएं तो ईमानदारी के साथ छात्रों को गाइड करें। टाइमपास करने से तत्काल अपने मन को संतुष्ट कर लेंगेलेकिन समय कभी माफ नहीं करता है। ईमानदारी से किया गया प्रयास परिणाम अवश्य लेकर आता है। 

सीएम ने कहा कि पिछले दिनों लखनऊ में व्यावसायिक शिक्षाकौशल विकास के कार्यक्रम के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ था। आईटीआई पासयूपी स्किल मिशन के माध्यम से उनका चयन हुआ। चयन करने वाली कंपनी उन्हें एक लाख, 75 हजार, 50 हजार दे रही थी। किसी भी नौजवान का चयन 35 हजार से कम में नहीं हुआ। सीएम ने कहा कि 8 वर्ष पहलेजो उद्योग और आईटीआई थेवह भी बंद हो रहे थेलेकिन अब सरकार 300 से अधिक आईटीआई चला रही है। 8 वर्ष में सरकार के स्तर पर 60 नए आईटीआई बनाए गएनिजी क्षेत्र में भी 3000 से अधिक आईटीआई बने हैं। वर्तमान में 100 ऐसे ट्रेड चल रहे हैंजो ग्लोबल मार्केट की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए स्किल मैन पावर की आपूर्ति कर सकें। यदि इलेक्ट्रीशियन व प्लंबिंग का ट्रेड है तो आर्टिफिशियलरोबोटिक व ड्रोन टेक्नोलॉजी का भी है।

सीएम योगी ने कहा कि 8 वर्ष पहले यूपी में परंपरागत उद्यम के क्लस्टर भी बंद होने के कगार पर थे। 400 वर्ष पहले की बात करेंगे तो यूपी देश के सबसे समृद्ध राज्यों में था। यहां विदेशी आक्रांताओं के हमले भी हुएअंग्रेजों ने भी लूटा। देश जब 1947 में स्वतंत्र हुआतब भी यूपी भारत की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। 1960 तक यूपी का योगदान भारत की अर्थव्यवस्था में 14 फीसदी थालेकिन 1960 के बाद इसमें गिरावट प्रारंभ हुई। 2016 आते-आते यूपी का योगदान महज 8 फीसदी के आसपास रह गया। इन लोगों के कारनामों ने नंबर एक से नंबर आठ तक पहुंचा दिया। जब नीतियां स्वयं के स्वार्थ और वोटबैंक की चिंता करकेपरिवार के हितों के संरक्षण को लेकर बनाई जाती हैं तो वह दुर्गति की तरफ से लेकर जाती हैं।

सीएम ने कहा कि आठ वर्ष पहले त्यौहारों पर उत्साह के बजाय लोगों के मन में भय होता था। आज पूर्णिमा है। रात्रि में चंद्रग्रहण लगेगा। अभी गणपति महोत्सवबारावफात आयालेकिन कहीं दंगा-गुंडागर्दी नहीं हुई। अयोध्याकाशीप्रयागराजगढ़मुक्तेश्वर में लाखों लोग स्नान कर रहे हैं। हर कोई श्रद्धा के अनुरूप जा रहा है। हर किसी को त्यौहार मनाने की स्वतंत्रता है। सरकार सुविधा उपलब्ध करा रही है।

सीएम ने पीएम के वोकल फॉर लोकल की चर्चा की। यूपी में देश में छाए ओडीओपी का जिक्र करते हुए कहा कि हस्तशिल्पी व कारीगर हर व्यवस्था की जान होते हैं। इनके बिन सिस्टम नहीं चल सकता। महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज का जिक्र करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतनगर निकाय आत्मनिर्भर हो जाए तो प्रदेश-देश को आत्मनिर्भर होने से कोई नहीं रोक सकता। आत्मनिर्भर होना ही विकसित होने की पहली शर्त है। पीएम ने देश की अर्थव्यवस्था को 11वीं से चौथी बना दिया। एक-दो वर्ष में भारत तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा। इसके बाद नंबर एक और दो की लड़ाई के लिए खुद को तैयार करना है। 140 करोड़ भारतवासी सामूहिक प्रयास करेंगे तो परिणाम अवश्य आएगा।

