चारों तरफ बाढ़ से तबाही का मंजर

जम्मू-कश्मीर के बाद पंजाब, हरियाणा, यूपी बाढ़ की चपेट में

 चारों तरफ बाढ़ से तबाही का मंजर

पंजाब में 46 और हरियाणा में 24 लोगों की मौत

नई दिल्ली, 07 सितंबर (एजेंसियां)। जम्मू कश्मीर की तबाही के बाद बाढ़ का कहर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर टूट रहा है। बाढ़ के कारण पंजाब में स्थिति अत्यंत खराब है। भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों से उफनती नदियों ने पंजाब के 23 जिलों में तबाही मचा दी है। इस आपदा में अब तक 46 लोगों की जान जा चुकी है। लगभग 1.75 लाख हेक्टेयर में फैली फसलों को भारी नुकसान हुआ है। करीब 2,000 गांव प्रभावित हुए हैं। लाखों लोग इस त्रासदी से जूझ रहे हैं। भारत सरकार ने पंजाब में युद्ध स्तर पर राहत व्यवस्था तेज कर दी है।

सतलजब्यासऔर रावी जैसी प्रमुख नदियों के साथ-साथ मौसमी नालों में भारी बारिश के कारण पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। पंजाब में हाल के दिनों में हुई मूसलाधार बारिश ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। पोंग डैम का जलस्तर शनिवार को 1,394.19 फीट पर थाजो सामान्य सीमा 1,390 फीट से चार फीट ऊपर है। भाखड़ा डैम में भी पानी का स्तर 1,678.14 फीट दर्ज किया गया। इन डैमों से पानी का बहाव कम होने के बावजूदगांवों में पानी भरा हुआ हैजिससे लोग बेघर हो गए हैं। गुरदासपुर जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हैजहां 329 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। होशियारपुर और अमृतसर में सात-सात लोगों की मौत हुईजबकि पठानकोट में छह और बरनाला में पांच लोगों ने जान गंवाई। लुधियानाबठिंडामानसागुरदासपुररूपनगरऔर अन्य जिलों में भी मौतें दर्ज की गई हैं। कुल 3.87 लाख लोग इस बाढ़ से प्रभावित हैंऔर 22,854 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), सेनासीमा सुरक्षा बलपंजाब पुलिसऔर जिला प्रशासन दिन-रात राहत कार्यों में जुटे हैं। करीब 200 राहत शिविर स्थापित किए गए हैंजहां 7,000 से ज्यादा विस्थापित लोग शरण लिए हुए हैं। एनडीआरएफ  की 23 और एसडीआरएफ  की दो टीमें 144 नावों के साथ बचाव कार्यों में लगी हैं। पंजाब सरकार ने विशेष गिरदावरी शुरू की है ताकि नुकसान का आकलन कर मुआवजा दिया जा सके। पंजाब 1.75 लाख हेक्टेयर खेत बर्बाद हो चुके हैं। धानकपासगन्नाऔर अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ हैजिससे किसानों की आजीविका पर गहरा संकट मंडरा रहा है। घग्गर नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर हैजिसने स्थिति को और जटिल बना दिया है।

पंजाब के पड़ोसी हरियाणा के पांच जिलों में माइनर, ड्रेनें और तटबंध टूट गए हैं। सौ से ज्यादा गांवों में पानी भर गया है। कैथलसिरसा और हिसार में घग्गर ओवरफ्लो होकर बह रही है। इससे 2748 गांवों में जलभराव हो गया है। यमुना में कटाव जारी है। बारिश और नदियों के उफान में कमी आने के बावजूद हरियाणा के आठ जिलों को जलभराव से कोई राहत नहीं मिल पाई है। कैथलसिरसा व हिसार में घग्गर नदी व ड्रेन ओवरफ्लो होकर तबाही मचा रही हैं जबकि फरीदाबाद में यमुना व कुरुक्षेत्र में मारकंडा खतरे के निशान पर बह रही है। शनिवार को इन पांचों जिलों में तीन तटबंधदो-दो ड्रेनें व माइनरएक छोटा बांध टूट गया। इससे 100 से अधिक गांवों में पानी भर गया और हजारों एकड़ फसल प्रभावित हुई है। इसके अलावा सोनीपतकरनाल और यमुनानगर में लगातार भूमि कटाव हो रहा है। इससे लोगों की फसलें व भूमि पानी के साथ बह रही है। प्रदेश में 2,748 गांवों में लोग पहले ही जलभराव का दंश झेल रहे हैं।

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इसी बीच अंबाला में दो लोग बरसाती नदी में बह गए जबकि एक बच्चे की खेतों में टांगरी नदी का पानी भरने से मौत हो गई। पुलिस के अनुसार अंबाला में पंजाब की सीमा से सटे भुनी गांव में खेतों में जलभराव में पांच बच्चे नहाने चले गए। चार को तो बचा लिया गया जबकि मनवीर (12) लापता हो गया। इसी तरह दुखेड़ी गांव में बरसाती नदी ओमना की पुलिया से गुजरते समय ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित होकर पानी में समा गई। इससे दो लोग बह गए। भिवानी के गांव सागवान में जलभराव में भी एक व्यक्ति का शव मिला है।

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हरियाणा के 12 जिले बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। 27 साल बाद सामान्य से 48% ज्यादा बारिश से चारों प्रमुख नदियां यमुनामारकंडाटांगरी और घग्घर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। अंबालाफतेहाबादकुरुक्षेत्र, यमुनानगरकैथलरोहतकपलवलसिरसा व दादरी के हजारों घर पानी में घिरे हैं। अब तक 24 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। 1.92 लाख किसानों की 11 लाख एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा है। पलवलफरीदाबादफतेहाबादभिवानीकुरुक्षेत्र व अंबाला में 2,247 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। झज्जर के बहादुरगढ़ में सेना के जवान भी बचाव अभियान में जुटे हुए हैं। हाल ये है कि प्रदेश के पांच नेशनल हाईवे पर यातायात बाधित चल रहा है। 

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उत्तर प्रदेश के मथुरा और वृंदावन में बाढ़ के चलते हालात भयावह होते जा रहे हैं। यमुना का पानी रिहायशी इलाकों तक पहुंच गया है। जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया है। डीएम और एसएसपी रविवार को प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुंचे। जलस्तर और बढ़ने से बस्तियों की तरफ पानी काफी बढ़ गया है। लक्ष्मीनगर क्षेत्र की तिवारीपुरम कॉलोनी के साथ ही आसपास के आधा दर्जन गांवों में बाढ़ के हालात विकराल हो गए हैं। पूरे दिन यमुना का पानी सड़क पार कर कॉलोनियों में भरता रहा। सड़क पर बहाव इतना तेज था कि आवागमन में भी परेशानी हुई। वहीं आसपास के गांव ईसापुरहंसगंज आदि में सात से आठ फीट तक पानी भर गया। यहां मकान एक मंजिल तक डूब गए हैं। इलाके में साफ पानी की आपूर्ति ठप है। बिजली न आने से नलकूप नहीं चल रहे हैं। ऐसे बारिश के पानी को ही जमा करके पीने को मजबूर हैं। टंकी और बाल्टियों में बारिश का पानी जमा कर लिया हैउसी को छानकर पी रहे हैं। बिजली की कटौती के कारण नौहझील क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों का संकट और गहरा गया है।

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