सीएम ने नवचयनितों से कहा कि सीखने और सिखाने में कोई गुरेज नहीं करनी चाहिए। आपने जब ट्रेडिंग ली होगीतब उस प्रकार का ट्रेड न रहा होलेकिन आप सीखेंगे और पारंगत होंगे तो नए लोगों को ट्रेंड करेंगे। आपके द्वारा प्रशिक्षित युवा इतना सुयोग्य हो कि जो भी वहां से निकलेग्लोबल मार्केट में उसकी स्किलिंग पर कोई प्रश्नचिन्ह न खड़ा करे। सीएम ने व्यावसायिकउद्यमिता व कौशल विकास विभाग से कहा कि अकेले रोजगार मेले न लगाएंबल्कि एमएसएमई व श्रम-सेवायोजन विभाग को जोड़कर अभियान चलाएंगे तो यूपी में लाखों नौजवानों के लिए रोजगार की सुविधा उपलब्ध करा सकते हैं।

सीएम ने कहा कि 2017 के पहले परंपरागत उद्यम बीमार थाहताशा- निराशा थी। सरकार ने हर तरह से सपोर्ट किया तो दो करोड़ लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ था। यूपी में आज 96 लाख एमएसएमई यूनिट है। समय पर उठाया गया कदम ही संकट का साथी होता है। कोविड में अन्य राज्यों से यूपी का श्रमिक पलायन को मजबूर हुआ तो 40 लाख श्रमिकों को इन्हीं एमएसएमई यूनिट में समाहित किया। इससे कोई भी व्यक्ति खाली हाथ नहीं रहा। सुरक्षा के बेहतर माहौल से निवेश आया। 15 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतरे तो 60 लाख से अधिक नौजवानों के लिए नौकरी व रोजगार की सुविधा प्राप्त हुई।

सीएम ने कहा कि सरकारी नौकरियों ने भी नई गति दी है। पीईटी की परीक्षा चल रही है। उसमें 25 लाख युवा बैठे हैं। इन युवाओं के लिए अलग-अलग सेक्टर में नौकरी की व्यवस्था करनी है। यूपी इन्हें यह अवसर दे सकता है। 25 लाख के स्केल को स्किल से जोड़ देंगे तो हर हाथ को काम मिलेगाकोई बेरोजगार नहीं होगा। बड़े-बड़े रोजगार मेलों में लोगों से कहा जाता है कि आप तय कीजिए कि कहां जाना चाहते हैं। सीएम ने युवा उद्यमी स्कीम की पूरी जानकारी दी और कहा कि यह युवाओं को आगे बढ़ाने वाली योजनाएं हैं। जनवरी से प्रारंभ इस स्कीम से अब तक 70 हजार से अधिक युवा आच्छादित हो चुका है। हर वर्ष एक लाख युवा को इस स्कीम से जोड़ने वाले हैं।

सीएम ने व्यावसायिक शिक्षा विभाग से कहा कि हर आईटीआई में करियर काउंसिलिंग सेल खोले। वहां बच्चों को शुरू से ही प्रशिक्षण दिलाया जा सकता है। प्रदेश में अलग-अलग इंडस्ट्री,  मार्केट की डिमांड को देखते रहें। विभिन्न एंबेसी से संवाद बनाएं। अलग-अलग राज्यों,  देश व दुनिया में कैसा मैनपॉवर चाहिएउसी के अनुरूप लैग्वेंज का अभ्यासट्रेड विकसित करकेस्किल मैनपॉवर उपलब्ध करा पाएंगे तो यूपी 2047 के पहले-पहले खुद को विकसित करने के उद्देश्य में सफल हो पाएगा। कार्यक्रम में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिलदेव अग्रवाल,  विधायक डॉ. नीरज बोराविधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मालालजी प्रसाद निर्मलरामचंद्र प्रधान,  इंजीनियर अवनीश सिंहप्रभारी मुख्य सचिव दीपक कुमारप्रमुख सचिव हरिओम आदि मौजूद रहे।

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